Thursday, December 25, 2025
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CA Admit Card: सीए इंटरमीडिएट और फाइनल परीक्षा का प्रवेश पत्र जारी

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नई दिल्ली। ICAI CA Admit Card OUT: इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने जनवरी 2026 सत्र के लिए सीए इंटरमीडिएट और फाइनल परीक्षा का प्रवेश पत्र जारी कर दिया है।

जिन उम्मीदवारों ने इस सत्र के लिए पंजीकरण कराया है, वे अपने एडमिट कार्ड को आधिकारिक वेबसाइट icai.org से डाउनलोड कर सकते हैं। एडमिट कार्ड परीक्षा में प्रवेश के लिए अनिवार्य दस्तावेज है।

परीक्षा तिथियां
सीए जनवरी 2026 फाइनल परीक्षा के लिए Group 1 का आयोजन 5, 7 और 9 जनवरी को और Group 2 का आयोजन 11, 13 और 16 जनवरी को किया जाएगा। पेपर 1 से 5 के लिए समय दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक है, जबकि पेपर 6 के लिए समय दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे रखा गया है। उम्मीदवारों को पेपर 1-5 के लिए 3 घंटे और पेपर 6 के लिए 4 घंटे मिलेंगे।

सीए इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए ग्रुप 1 का आयोजन 6, 8 और 10 जनवरी और Group 2 का आयोजन 12, 15 और 17 जनवरी को किया जाएगा। इंटरमीडिएट परीक्षा के सभी पेपर का समय दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित किया गया है, और प्रत्येक पेपर के लिए उम्मीदवारों को 3 घंटे का समय मिलेगा।

फाउंडेशन परीक्षा 18, 20, 22 और 24 जनवरी 2026 को आयोजित की जाएगी। पेपर 1 और 2 का समय दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक (3 घंटे) और पेपर 3 और 4 का समय दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे तक (2 घंटे) रखा गया है। यह परीक्षा सभी फाउंडेशन स्तर के उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य है।

सीए जनवरी 2026 परीक्षा सारणी 

परीक्षा प्रकारग्रुपपरीक्षा तिथियांपेपर और समयअवधि
CA फाइनलग्रुप 15, 7, 9 जनवरी 2026पेपर 1-5: 2 PM – 5 PM3 घंटे
   पेपर 6: 2 PM – 6 PM4 घंटे
 ग्रुप 211, 13, 16 जनवरी 2026ग्रुप 1 के अनुसारसमान
CA इंटरमीडिएटग्रुप 16, 8, 10 जनवरी 2026सभी पेपर: 2 PM – 5 PM3 घंटे प्रत्येक
 ग्रुप 212, 15, 17 जनवरी 2026सभी पेपर: 2 PM – 5 PM3 घंटे प्रत्येक
CA फाउंडेशनसभी ग्रुप18, 20, 22, 24 जनवरी 2026पेपर 1–2: 2 PM – 5 PM3 घंटे
   पेपर 3-4: 2 PM – 4 PM2 घंटे

ऐसे डाउनलोड करें प्रवेश पत्र

  1. सबसे पहले ICAI की आधिकारिक वेबसाइट icai.org पर जाएं।
  2. अब वेबसाइट के होम पेज पर “Students” सेक्शन या “Examination” सेक्शन में जाएं।
  3. वहां “Admit Card” या “Download Admit Card” लिंक पर क्लिक करें।
  4. लॉगिन पेज खुलने पर अपना रजिस्ट्रेशन नंबर/रोल नंबर और पासवर्ड/डेट ऑफ बर्थ डालें।
  5. “Login” बटन पर क्लिक करें।
  6. आपका Admit Card स्क्रीन पर दिखेगा, जिसे आप डाउनलोड कर सकते हैं।
  7. डाउनलोड करने के बाद Admit Card का प्रिंट आउट जरूर ले लें।

विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा में ‘वीबी-जी-राम-जी’ विधेयक पारित

नई दिल्ली। विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा से ‘वीबी-जी-राम-जी’ विधेयक पारित हो गया है और ओम बिरला ने कार्यवाही स्थगित कर दी।  संसद में आज विपक्षी दलों के हंगामे के बीच शिवराज सिंह चौहान ने विकसित भारत जी-राम-जी विधेयक पर विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार का जवाब सुनना ही नहीं चाहता।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने सरकार की तरफ से जारी आंकड़े पेश करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने फंड का दुरुपयोग किया, लेकिन हमारी सरकार ने विकास कार्यों पर खर्च करने पर जोर दिया। शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया कि सरकार किसानों के साथ-साथ गरीबों के कल्याण के लिए विधेयक लाई है, जिसका विरोध किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, सबसे पहले इस पवित्र सदन में मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं। सभापति महोदय को धन्यवाद देना चाहता हूं। इस विषय पर हमने माननीय सदस्यों के विचार सुने हैं। अब जवाब देना मेरा अधिकार है। मैं आपसे संरक्षण चाहता हूं।

