Thursday, December 25, 2025
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विष्णुदेव छत्तीसगढ़ के नए सीएम; विजय शर्मा और अरुण साव डिप्टीसीएम, रमन सिंह स्पीकर

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के सीएम के साथ दो डिप्टी सीएम भी बनाए जाएंगे। डिप्टी सीएम के रूप में विजय शर्मा और अरुण साव उप-मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को स्पीकर बनाया गया है।

अरुण साव वर्तमान में छत्तीसगढ़ केप्रदेश अध्यक्ष हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद के लिए विष्णुदेव साय के नाम का ऐलान पहले ही हो चुका है। अब उनके साथ दो डिप्टी सीएम के नाम भी सामने आ गए हैं।

विजय शर्मा छत्तीसढ़ की कवर्धा सीट से विधायक हैं। अरुण साव छत्तीसगढ़ की लोरमी सीट से चुनकर आए हैं। इन दोनों लोगों को छ्त्तीसगढ़ का डिप्टी सीएम बनाया गया है। राजनांदगांव से चुनकर आए छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह को छ्त्तीसगढ़ विधानसभा का स्पीकर बनाया गया है।

कौन हैं अरुण साव
अरुण साव वर्तमान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। नए बने सीएम विष्णुदेव साय को हटाकर छत्तीसगढ़ भाजपा की जिम्मेदारी इन्हें दी गई थी। साव साहु समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। पार्टी द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से सांसद 53 वर्षीय अरुण साव को मंगलवार को नया राज्य भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया गया। साव ने पार्टी के आदिवासी नेता विष्णुदेव साई की जगह ली थी। साहू समुदाय से आने वाले साव को भाजपा राज्य डिप्टी सीएम के रूप में शामिल करना छत्तीसगढ़ कांग्रेस की धरती पुत्र की छवि के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आरएसएस से उनकी निकटता भी उनके डिप्टी सीएम बनने में एक निर्णायक वजह बनी है।

रमन सिंह राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। भूपेश बघेल से पहले 2018 तक रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का पद संभाला था। 2018 में हुए चुनावों भाजपा को हराकर कांग्रेस सत्ता में आई और भूपेश बघेल को सीएम बनाया था। इस साल हुए चुनावों भाजपा ने दमदार वापसी करते हुए कांग्रेस को 35 सीटों पर समेट दिया और सरकार बना ली। इस दौरान भाजपा ने छत्तीसगढ़ के लिए विष्णुदेव साय को सीएम जबकि विजय शर्मा और अरुण साव को डिप्टी सीएम के लिए चुना है। रमन सिंह को छत्तीसगढ़ के स्पीकर का पद दिया गया है।

निवेशकों को इस बार सोने से ज्यादा चांदी ने दिया 16.4 फीसदी का रिटर्न

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नई दिल्ली। सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) ने पिछले करीब एक साल में 16.4 फीसदी का औसत रिटर्न दिया है, जबकि इसी दौरान गोल्ड ईटीएफ का रिटर्न 15.1 फीसदी ही रहा है। एडलवाइस असेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) ने पिछले दिनों सिल्वर ईटीएफ पेश किया है। पहले से चल रहे नौ ईटीएफ 2,845 करोड़ रुपये संभाल रहे हैं। लेकिन इन्हें अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने से पहले निवेशकों को इस धातु की चाल-ढाल समझ लेनी चाहिए।

बढ़ती औद्योगिक मांग: चांदी की बढ़ती औद्योगिक मांग का इसकी हालिया दौड़ में बहुत बड़ा हाथ है। आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) ए बालसुब्रमण्यन कहते हैं, ‘पिछले एक साल में चांदी के भाव चढ़ने के दो मुख्य कारण हैं – भूराजनीतिक अनिश्चितताएं और चांदी की मांग के मुकाबले आपूर्ति कम होना। इलेक्ट्रिक वाहन और सोलर पैनल जैसी पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों पर जोर होने और 5जी तकनीक का अधिक इस्तेमाल होने के कारण मांग और आपूर्ति का अंतर बढ़ा है क्योंकि इन सभी में चांदी प्रमुख घटक होती है। चांदी के गहनों की मांग भी बढ़ती जा रही है।’

सिल्वर इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कैलेंडर वर्ष में चांदी की वैश्विक मांग 18 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। यह मांग गहनों, उद्योग और चांदी की छड़ों तथा सिक्कों समेत सभी श्रेणियों से आईं। 2022 में मांग के मुकाबले 23.77 करोड़ आउंस चांदी की कमी थी और इतनी कमी पहले कभी नहीं देखी गई।

