नई दिल्ली। सुशांत सिंह राजपूत केस (Sushant Singh Rajput Death News) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court on Sushant Rajput Case) बुधवार को अपना फैसला सुनाएगी। पटना में दर्ज केस मुंबई ट्रांसफर करने की रिया की गुहार पर सुप्रीम कोर्ट को फैसला सुनाना है। साथ ही मामला सीबीआई को ट्रांसफर करने और केस दर्ज करने के जूरिडिक्शन पर भी सवाल उठाया गया है। मामले में सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।
बिहार सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस ने अभी तक केस दर्ज नहीं किया क्योंकि राजनीतिक दबाव है। वहीं महाराष्ट्र सरकार की ओर से आरोप लगाया गया कि बिहार में चुनाव होने वाला है इसलिए मामले राजनीति किया जा रहा है चुनाव बीतते ही सब भूल जाएंगे। बहरहाल रिया चक्रवर्ती (Ria Chakravarthi ) की केस ट्रांसफर करने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट के सामने पटना में केस दर्ज किए जाने पर सवाल उठाया गया था और बिहार पुलिस के जूरिडिक्शन पर सवाल किया गया था। साथ ही मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर किए जाने पर भी सवाल किया गया है। इन तमाम सवालों पर सुप्रीम कोर्ट अपना जवाब देगी।
रिया चक्रवर्ती की ओर से दलील
घटना मुंबई की है और जूरिडिक्शन भी महाराष्ट्र पुलिस की बनती है। लेकिन बिहार पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। पटना में घटना नहीं हुई। रिया के खिलाफ पॉलिटिकल फोर्स का इस्तेमाल किया गया है। मामले को राजनीतिक एजेंडा की तरह इस्तेमाल किया गया ताकि राजनीतिक लाभ लिया जा सके।मामले में पटना पुलिस का जूरिडिक्शन नहीं बनता है केस मुंबई ट्रांसफर होना चाहिए।
बिहार सरकार के वकील मनिंदर सिंह
रिया ने खुद सीबीआई जांच की मांग की थी। मुंबई पुलिस ने 56 लोगों का बयान दर्ज किया। लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं किया। महाराष्ट्र में पुलिस पर राजनीतिक दबाव है। राजनीतिक दबाव के कारण एफआईआर दर्ज नहीं हो रहा है। बिहार पुलिस के एसपी को वहां क्वारंटीन किया गया।
महाराष्ट्र सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी
बिहार सरकार का मामले में जूरिडिक्शन नहीं है। ये संघीय ढांचे का सवाल है। घटना मुंबई में हुआ है। कानून का सिर मरोड़ दिया गया। सीआरपीसी का मर्डर किया जा रहा है। बिहार में चुनाव है और चुनाव के बाद कोई इस केस को नहीं देखेगा।
सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह
विकास सिंह ने कहा कि हम फेयर जांच चाहते हैं। हम मुंबई पुलिस पर विश्वास नहीं कर सकते। रिया ने पूरा कंट्रोल कर रखा था लेकिन मुंबई पुलिस ने उस मामले में छानबीन नहीं की है। सुशांत की मौत हो गई। जब उसका दरवाजा खोला गया तो सुशांत की बहन वहां 10 मिनट में पहुंचने वाली थी, लेकिन उसका इंतजार नहीं किया गया और नहीं देख पाए कि क्या वह पंखे से लटका हुआ था?
केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता
मुंबई पुलिस ने बिना एफआईआर दर्ज किए 56 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया। बिना कानून का पालन किए ये सब मुंंबई पुलिस कर रही है। बिहार में केस दर्ज हुआ है। ये केस सीबीआई जांच के लिए सिफारिश की गई और फिर केस दर्ज किया गया।