मैंने रात के डेढ़ बजे तक माननीय सदस्यों की बात सुनी है। अपनी बात सुना देना और फिर जवाब न सुनना ये लोकतांत्रिक परंपराओं को तार-तार करना है। संविधान की धज्जियां उड़ाना है।

ये बापू के आदर्शों की हत्या भी कर रहे हैं। अपनी बात सुना दो और हमारी न सुनो। ये भी हिंसा है। यह बापू के आदर्शों की हत्या करने का काम कांग्रेस और बाकी विपक्ष कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, सबसे पहले मैं पूज्य बापू (राष्ट्रपति महात्मा गांधी) के चरणों में प्रणाम करना चाहता हूं। बापू हमारी श्रद्धा हैं। बापू जी हमारे आदर्श हैं। बापू हमारी प्रेरणा हैं। बापू हमारे विश्वास हैं।

इसलिए माननीय अध्यक्ष महोदय भारतीय जनता पार्टी ने अपने पंच निष्ठाओं में गांधी के सामाजिक-आर्थिक दर्शन को स्थान दिया है। हम गांधी जी के आदर्शों पर चलने वाले हैं। गांधी जी ने ही कहा था कि गांव भारत की आत्मा है। अगर गांव मर जाएंगे, भारत मर जाएगा।

किसी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करते: कृषि मंत्री ने कहा, यह गांवों के विकास का विधायक है। माननीय प्रतिपक्षी सदस्यों ने कई तरह के आरोप लगाए। एक बात यह कही कि हम भेदभाव करते हैं। सारा देश हमारे लिए एक है। चेन्नई हो या गुवाहाटी, अपना देश-अपनी माटी। अलग भाषा-अलग वेष, फिर भी अपना एक देश।

उन्होंने आगे कहा, मैं इनको बताना चाहता हूं कि अटल जी ने क्या कहा था। माननीय अध्यक्ष महोदय, हम देश के किसी भी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करते। हमारे नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था – यह देश हमारे लिए जमीन का टुकड़ा नहीं है, जीता-जाता राष्ट्र पुरुष है।

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी की टिप्पणी पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सनक मोदी सरकार पर सवार नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने खानदान का महिमामंडन करने के लिए इन्होंने महात्मा गांधी की बजाय केवल नेहरू परिवार के नाम पर सरकारी योजनाओं का नामकरण किया।

कांग्रेस पर खानदान के महिमामंडन में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए शिवराज ने कहा कि नेहरू परिवार के नाम पर योजनाओं के नाम रखे गए। उन्होंने दावा किया कि 25 नाम स्वर्गीय राजीव गांधी और 27 नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रखे गए। इसके अलावा शैक्षणिक संस्थानों, सड़कों, इमारतों, अवार्ड्स के नाम भी इसी खानदान के लोगों के नाम पर रखे गए।

भारत को मिली ब्रिक्स की बादशाहत; डोनाल्ड ट्रंप को लगी मिर्ची, जानिए क्यों

नई दिल्ली। BRICS presidency to India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सख्त तेवर और उनके फैसलों के कारण कई देशों व संस्थाओं पर बढ़ते दबाव के बीच ब्रिक्स की कमान अब भारत के हाथों के आ गई है।

ब्राजील से भारत को ब्रिक्स की अध्यक्षता का हस्तांतरण केवल औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि गहरे प्रतीकवाद से भरा रहा। खासकर तब जब अमेरिका के एकतरफा फैसले वैश्विक व्यवस्था को झकझोर रहे हैं। 2024 में रूस से मिले स्टील के हथौड़े के बाद, ब्राजील ने भारत को अमेजन वर्षावन की पुनर्चक्रित लकड़ी से बना हथौड़ा सौंपा।

ब्राजील के ब्रिक्स शेरपा मौरिसियो लिरियो के मुताबिक, यह प्रतीक सतत विकास और आपसी सहयोग की जड़ों को दर्शाता है, साथ ही भारत की आगामी अध्यक्षता पर विश्वास भी जताता है। ब्रिक्स की अध्यक्षा संभालने के साथ ही भारत ने कई बड़े बदलाव के संकेत दे दिए हैं। भारत आधिकारिक रूप से 1 जनवरी से ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालेगा।

11 देशों के प्रतिनिधियों ने किया आकलन
11–12 दिसंबर को ब्रासीलिया में हुई BRICS शेरपाओं की बैठक में केवल प्रतीकों पर नहीं, बल्कि उपलब्धियों की समीक्षा पर भी जोर रहा। 11 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने ब्राजील की अध्यक्षता के तहत 2025 तक की प्रगति का आकलन किया। ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा ने कहा कि ब्रिक्स की प्रासंगिकता अब आम लोगों के जीवन पर पड़ने वाले असर से मापी जाएगी, न कि केवल कूटनीतिक घोषणाओं से।