सुरक्षित निवेश: अनिश्चितता के दौर में सोने की ही तरह चांदी भी निवेश का सुरक्षित साधन मानी जाती है। डीएसपी म्युचुअल फंड के फंड प्रबंधक रवि गेहानी कहते हैं, ‘औद्योगिक इस्तेमाल के साथ चांदी निवेश सुरक्षित रखने वाली कमोडिटी भी है। इस मामले में यह सोने का सस्ता विकल्प है।’

यह भी माना जा रहा है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अगले साल से ब्याज दरों में कटौती शुरू कर देगा। गेहानी का कहना है, ‘मौद्रिक नीति में ढिलाई से डॉलर कमजोर हो सकता है। इससे कीमती धातुओं के बाजार में नई तेजी दिख सकती है। अतीत में भी फेड ने जब-जब ब्याज दरें घटाई हैं तब-तब कीमती धातुओं का प्रदर्शन शानदार रहा है।’

म्युचुअल फंड के रास्ते
धातु चांदी में निवेश आसान नहीं है क्योंकि यह भारी धातु होती है। इसे रखना, शुद्धता और तरलता दूसरी समस्याएं होती हैं। इसलिए चांदी में निवेश का बढ़िया जरिया म्युचुअल फंड हैं। ईटीएफ काफी किफायती साधन हैं। इसे रखना झंझट भरा हो सकता है। कुछ फंड ऑफ फंड्स भी सिल्वर ईटीएफ की यूनिट में निवेश कराते हैं। ईटीएफ और फंड ऑफ फंड्स के जरिये आप छोटा निवेश ही कर सकते हैं। फंड ऑफ फंड्स में निवेशक सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) भी चुन सकते हैं।

निप्पॉन इंडिया म्युचुअल फंड में कमोडिटी प्रमुख और फंड प्रबंधक विक्रम धवन समझाते हैं, ‘ईटीएफ सूचीबद्ध होते हैं और उनकी ट्रेडिंग होती है, इसलिए उनमें तरलता, पारदर्शिता और सुरक्षा मिलती है। धातु चांदी में रकम लगाने के बजाय सिल्वर ईटीएफ में निवेश करने से कुल लागत भी कम आती है। निवेशकों को न तो चांदी रखने और उसके बीमा के बारे में सोचना होता है और न ही धातु से जुड़ी कोई और दुर्घटना जैसे चोरी आदि इसमें हो सकती है।’

चांदी बनाम सोना: अब सोने और चांदी दोनों के ईटीएफ मौजूद हैं, इसलिए निवेशक इस ऊहापोह में पड़ सकते हैं कि किसमें निवेश करने से उन्हें निकट भविष्य में ज्यादा रिटर्न मिलेगा। बालसुब्रमण्यन कहते हैं, ‘आम तौर पर चांदी रिटर्न के मामले में सोने की राह पर ही चलती है। जब गोल्ड-टु-सिल्वर रेश्यो बढ़ जाता है तो चांदी पर बेहतर रिटर्न हासिल होता है।’ गोल्ड टु सिल्वर रेश्यो चांदी की वह मात्रा होती है, जिसकी कीमत में 1 आउंस सोना आ जाता है।

गेहानी भी सहमति जताते हुए कहते हैं, ‘चांदी बनाम सोने की होड़ में औद्योगिक मांग बहुत अंतर डाल देती है। चांदी की करीब 50 फीसदी मांग उद्योगों से आती है, जबकि सोने की बमुश्किल 7 से 10 फीसदी मांग ही वहां से आती है। जब कमोडिटी चढ़ रही होती हैं तब चांदी सोने पर भारी पड़ जाती है।’

धवन को लगता है कि सोना जोखिम से ज्यादा महफूज रखता है। उनकी दलील है, ‘चांदी आर्थिक अनिश्चितता और मंदी के दौर में सोने के मुकाबले कमजोर रहती है। चांदी में उतार-चढ़ाव भी सोने के मुकाबले ज्यादा देखा गया है।’

