Bitcoin ने फिर तोड़े तेजी के रिकॉर्ड, कीमत 106000 डॉलर के पार पहुंची

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नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमतों में एक बार फिर उछाल देखने को मिल रहा है। सोमवार को बिटकॉइन की कीमत 106,000 डॉलर के पार पहुंच गई। बिटकॉइन के प्राइस में यह तेजी डोनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह तेल रिजर्व के समान बिटकॉइन स्ट्रेटिजिक रिजर्व बनाने की सोच रहे हैं।

दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे फेमस क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन 106,533 डॉलर के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गई। इससे पिछले सेशन में इसका भाव 105,688 डॉलर पर रहा था। वहीं, छोटे क्रिप्टो ईथर का भाव लगभग 3 प्रतिशत बढ़कर 4,014 पर पहुंच गया।

आईजी के एनालिस्ट टोनी सिकामोर ने कहा, “बाजार जिस अगले आंकड़े की तलाश में है और वह 110,000 डॉलर है। जिस पुलबैक का बहुत से लोग इंतजार कर रहे थे वह नहीं हुआ, क्योंकि अब हमें यह खबर मिल गई है।

बिटकॉइन में नहीं थम रही तेजी: पांच नवम्बर को आए अमेरिकी चुनाव के नतीजों के बाद से बिटकॉइन की कीमत 50% से ज्यादा चढ़ चुकी है। डेटा प्रोवाइडर कॉइनगेको के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी बाजार का कुल वैल्यू पिछले वर्ष में अब तक लगभग दोगुना होकर 3.8 ट्रिलियन डॉलर से अधिक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।

ट्रम्प ने इस महीने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्रिप्टोकरेंसी के लिए व्हाइट हाउस के राजा को नामित किया, पूर्व पेपाल कार्यकारी डेविड सैक्स, ट्रम्प सलाहकार और मेगाडोनर एलोन मस्क के करीबी दोस्त। ट्रम्प ने यह भी कहा कि वह सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज के प्रमुख के लिए प्रो-क्रिप्टो वाशिंगटन वकील पॉल एटकिंस को नामित करेंगे।

ट्रंप ने क्या कहा: यह पूछे जाने पर कि क्या वह आयल रिजर्व की तरह ‘क्रिप्टो रिजर्व’ बनाने की योजना बना रहे हैं तो ट्रम्प ने कहा, “हां, मुझे ऐसा लगता है।” अन्य देश भी क्रिप्टोकरेंसी के स्ट्रेटिजिक रिजर्व पर विचार कर रहे हैं।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस महीने की शुरुआत में देश के रिजर्व को विदेशी मुद्राओं में रखने की आवश्यकता पर सवाल उठाया था और कहा था कि ऐसे रिजर्व में घरेलू निवेश अधिक आकर्षक है।

पुतिन ने कहा कि वर्तमान अमेरिकी प्रशासन राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अमेरिकी डॉलर का उपयोग करके वैश्विक अर्थव्यवस्था में रिजर्व करेंसी के रूप में इसकी भूमिका को कम कर रहा है, जिससे कई देशों को क्रिप्टोकरेंसी समेत वैकल्पिक परिसंपत्तियों की ओर रुख करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।