ब्राजील ने अपनी अध्यक्षता में ब्रिक्स को सततता और समावेशी विकास के इर्द-गिर्द केंद्रित रखा। जुलाई में रियो डी जेनेरियो में हुए शिखर सम्मेलन में तीन अहम घोषणाएं हुईं। जिसमें एआई के शासन पर, जलवायु वित्त ढांचे पर और सामाजिक कारणों से फैलने वाली बीमारियों के उन्मूलन के लिए साझेदारी पर। बहुपक्षीय व्यवस्था पर बढ़ते अविश्वास के बीच भी ब्रिक्स ने संवाद और सहयोग का मंच बने रहने का संदेश दिया।

ब्राजील में ब्रिक्स की अध्यक्षता ऐसे समय में रही, जब ट्रंप प्रशासन ने ब्रिक्स पर अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने का आरोप लगाया और समूह के देशों पर 100% तक टैरिफ की धमकी दी। भारत और ब्राजील दोनों ही ट्रंप की व्यापार नीतियों के निशाने पर रहे।

भारत ने किए बदलाव
अब 2026 के लिए भारत की अध्यक्षता ऐसे वक्त में शुरू हो रही है, जब ट्रंप के दूसरे कार्यकाल ने वैश्विक व्यापार और कूटनीति को अस्थिर कर दिया है। भारत ने साफ किया है कि उसकी ब्रिक्स की अध्यक्षता लचीलापन, नवाचार, सहयोग और सततता पर आधारित होगी। जलवायु परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वैज्ञानिक सहयोग जैसे मुद्दों पर शुरू की गई पहलों को आगे बढ़ाया जाएगा। जलवायु परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और विकास वित्त जैसे मुद्दों पर भारत की भूमिका न केवल समूह के लिए, बल्कि ट्रंप के नेतृत्व में बदलती अमेरिकी नीति के बीच वैश्विक संतुलन के लिए भी अहम मानी जा रही है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव और टैरिफ की धमकियों के बीच भारत के सामने चुनौती होगी की वह ब्रिक्स को अमेरिकी विरोधी मंच बनने से बचाते हुए उसे बहुपक्षीय सहयोग और विकास का विकल्प लेकर मजबूत करे। यह आने वाले समय में भारत के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी

कैग ने बताई डीबीटी प्रणाली में खामियां, बिना जांच खातों में जा रहे करोड़ों रुपए

नागपुर। Comptroller and Auditor General of India: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के. संजय मूर्ति ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) सिस्टम में गंभीर खामियों को उजागर किया है। उन्होंने बताया कि सरकारी विभागों के बीच तालमेल की कमी और डेटा एकीकरण के कमजोर होने के कारण हजारों करोड़ रुपये बिना किसी जरूरी जांच के लाभार्थियों के खातों में जा रहे हैं।

सीएजी ने यह बात नागपुर स्थित नेशनल एकेडमी ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज में भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों के पहले बैच को संबोधित करते हुए कही।

सीएजी मूर्ति ने कहा कि डुप्लीकेसी यानी एक ही व्यक्ति को बार-बार लाभ मिलने और डेटा की क्रॉस-वेरिफिकेशन यानी अलग-अलग डेटाबेस से मिलान करने के स्तर पर बड़ी कमियां हैं। उन्होंने चिंता जताई कि सरकारी विभाग इतने अलग-थलग होकर काम कर रहे हैं कि एक ही विभाग के अलग-अलग संयुक्त सचिव एक ही डेटाबेस का इस्तेमाल नहीं करते।

डेटाबेस वेरिफिकेशन में कमी
उन्होंने कहा कि हम जनधन, आधार और मोबाइल फोन लिंक्ड डेटाबेस कनेक्टिविटी की बात करते हैं। फिर भी, जिस स्तर पर डेटाबेस तैनात किए गए हैं, खासकर हम जो रिपोर्ट तैयार करते हैं, उसमें एक बड़ा अंतर है। हम कहते हैं कि ये सभी आधार-आधारित लाभार्थी हैं, लेकिन DBT मिशन द्वारा अनिवार्य डी-डुप्लीकेशन या क्रॉस-डेटाबेस वेरिफिकेशन की मात्रा गायब है। फिर भी, वित्तीय समावेशन योजनाओं में बुनियादी जांच के बिना हजारों करोड़ रुपये सिस्टम में जा रहे हैं।

हर जगह एक जैसा पैमाना नहीं अपनाया जा सकता
CAG ने यह भी बताया कि भारत एक विशाल देश है और हर जगह एक जैसा पैमाना नहीं अपनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि दक्षिणी राज्यों ने तकनीक के इस्तेमाल में अच्छी शुरुआत की है, जिससे ऑडिट के लिए अधिक परिपक्व डेटा उपलब्ध है। यह जांचना महत्वपूर्ण है कि सरकारी योजनाओं को लागू करते समय बुनियादी जांच और संतुलन का पालन किया जा रहा है या नहीं।

