कोटा शहर में खुलेंगे आधुनिक सरस पॉर्लर, मिलेगी देशी घी की जलेबी एवं केसर का दूध

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कोटा डेयरी के चेयरमैन चैन सिंह राठौड़ पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए। फोटो सुधींद्र गौड़

गुणवत्तापूर्ण शुद्ध दूध बनेगा कोटा सरस डेयरी की पहचान: चैन सिंह राठौड़

कोटा। कोटा-बूंदी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि. कोटा के अध्यक्ष चैन सिंह राठौड़ ने बताया कि जल्द ही कुछ चुनिंदा छह स्थानों पर आधुनिक सरस पॉर्लर खोले जाएंगे। इन पॉर्लर पर शुद्ध देशी घी की जलेबी, समोसे, केसर का दूध, दही, मक्खन, छाछ, घी, पनीर और दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थ ग्राहकों को उपलब्ध कराये जाएंगे।

यह जानकारी उन्होंने शनिवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि यह पॉर्लर जल्द ही कोटा शहर में कोचिंग सेंटर, रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड, भामाशाह मण्डी के समीप देखने को मिलेंगे। राठौड़ ने बताया कि उन्होंने 19 अप्रैल से कार्यभार संभालने के बाद डेयरी की प्रगति की ओर ध्यान देना शुरू किया है। कोटा-बूंदी जिला समितियों के माध्यम से प्राप्त दूध की आवक पहले 57 हजार लीटर थी। डेयरी की उत्पादकता में वृद्धि करते हुए उन्होंने 1 माह की अल्पावधि में 1 लाख लीटर दूध की आवक कर दी है।

राठौड ने कहा कि प्रबंधक प्रमोद चारण एवं स्टाफ के सहयोग से इसी प्रकार सप्लाई में 52 हजार लीटर दूध के स्थान पर वर्तमान में 74 हजार लीटर दूध सप्लाई किया जा रहा है। उन्होने कहा कि गर्मी के मौसम में प्राय: दूध की कमी रहती है इसके बावजूद डेयरी की उत्पादकता में वृद्धि दर्ज की गई है।

दुग्ध उत्पादकों के बने साथी
राठौड़ ने बताया कि कोटा दुग्ध संघ के कार्य के जिलों में आने वाले गांवों के दुग्ध उत्पादकों की मांग पर उक्त गांव के सर्वे के उपरान्त बीएमसी समिति से जुडने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। हमने ग्रामीणों के साथ निकटता जोड़ी है, उनकी समस्याओं को समझ कर उन्हें डेयरी से मिलने वाली सुविधाओं को शत-प्रतिशत लागू करवाया है। राठौड़ ने कहा कि दुग्ध उत्पादक  को उसके दूध का समय पर भुगतान हो इसकी विशेष व्यवस्था की गई है। समय पर भुगतान व सुविधाओ के चलते ही डेयरी में दूध की आवक बढ़ी है। प्रथम बोर्ड बैठक के बाद दरों में बढोतरी करते हुए 800 रुपये प्रति फेट एवं राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के तहत 5 रुपये प्रति लीटर की दर से अतिरिक्त दिया जा रहा है।

शुद्ध के लिए युद्ध
राठौड़ ने बताया कि दूध की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चला रखा है। जिसमें विभिन्न समितियों से आने वाले दूध की निगरानी की जाती है। दूध की जांच अत्याधुनिक मशीनों से की जाती है। यदि उचित मानदंडों के आधार पर दूध नहीं निकलता है, तो वह दूध डेयरी के माध्यम से सप्लाई के लिए नहीं भेजा जाता है। समिति को नोटिस भी दिया जाता है। साथ ही समस्त दूध को ड्रेन कर नष्ट किया जाता है।

3500 लीटर दूध मिलावटी पकड़ा
उन्होंने बताया कि 19 मई को कापरेन मार्ग से आने वाले टैंकर से 3500 लीटर दूध मिलावटी पाया गया जिसे पूर्ण रूप से नष्ट कर दिया गया है। उन्होने कहा कि कोटा शहर में शुद्ध व गुणवत्ता पूर्ण दूध की सप्लाई होगा। दूध की गुणवत्ता व शुद्धता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

जनता को मिलेगा फ्लेवर्ड दूध
कोटा की जनता को जल्द ही फ्लेवर्ड दूध की सौगात मिलने वाली है। डेयरी ने अपने कार्यक्षेत्र में विस्तार करते हुए नेशनल प्रोग्राम फॉर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत स्वीकृति प्राप्त की है। कोटा डेयरी पर फ्लेवर्ड दूध तैयार किया जाएगा। इसके लिए 1.93 करोड़ की लागत से मशीनरी स्थापित की जा चुकी है। इस प्लांट में वर्तमान में 2 हजार बोटल प्रति बैच की ट्रायल रन भी पूर्ण कर लिया है।

हर गली तक है सरस की पहुंच
सरस दूध कोटा की हर गली-मोहल्ले तक पहुंच है। जनता की आवश्यकता के अनुसार इसे गोल्ड दूध, स्टैण्डर्ड दूध, होमोजनाईज्ड सरस, चाय स्पेशल दूध, टोण्ड दूध एवं डबल टोण्ड दूध 6 लीटर, 1 लीटर, आधा लीटर एवं 200 मि.ली. पैकिंग में उचित मूल्य पर उपलब्ध कराया जाता है। कोटा दुग्ध संघ द्वारा शहर की हर गली में दुग्ध बिक्री केन्द्र खोलने का प्रयास किया जाएगा।

दूध के अतिरिक्त अन्य उत्पाद की भी है मांग
राठौड़ ने बताया कि कोटा की जनता ने सरस पर जो विश्वास कायम किया है हम उसे दोगुना करेंगे। कोटा की जनता दूध के अतिरिक्त अन्य उत्पादों के प्रति भी आकर्षित रहती है। वर्तमान में दूध संघ द्वारा दूध बिक्री के साथ-साथ घी, छाछ, लस्सी, पनीर, श्रीखण्ड, मावा, दही आदि दूध उत्पाद संघ के डेयरी प्लांट पर तैयार कर एवं फ्लेवर्ड मिल्क, आइसक्रीम, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, इत्यादि दुग्ध उत्पाद अन्य संघों से क्रय कर उनकी बिक्री कोटा एवं आसपास के अन्य शहरों / कस्बों में की जाती है।

39 करोड़ का घी और पाउडर का स्टॉक
राठौड़ ने बताया कि विभिन्न समितियों से आने वाले दूध से प्लांट में विभिन्न उत्पाद बनाए जाते हैं। वर्तमान में स्टॉक में कुल 39 करोड़ 84 लाख 21 हजार का उत्पाद सुरक्षित है।