चांदी में निवेश की सलाह: निवेशक अपने कुल निवेश का 5-10 फीसदी चांदी में लगा सकते हैं। गेहानी की सलाह है, ‘जब भी चांदी गिरे, थोड़ी रकम लगा दें। थोड़े समय में उतार-चढ़ाव से जो नुकसान हो सकता है, उसके मुकाबले लंबी अवधि का फायदा बहुत ज्यादा होगा।’ चांदी में निवेश के साथ आपको सोने में 10 से 15 फीसदी निवेश भी करना चाहिए। धवन का सुझाव है, ‘बाजार में कुछ समय के लिए आने वाले उतार-चढ़ाव से निपटना है तो सिल्वर ईटीएफ में लंबे समय के लिए निवेश करें। हर दो से चार साल में सबसे बढ़िया रिटर्न देने वाली श्रेणी बदल जाती है, इसलिए कम समय के लिए निवेश तभी अच्छा रहता है अगर आपको बाजार की बहुत बढ़िया समझ हो।

Stock Market: आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक रुझानों से तय होगी इस सप्ताह बाजार की चाल

नई दिल्ली। Stock Market This week: स्टॉक मार्केट इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों की चाल व्यापक आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक रुझानों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति बैठक के नतीजों से तय होगी। विश्लेषकों ने ऐसी संभावना जताई है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ”आगामी सप्ताह में कई महत्वपूर्ण आंकड़े आने हैं। भारत और अमेरिका के मुद्रास्फीति के आंकड़ों सहित महत्वपूर्ण सूचनाओं पर बाजार की नजर रहेगी। भारत में मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान है जबकि अमेरिका में मुद्रास्फीति स्थिर रह सकती है।”

नायर ने कहा कि भारत में औद्योगिक और विनिर्माण उत्पादन के आंकड़े भी इस सप्ताह आने वाले हैं। इसके अलावा फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति बैठक के नतीजे बाजार की भावनाओं को आकार देने में महत्वपूर्ण होंगे।

बीते शुक्रवार को 30 शेयरों वाला BSE सेंसेक्स 303.91 अंक यानी 0.44 प्रतिशत बढ़कर 69,825.60 के अपने नए शिखर पर पहुंच गया। दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के सूचकांक निफ्टी ने 21,000 का अहम मुकाम पार किया और शुक्रवार को कारोबार के दौरान 21,006.10 के नए उच्च स्तर पर भी पहुंच गया।
इस संदर्भ में नायर ने कहा कि घरेलू जीडीपी वृद्धि का आंकड़ा मजबूत रहने से बाजार का भरोसा बढ़ा है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी अनुसंधान) अजीत मिश्रा ने कहा, ”बाजार के लिए एक और सप्ताह उत्साह से भरा रहा और सूचकांक में लगभग साढ़े तीन प्रतिशत की बढ़त हुई।” वैश्विक रुझान, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की लिवाली, विधानसभा चुनावों के नतीजों और नीतिगत दर पर RBI के फैसले से पिछले सप्ताह बाजार में तेजी रही।

तीन प्रमुख राज्यों में सत्तारूढ़ भाजपा के सत्ता में आने और मजबूत आर्थिक वृद्धि के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने के पहले छह कारोबारी सत्रों में ही इक्विटी बाजारों में 26,505 करोड़ रुपये का निवेश किया है। मिश्रा ने कहा, ”हम अत्यधिक खरीदारी के बावजूद बाजारों पर अपना सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए हुए हैं और प्रतिभागियों को गिरावट पर खरीदारी के अवसरों की तलाश करने का सुझाव देते हैं।”

Rajasthan CM: सीएम की चर्चाओं के बीच मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को दिल्ली बुलाया

जयपुर। Speculation on Rajasthan CM: राजस्थान में नए सीएम की चर्चाओं के बीच केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को दिल्ली बुलाया है। शेखावत जोधपुर प्रवास के बाद रविवार सुबह दिल्ली के लिए रवाना हो गए है। इससे पहले जोधपुर निवास पर केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने गणमान्य लोगों से मुलाकात की।

एयरपोर्ट पर भी कार्यकर्ता मिलने पहुंचे। बता दें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बीजेपी के वरिष्ठ नेता है। सीएम रेस में शामिल है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन में शेखावत की अहम भूमिका रही है। शेखावत गहलोत सरकार को निशाने पर लेते रहे हैं। ऐसे माना जा रहा है कि पार्टी आलाकमान शेखावत पर दांव खेल सकता है।

राजस्थान में नए सीएम के लिए कल 11 दिसंबर को विधायक दल की बैठक होने की संभावना है। माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक के बाद नए सीएम की घोषणा हो सकती है। माना यह भी जा रहा है कि बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित कर आलाकमान पर नए सीएम का निर्णय करने का फैसला छोड़ा जा सकता है। केंद्रीय मंत्री सीएम रेस में शामिल है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और ओम माथुर भी रेस में शामिल है। पार्टी आलाकमान को तय करना है कि सीएम कौन बनेगा।