उन्होंने जोर दिया कि भले ही यह लापरवाही जानबूझकर न हो, लेकिन कार्यान्वयन में सटीकता का एक स्तर होना चाहिए। IRS प्रोबेशनर्स को संबोधित करते हुए कि CAG मूर्ति ने कहा कि उनके विभाग के अधिकारी टैक्स अधिकारियों के साथ अपने अनुभव साझा करेंगे ताकि आगे की जांच के रास्ते खुल सकें। उन्होंने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, वस्तु एवं सेवा कर (GST) या राज्य के एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली जैसी एजेंसियों से प्राप्त डेटाबेस अनुसंधान के लिए जानकारी का खजाना हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सिस्टम को धोखा देने के तरीकों की जांच की जानी चाहिए।

UGC NET 2025 के लिए सब्जेक्ट वाइज डेट घोषित, चेक करें शेड्यूल

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नई दिल्ली। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से यूजीसी नेट दिसंबर सेशन की परीक्षा के लिए सब्जेक्ट वाइज शेड्यूल जारी कर दिया गया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक यूजीसी नेट दिसंबर परीक्षा का आयोजन 31 दिसंबर 2025 से लेकर 7 जनवरी 2026 तक कुल 6 दिनों में आयोजित की जाएगी। विभिन्न विषयों की परीक्षा दिन एवं शिफ्ट के अनुसार अलग-अलग आयोजित होगी।

एनटीए की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक परीक्षा का आयोजन 31 दिसंबर, 2, 3, 5, 6 एवं 7 जनवरी 2026 तक संपन्न करवाई जाएगी। परीक्षा दो शिफ्ट में आयोजित होगी।

पहली शिफ्ट का एग्जाम सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक एवं दूसरी शिफ्ट की परीक्षा अपरान्ह 3 से शाम 6 बजे तक संपन्न होगी। विषय के अनुसार शिफ्ट एवं डेट की जानकारी आप नीचे इमेज से देख सकते हैं। इसके साथ ही आप नीचे दिए डायरेक्ट लिंक पर क्लिक करके एग्जाम शेड्यूल का पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं।

एग्जाम सिटी स्लिप परीक्षा से 10 दिन पूर्व होगी जारी
सभी आवेदनकर्ताओं के लिए एग्जाम सिटी इंटीमेशन स्लिप परीक्षा तिथि से 10 दिन पूर्व डाउनलोड के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी। ऐसे में सिटी स्लिप ऑनलाइन माध्यम से 21 या 22 दिसंबर को जारी हो सकती है जिसे डाउनलोड करके आप अपने परीक्षा शहर की जानकारी हासिल करके पूर्व यात्रा की तैयारी कर पाएंगे।

सिटी स्लिप ऐसे करें डाउनलोड

  1. यूजीसी नेट सिटी स्लिप डाउनलोड करने के लिए सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट ugcnet.nta.nic.in पर विजिट करना होगा।
  2. वेबसाइट के होम पेज पर LATEST NEWS में Advance City Intimation for UGC-NET Dec 2025 is LIVE! पर क्लिक करना होगा।
  3. इसके बाद एप्लीकेशन नंबर, पासवर्ड एवं सिक्योरिटी पिन दर्ज करके सब्मिट बटन पर क्लिक करें।
  4. अब सिटी इंटीमेशन स्लिप स्क्रीन पर ओपन हो जाएगी जहां से आप इसे डाउनलोड करके प्रिंटआउट निकाल सकते हैं।

एडमिट कार्ड एग्जाम डेट से 4 दिन पूर्व होंगे जारी
एग्जाम के लिए एडमिट कार्ड परीक्षा तिथि से 4 दिन पूर्व जारी होंगे। सभी अभ्यर्थी ध्यान रखें कि सिटी स्लिप का उपयोग एडमिट कार्ड के रूप में नहीं किया जा सकता है। ऐसे में वे जब भी परीक्षा देने केंद्र पर जाएं तो एडमिट कार्ड एवं एक वैलिड पहचान पत्र अनिवार्य रूप से साथ लेकर जाएं, बिना आईडी कार्ड एवं प्रवेश पत्र के आपको परीक्षा हॉल में एंट्री नहीं दी जाएगी।

Stock Market: सेंसेक्स 126 अंक गिर कर 84433 पर, निफ्टी 25800 से नीचे

नई दिल्ली। Stock Market Opened : हफ्ते के चौथे कारोबारी दिन यानी गुरुवार (18 दिसंबर) को शेयर बाजार लाल निशान पर खुला। शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 126.03 अंक या 0.15 प्रतिशत गिरकर 84,433.62 अंक पर आ गया। वहीं 50 शेयरों वाला निफ्टी 33.55 अंक या 0.13 प्रतिशत गिरकर 25,785.00 अंक पर आ गया। 

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) मामूली गिरावट के साथ 84,518 अंक पर खुला। खुलते ही इसमें गिरावट देखने को मिली। सुबह 9:20 बजे यह 160.74 अंक या 0.19 फीसदी की गिरावट लेकर 84,398.91 पर चल रहा था।

इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) गिरावट लेकर 25,764 पर खुला। सुबह 9:21 बजे यह 53.85 अंक या 0.21 फीसदी गिरकर 25,789 पर ट्रेड कर रहा था।

मेहता इक्विटीज लिमिटेड में सीनियर वीपी (रिसर्च) प्राशांत टैप्से ने कहा, ”अमेरिकी बाजारों में तेज गिरावट और उसके बाद एशियाई बाजारों में कमजोरी के कारण घरेलू शेयर बाजार में भी शुरुआती दबाव देखा गया। तकनीकी रूप से निफ्टी का निकट-कालिक रुझान कमजोर बना हुआ है। यह अभी भी अपने ऑल टाइम हाई स्तर 26,326 से नीचे ही घूम रहा है। हर छोटी बढ़त पर बिकवाली हावी हो रही है।”

उन्होंने कहा, ”बाजार में फिलहाल बियर्स की पकड़ बनी हुई है। महत्वपूर्ण सपोर्ट स्तर 25,693 पर है। यदि निफ्टी इस स्तर के नीचे फिसलता है, तो गिरावट और तेज हो सकती है। हालांकि एफआईआई ने कल की ट्रेडिंग में नेट खरीदी की और आरबीआई के समर्थन से रुपया भी मजबूत हुआ। फिर भी बाजार में सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।”

ग्लोबल मार्केटस के संकेत
वैश्विक बाजारों में एशियाई शेयर बाजार गुरुवार को गिरावट के साथ कारोबार करते दिखे। इसकी वजह यह रही कि वॉल स्ट्रीट के निवेशक लगातार टेक्नोलॉजी शेयरों से दूरी बना रहे हैं और उनका ध्यान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगामी संबोधन पर टिका हुआ है। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 1.53% गिरा, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.36% नीचे आया, जबकि ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 0.3% की हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ।

अमेरिका में भी वॉल स्ट्रीट के प्रमुख इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। S&P 500 में 1.16% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि नैस्डैक कंपोज़िट सबसे ज्यादा टूटा और इसमें 1.81% की गिरावट आई। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े कारोबार को लेकर बनी चिंताओं के चलते टेक्नोलॉजी शेयरों पर दबाव बना रहा। वहीं, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज भी 0.47% फिसल गया।

IMF की पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री बोलीं, 7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी भारत की जीडीपी

नई दिल्ली। वैश्विक अनिश्चितताओं और घरेलू चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में मजबूत रफ्तार बनाए रख सकती है। अनुमान है कि देश की जीडीपी करीब सात फीसदी की दर से बढ़ेगी। यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के 6.6 फीसदी के अनुमान से बेहतर प्रदर्शन है और अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत देता है।

आईएमएफ की पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत की वृद्धि दर पर आकलन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के जुलाई-सितंबर तिमाही के आंकड़े आने से पहले किया गया था। इस तिमाही में भारत की विकास दर 8.2 फीसदी रही। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.8 फीसदी से बढ़ाकर 7.3 फीसदी कर दिया है।

गीता गोपीनाथ के मुताबिक, यदि भारत अगले करीब 20 वर्षों तक लगभग आठ फीसदी की विकास दर बनाए रखता है, तो 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य के काफी करीब पहुंच सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इतनी लंबी अवधि तक ऊंची विकास दर बनाए रखना आसान नहीं है। इसके लिए निरंतर आर्थिक सुधार, निवेश बढ़ाने और उत्पादकता सुधारने की जरूरत होगी।

अमेरिका व्यापार संकट से बेहतर स्थिति
गोपीनाथ ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार संकट से पहले की गई भविष्यवाणियों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। टैरिफ दरें जरूर बढ़ी हैं, लेकिन अमेरिकी नजरिये से देखा जाए तो चरम टैरिफ का दौर निकल चुका है। 2026 में अमेरिका में मध्यावधि चुनाव हैं और चुनाव से पहले ज्यादा अनिश्चितता की संभावना कम मानी जा रही है।

टैरिफ, महंगाई और ऊर्जा नीति
उन्होंने कहा कि टैरिफ बढ़ने से महंगाई पर दबाव बढ़ा है और जीवनयापन की लागत में इजाफा हुआ है। यह एक नई चुनौती बनकर सामने आई है। गोपीनाथ का मानना है कि भारत और अमेरिका को मिलकर आपसी समाधान निकालना चाहिए। तेल की कीमतें 60 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहने से भारत के पास रूस के अलावा अन्य देशों के साथ ऊर्जा साझेदारी बढ़ाने का अवसर भी है।