आज पहुंच सकते हैं पर्यवेक्षक: राजस्थान में नए सीएम को लेकर पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, सरोज पांडे और विनोद तावड़े के आज शाम जयपुर पहुंचने की संभावना है। ऐसे में माना जा रहा है कि कल सोमवर को विधायक दल की बैठक में सीएम का ऐलान हो सकता है। फिलहाल सीएम रेस में आधा दर्जन नाम शामिल है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे प्रमुख दावेदार है।

Stock Market: विदेशी निवेशकों ने दिसंबर में अभी तक 26,505 करोड़ रुपये का निवेश किया

नई दिल्ली। Stock Market News : विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने के पहले छह कारोबारी सत्रों में भारतीय इक्विटी बाजारों में 26,505 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसे तीन राज्यों में भाजपा की चुनावी जीत और मजबूत आर्थिक आंकड़ों का असर माना जा रहा है।

इसके पहले अक्टूबर में एफपीआई ने 9,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त और सितंबर में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से 39,300 करोड़ रुपये की निकासी की थी। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि आगे भी एफपीआई का निवेश प्रवाह जारी रहने की संभावना है।

आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने दिसंबर महीने में आठ तारीख तक भारतीय इक्विटी में 26,505 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। फिडेलफोलियो इन्वेस्टमेंट्स के संस्थापक किसलय उपाध्याय ने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों के नतीजों ने एफपीआई प्रवाह को तेजी देने में अहम भूमिका निभाई क्योंकि इससे आगे चलकर राजनीतिक स्थिरता का संकेत मिलता है।

विजयकुमार ने कहा, “2024 के आम चुनावों के बाद राजनीतिक स्थिरता रहने के संकेत, भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूत वृद्धि की रफ्तार, मुद्रास्फीति में गिरावट, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में लगातार कमी और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में नरमी ने हालात को भारत के पक्ष में बदल दिया है।”

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के सह निदेशक- शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अगले साल की पहली तिमाही से ब्याज दर में कटौती का संकेत दिया है जो ब्याज दर में तेजी का दौर खत्म होने का इशारा करता है। रुख में इस बदलाव से अन्य मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर कमजोर हुआ है। इसके अलावा अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड के प्रतिफल में आई गिरावट ने विदेशी निवेशकों को भारतीय इक्विटी बाजारों में निवेश के लिए प्रेरित किया है।

एफपीआई अग्रणी बैंकों को लेकर फिर से खरीदार बन गए हैं जहां पहले वे बिकवाल बने हुए थे। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, वाहन और पूंजीगत उत्पाद खंडों की बड़ी कंपनियों में भी खरीदारी देखी जा रही है। बॉन्ड के मामले में समीक्षाधीन अवधि के दौरान एफपीआई ने ऋण बाजार में 5,506 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके पहले नवंबर में छह साल के उच्चतम स्तर 14,860 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपये का निवेश आया था। विदेशी निवेशकों ने इस साल अब तक इक्विटी बाजारों में 1.31 लाख करोड़ रुपये और ऋण बाजारों में 55,867 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

Market Cap: सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से सात का मार्केट कैप 3 लाख करोड़ रुपये बढ़ा

नई दिल्ली। Market Capitalization: मुंबई स्टॉक एक्सचेंज सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से सात का बाजार पूंजीकरण (market cap) बीते सप्ताह 3.04 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया। इसमें एचडीएफसी बैंक और एलआईसी में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले सप्ताह देश की शीर्ष 10 में से सात कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 3,04,477.25 करोड़ रुपये बढ़ गया। इसके पीछे शेयर बाजार में जारी तेजी की अहम भूमिका रही।

पिछले सप्ताह बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 2,344.41 अंक यानी 3.47 प्रतिशत बढ़ गया। कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 303.91 अंक यानी 0.44 प्रतिशत बढ़कर अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 69,825.60 अंक पर पहुंच गया।

इस सप्ताह बाजार पूंजीकरण में सबसे ज्यादा वृद्धि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), आईसीआईसीआई बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और रिलायंस इंडस्ट्रीज में दर्ज की गई। निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 74,076.15 करोड़ रुपये बढ़कर 12,54,664.74 करोड़ रुपये हो गया