आर्थिक संभावनाओं के बावजूद गोपीनाथ ने नियामकीय जटिलताओं को बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि भारत में व्यापार करना अब भी आसान नहीं है। यदि नियमों को सरल बनाया जाए और सुधारों की रफ्तार तेज हो, तो भारत न केवल ऊंची विकास दर बनाए रख सकता है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी स्थिति और मजबूत कर सकता है।

एआई फीचर्स वाला OnePlus 15R दमदार बैटरी और कैमरे के साथ भारत में लॉन्च

नई दिल्ली। OnePlus ने बुधवार को हुए इवेंट में भारत में अपने सबसे नए परफॉर्मेंस फोकस्ड फोन के तौर पर OnePlus 15R को लॉन्च किया है। फोन दिखने में अपने पिछले मॉडल से बिल्कुल अलग है और काफी खूबसूरत दिखता है। यह भारत में सबसे बड़ी बैटरी वाला वनप्लस फोन है। इसमें 7400mAh बैटरी है, जो 80W सुपरवूक फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करती है।

यह चार IP रेटिंग के साथ आता है और फुल वॉटरप्रूफ है। फोन में क्वालकॉम का तेजतर्रार स्नैपड्रैगन 8 Gen 5 चिपसेट है। पावरफुल परफॉर्मेंस देने के साथ-साथ, OnePlus 15R में शानदार फोटोग्राफी के लिए 502 मेगापिक्सेल का मेन रियर कैमरा और सेल्फी के लिए ऑटोफोकस वाला 32 मेगापिक्सेल सेंसर है। इवेंट में फोन के साथ कंपनी ने अपना नया टैब OnePlus Pad Go 2 टैबलेट भी लॉन्च किया है। चलिए यहां नए फोन के बारे में जानते हैं…

कीमत, ऑफर और सेल
रैम और स्टोरेज के हिसाब से कंपनी ने भारत में फोन को दो वेरिएंट 12GB+256GB और 12GB+512GB में लॉन्च किया है। कीमत की बात करें तो, 12GB रैम और 256GB स्टोरेज वाले बेस वेरिएंट के लिए 47,999 रुपये है, जबकि, 512GB स्टोरेज वाले टॉप-ऑफ-द-लाइन वेरिएंट की कीमत 52,999 रुपये है। कंपनी Axis Bank और HDFC Bank कार्ड पर डिस्काउंट भी दे रही है, जिससे प्रभावी कीमत 256GB मॉडल की प्रभावी कीमत 44,999 रुपये और 512GB स्टोरेज वाले मॉडल की प्रभावी कीमत 47,999 रुपये हो जाती है।

यह फोन आज प्री-ऑर्डर के लिए उपलब्ध है। ग्राहक इस फोन को OnePlus.in, OnePlus Store App, Amazon.in पर ऑनलाइन और वनप्लस एक्सपीरियंस स्टोर्स, रिलायंस डिजिटल, क्रोमा, विजय सेल्स, बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य जैसे ऑफलाइन रिटेल पार्टनर्स पर प्री-बुक कर सकते हैं। जो ग्राहक OnePlus 15R को प्री-बुक करेंगे, उन्हें 2299 रुपये कीमत वाले OnePlus Nord Buds 3 (हार्मोनिक ग्रे) फ्री मिलेंगे।

इसे चारकोल ब्लैक, मिंट ब्रीज और इलेक्ट्रिक वायलेट जैसे कलर्स में खरीदा जा सकता है। फोन भारत में 22 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से Amazon, वनप्लस इंडिया ऑनलाइन स्टोर और दूसरे ऑफलाइन रिटेल चैनल्स पर बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।

OnePlus 15R के स्पेसिफिकेशन
नया OnePlus 15R एक डुअल सिम फोन है, जो Android 16 पर बेस्ड OxygenOS 16 पर चलता है। यह फोन चार ओएस अपग्रेड और छह साल के सिक्योरिटी अपडेट के लिए एलिजिबल है। इसमें 6.83-इंच का फुल एचडी प्लस (1272×2800 पिक्सेल) एमोलेड डिस्प्ले है जिसमें 165 हर्ट्ज तक का रिफ्रेश रेट, 450 पीपीआई पिक्सेल डेंसिटी, 19.8:9 आस्पेक्ट रेश्यो, 100 प्रतिशत DCI-P3 कलर गैमट और कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 7i प्रोटेक्शन है। स्क्रीन में बेहतर आउटडोर व्यूइंग के लिए सन डिस्प्ले, रिड्यूस व्हाइट पॉइंट, मोशन क्यूज और आई कम्फर्ट रिमाइंडर जैसे फीचर्स भी हैं।

फोन में क्वालकॉम का ऑक्टा कोर 3nm स्नैपड्रैगन 8 जेन 5 चिपसेट है, जो 3.8GHz की पीक क्लॉक स्पीड देता है। यह चिप 12GB LPDDR5x अल्ट्रा रैम, 512GB तक UFS 4.1 इंटरनल स्टोरेज और एड्रेनो 8 सीरीज जीपीयू के साथ आती है। इसमें नया G2 वाई-फाई चिप और टच रिस्पॉन्स चिप भी है। कंपनी का दावा है कि इस फोन को धूल और पानी से सुरक्षित रहने के लिए IP66 + IP68 + IP69 + IP69K रेटिंग दी गई है।

जहां पुराने OnePlus 13R में Hasselblad-ट्यून्ड कैमरे नहीं थे, वहीं OnePlus 15R में फ्लैगशिप OnePlus 15 मॉडल जैसा ही DetailMax इंजन है। इसमें ऑप्टिकल इमेज स्टेबिलाइजेशन (OIS) के साथ 50-मेगापिक्सेल (f/1.8) Sony IMX906 प्राइमरी कैमरा और 112-डिग्री फील्ड-ऑफ-व्यू वाला 8-मेगापिक्सेल (f/2.2) अल्ट्रावाइड कैमरा है। यूजर्स 120 fps तक 4K रिजॉल्यूशन के वीडियो शूट कर सकते हैं। रियर कैमरे सिनेमैटिक वीडियो, मल्टी-व्यू वीडियो और वीडियो जूम शूटिंग को भी सपोर्ट करते हैं। फ्रंट में, 32-मेगापिक्सेल (f/2.0) सेल्फी कैमरा है जो 30 fps पर 4K रिजॉल्यूशन के वीडियो रिकॉर्ड कर सकता है।

फोन में 7400mAh की सिलिकॉन कार्बन बैटरी है। कंपनी का दावा है कि चार साल इस्तेमाल के बाद भी बैटरी अपनी ओरिजिनल कैपेसिटी के 80 प्रतिशत पर काम करेगी। फोन में 80W वायर्ड फास्ट चार्जिंग सपोर्ट भी है। 219 ग्राम वजनी इस फोन का डाइमेंशन 163.4x77x8.3 एमएम है। फोन में मिलने वाले कनेक्टिविटी ऑप्शन्स में 5G, 4G LTE, वाई-फाई 7, ब्लूटूथ 6.0, एनएफसी, एक यूएसबी टाइप-सी पोर्ट, जीपीएस और नाविक शामिल हैं। इसमें प्रॉक्सिमिटी सेंसर, एम्बिएंट लाइट सेंसर, कलर टेम्परेचर सेंसर, ई-कंपास, एक्सेलेरोमीटर, जायरोस्कोप और इंफ्रारेड रिमोट कंट्रोल जैसे सेंसर भी हैं।

AI फीचर्स की भरमार
OxygenOS 16, वनप्लस के सिग्नेचर स्मार्ट और स्मूथ फाउंडेशन पर इंटेलिजेंट AI क्षमताओं को पेश करके ज्यादा स्मार्ट और स्मूद बनाता है। AI अनुभव Plus Mind पर फोकस्ड है। डेडिकेटेड Plus Key दबाकर या तीन उंगलियों से ऊपर स्वाइप करके, यूजर स्क्रीन पर किसी भी कंटेंट को तुरंत एक यूनिफाइड Mind Space नॉलेज बेस में सेव कर सकते हैं। इसके अलावा, Google Gemini अब Mind Space से कनेक्ट होकर जानकारी ले सकता है और आपके सेव किए गए डेटा के आधार पर पर्सनलाइज्ड सुझाव दे सकता है – सब कुछ एक ही प्रॉम्प्ट में। अन्य AI टूल में कंटेंट ड्राफ्टिंग और समराइजेशन के लिए AI राइटर, स्पीकर पहचान के साथ रियल-टाइम मीटिंग ट्रांसक्रिप्शन के लिए AI रिकॉर्डर, और इंटेलिजेंट फोटो एन्हांसमेंट के लिए AI पोर्ट्रेट ग्लो शामिल हैं।

बीमा सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का रास्ता साफ, संसद में बिल हुआ पास

नई दिल्ली। बीमा क्षेत्र में शत-प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रावधान करने वाले ‘सबका बीमा सबकी रक्षा (बीमा कानूनों में संशोधन) विधेयक, 2025’ को बुधवार को संसद की मंजूरी मिल गई।

राज्यसभा ने विधेयक पर चर्चा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब के बाद बुधवार को विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इसे मंगलवार 16 दिसंबर को ही पारित कर चुकी थी।

चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि शत-प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देने से विदेशी कंपनियों के लिए भारत में आना आसान होगा और उन्हें किसी स्थानीय भागीदार को खोजने की जरूरत नहीं होगी। इससे देश में बीमा कवरेज बढ़ेगा, प्रीमियम में कमी आयेगी और रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे।