एलआईसी का बाजार पूंजीकरण 65,558.6 करोड़ रुपये बढ़कर 4,89,428.32 करोड़ रुपये हो गया। बृहस्पतिवार को एलआईसी के शेयर 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंचते ही बीमा कंपनी ने पांच लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छू लिया था। आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 45,466.21 करोड़ रुपये बढ़कर 7,08,836.92 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 42,732.72 करोड़ रुपये बढ़कर 13,26,918.39 करोड़ रुपये हो गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का बाजार पूंजीकरण 42,454.66 करोड़ रुपये बढ़कर 16,61,787.10 करोड़ रुपये हो गया।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का बाजार पूंजीकरण 37,617.24 करोड़ रुपये बढ़कर 5,47,971.17 करोड़ रुपये हो गया। इन्फोसिस का शेयर 15,916.92 करोड़ रुपये बढ़कर 6,18,663.93 करोड़ रुपये हो गया।

हालांकि, हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार मूल्यांकन 9,844.79 करोड़ रुपये घटकर 5,92,414.19 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल का 8,569.98 करोड़ रुपये घटकर 5,61,896.90 करोड़ रुपये रह गया।

आईटीसी का पूंजीकरण भी 935.48 करोड़ रुपये घटकर 5,60,223.61 करोड़ रुपये रह गया। इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे मूल्यवान कंपनी के स्थान पर कायम है। इसके बाद टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, भारती एयरटेल, आईटीसी, एसबीआई और एलआईसी हैं।

भारत 2025 के अंत तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा : अमित शाह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भारत 2025 के अंत तक 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

उन्होंने यहां उत्तराखंड वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण भारत पिछले एक दशक में हर मोर्चे पर तेजी से आगे बढ़ा है।

शाह ने कहा, ”दुनिया आज भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है। 2014 से 2023 के बीच भारत दुनिया की 11वीं अर्थव्यवस्था से उठकर पांचवीं (सबसे बड़ी) अर्थव्यवस्था बन गया है।”

उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल के दौरान देश ने पहले कभी इतनी बड़ी छलांग नहीं लगाई। उन्होंने इसका श्रेय पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और अपने लक्ष्य को वास्तविकता में बदलने की उनकी क्षमता को दिया।

शाह ने कहा कि मोदी जलवायु परिवर्तन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं, वह आतंकवाद मुक्त दुनिया के लिए अंतरराष्ट्रीय अभियान की अगुवाई करने के अलावा अपने मेक इन इंडिया कार्यक्रम के जरिये दुनिया की धीमी होती जीडीपी को गति देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जी-20 दिल्ली घोषणापत्र कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की बड़ी उपलब्धि है, जिसे दुनिया आने वाले दशकों तक याद रखेगी।

मनपसंद ट्रेनों में ड्यूटी के लिए देना पड़ता है चढ़ावा, टीटीई ने लगाया आरोप

कोटा। कोटा में एक टीटीई का व्हाट्सएप ग्रुप पर एक चैट सामने आया है। इस चैट में टीटीई सुपरवाइजरों पर पैसे और चढ़ावा लेकर टीटीइओं की ट्रेन बदलने का आरोप लगा रहे है। चैट में टीटीई सुपरवाजरों को बिका हुआ बता रहे हैं। टीटीई का यह चैट तेजी से वायरल हो रहा है। इसके चलते वाणिज्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

इस चैट के बाद सुपरवाइजरों ने मामले की शिकायत वाणिज्य अधिकारियों कर दी। इसके बाद अधिकारियों ने टीटीई ने टीटीई को बुधवार को अपने चेंबर में बुलवाया है। गौरतलब है की टीटीइयों की मनपसंद ट्रेनों में ड्यूटी लगाने का यह मामला पहली बार नहीं उठा है। इससे पहले भी ऐसे मामले कई बार सामने आते रहे हैं।

कई टीटीइयों का दावा है कि रिकॉर्ड की जांच करने पर कई ऐसे नाम सामने आ सकते हैं जो चुनिंदा ट्रेनों में ही लगातार ड्यूटी करते हैं। विजिलेंस भी इस मामले में छापा मार करवाई कर चुकी है। इस दौरान विजिलेंस ने टीटीइयों का ड्यूटी रजिस्टर और अन्य कागजात भी जप्त किए थे।