उन्होंने इस विधेयक के कारण भारतीय जीवन बीमा निगम के अधिकारों में कमी की कुछ सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि उल्टे इससे एलआईसी का सशक्तिकरण होगा। उसे विदेशों में अपने जोनल कार्यालय खोलने के लिए पूर्वानुमति की जरूरत नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1999 में बीमा क्षेत्र को एफडीआई के लिए खोला गया और इसकी सीमा 26 प्रतिशत तय की गयी। इसके बाद 2015 में इसे बढ़ाकर 49 प्रतिशत और 2021 में 74 प्रतिशत किया गया।

इसके बावजूद इस समय 10 बीमा कंपनियों में 26 प्रतिशत से कम एफडीआई है, 23 कंपनियों में 26 प्रतिशत या अधिक लेकिन 49 प्रतिशत से कम, तीन में 49 प्रतिशत या उससे अधिक लेकिन 74 प्रतिशत से कम और अन्य चार में 74 प्रतिशत एफडीआई है।

वित्त मंत्री ने कहा, “देश को बीमा क्षेत्र में और अधिक पूंजी निवेश की जरूरत है।” उन्होंने बताया कि कम एफडीआई का एक कारण यह है कि कई विदेशी कंपनियां भारतीय बीमा क्षेत्र में आना चाहती हैं, लेकिन संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के लिए उन्हें यहां कोई सही सहयोगी नहीं मिल पाती।

उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत एफडीआई का प्रावधान करने से ऐसी कंपनियां स्वतंत्र रूप से देश में बीमा कंपनी स्थापित कर सकेंगी। इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और फलस्वरूप प्रीमियम कम होगा।

रोजगार छिनने की विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए सीतारमण ने कहा कि इससे उल्टे रोजगार बढ़ेगा। नई कंपनियों के आने से बीमा क्षेत्र का विस्तार होगा, नये उत्पाद बाजार में आयेंगे और इन सबसे ज्यादा रोजगार पैदा होंगे। उन्होंने बताया कि साल 2015 में एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने के बाद इस क्षेत्र में रोजगार करीब तीन गुना हो गया है।

यह 31.14 लाख से बढ़कर 88.17 लाख हो गया है। उन्होंने विदेश बीमा कंपनियों के पैसा लेकर भाग जाने की आशंकाओं का जवाब देते हुए कहा कि बीमा नियामक ने पहले से ही यह प्रावधान किया हुआ है कि विदेशी कंपनियों को उनकी देनदारी से डेढ़ गुना पैसा देश में रखना होगा। सभी देनदारियों को घटाने के बाद ही कंपनी के लाभ की गणना होगी। इसलिए यह आशंका निर्मूल है।

भारतीय विमान पाकिस्तान के ऊपर से 24 जनवरी तक नहीं उड़ सकेंगे, जानिए क्यों

भीख मंगे पाकिस्तान ने भारतीय विमानों पर प्रतिबंध की सीमा बढ़ाई

इस्लामाबाद। भीख मंगे पाकिस्तान ने भारतीय विमानों को अपने हवाई क्षेत्र से उड़ान भरने पर लगे प्रतिबंध को 24 जनवरी 2026 तक के लिए बढ़ा दिया है। ऐसे में भारत में रजिस्टर्ड कोई भी कमर्शियल फ्लाइट या मिलिट्री एयरक्राफ्ट पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।

पाकिस्तान एयरपोर्ट्स अथॉरिटी (PAA) द्वारा बुधवार को जारी एक Notam (पायलटों के लिए नोटिस) के अनुसार, पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने एयरस्पेस को 24 जनवरी 2026 तक एक और महीने के लिए बंद कर दिया है।

नए Notam के अनुसार, यह प्रतिबंध 16 दिसंबर, 2025 से 24 जनवरी, 2026 (PST) तक लागू रहेगा। यह बैन सभी भारतीय स्वामित्व वाले, संचालित और लीज पर लिए गए विमानों पर लागू होता है, जिसमें मिलिट्री फ्लाइट्स भी शामिल हैं।

PAA ने कहा कि यह फैसला एक मौजूदा प्रतिबंध को जारी रखता है जो पिछले आठ महीनों से पहले से ही लागू है।अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों ने अपनी-अपनी हवाई सीमा को एक दूसरे के विमानों के लिए बंद कर दिया था। यह प्रतिबंध तब से ही जारी है।

पाकिस्तान को भारी नुकसान
भारतीय विमानों के लिए एयरस्पेस बंद करने से पाकिस्तान को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा पाकिस्तानी एयरलाइंस को भी ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। भारतीय विमानों के पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने से पाकिस्तान को एक निश्चित धनराशि मिलती थी, जो बंद हो गई है। इसके अलावा भारतीय हवाई क्षेत्र बंद होने से पाकिस्तानी विमानों को भी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए भारत का पूरा चक्कर लगाकर जाना पड़ रहा है, जिससे उनका खर्च बढ़ रहा है।