कोटा रेलवे वर्कशॉप में बायोमेट्रिक हाजरी में फर्जीवाड़ा पकड़ा

मोबाइल से फोटो दिखाकर लगा रहे दूसरे कर्मचारी की हाजरी, वीडियो वायरल

कोटा। Indian Railway News: रेलवे माल डिब्बा मरम्मत कारखाना (वर्कशॉप) में कर्मचारी अपने मोबाइल से मशीनों को फोटो दिखाकर सहकर्मी की फेस बायोमेट्रिक हाजिरी लगा रहे हैं। इसका एक सीसीटीवी वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। इसके बाद प्रशासन ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर हाजिरी के समय मोबाइल के उपयोग पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है।

उल्लेखनीय है कि वर्कशॉप में पिछले काफी समय से फिंगर प्रिंट बायोमेट्रिक हाजिरी लग रही थी। लेकिन कई कर्मचारियों की शिकायत थी कि फिंगरप्रिंट नहीं आने से उनकी हाजिरी नहीं लग रही। हालांकि यह शिकायत करने वालों में अधिकतर कर्मचारी विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी थे।

इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन ने पिछले दिनों फेस रीडिंग बायोमेट्रिक हाजिरी लगाना शुरू कर दिया। इसमें कर्मचारियों को अपना चेहरा मशीन के आगे सामने ले जाना होता है। इसके बाद मशीन चेहरे की पहचान कर कर्मचारी की हाजिरी लगा देती है। चेहरे मिलान के लिए मशीन में पहले से ही फोटो सहित सभी कर्मचारियों का रिकॉर्ड है।

बिना ड्यूटी आए हाजिरी की कोशिश
कर्मचारियों ने बताया कि कई बार बिना वर्कशॉप आए कर्मचारी अपनी हाजिरी लगाना चाहते हैं। लेकिन फेस मशीन इसमें बाधा बन रही थी। इस समस्या के समाधान के लिए ऐसे कर्मचारियों ने अपनी फोटो साथी कर्मचारियों के मोबाइल में सेव कर दी। अब यह कर्मचारी कंप्यूटराइज्ड मशीन को मोबाइल में फोटो दिखाकर अपने सहकर्मी की हाजिरी लगाने का प्रयास कर रहे हैं।

वीडियो वायरल
इस तरह की कोशिश का एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें कुछ कर्मचारी अपने मोबाइल से मशीन को फोटो दिखाकर अपने सहकर्मी की हाजिरी लगाने का प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि इस कोशिश में कर्मचारियों को सफलता नहीं मिलने की बात सामने आ रही है। इसके अलावा वायरल एक अन्य वीडियो में भी कर्मचारी मशीन से छेड़छाड़ करते नजर आ रहे हैं। यह मामला 29 नवम्बर का है।

फोटो से नहीं लगती हाजिरी
हालांकि अधिकारियों ने दावा किया कि मोबाइल के जरिए फोटो दिखाकर अभी तक किसी कर्मचारी के हाजिरी लगने का मामला सामने नहीं आया है। उनकी जांच के दौरान भी यह बात गलत साबित हुई है। मशीन किसी का फोटो देखकर हाजिरी नहीं लगाती है। हाजरी के लिए मशीन के सामने खुद कर्मचारी का चेहरा होना जरूरी है।

मोबाइल के उपयोग पर प्रतिबंध
कर्मचारियों की इन हरकतों के चलते दूसरे कर्मचारियों को हाजरी लगाने में देरी होती। लाइनों में खड़े सैकड़ो कर्मचारी हाजिरी के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं। इसके चलते समय पर आने के बाद भी कर्मचारी कई बार हाजिरी से वंचित रह जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन ने हाजिरी के समय कुछ सेकेंड के लिए मोबाइल के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है।

विवाह समारोह में परिजनों ने किया किन्नरों को आमंत्रित, उपहार में मिली राशि की स्वीकार

किन्नर समाज की अभिनव पहल

कोटा। मांगलिक कार्यों में किन्नर समूह द्वारा उपहार लेने पहुंचने पर मनमानी के आरोपों के चलते एक नई पहल की गई है। कर्मयोगी सेवा संस्थान के सहयोग से नई शुरुआत की गई। किन्नर समूह की ओर से घोषणा की गई है यदि आयोजक स्वयं किन्नर समूह को आमंत्रित करेंगे तो स्वेच्छा से दी गई उपहार राशि को स्वीकार करेंगे और आशीर्वाद प्रदान करेंगे।

कर्मयोगी सेवा संस्थान के संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया कि विवाह समारोह एवं मांगलिक कार्यों में किन्नर समूह पहुंचकर अपना आशीर्वाद देते हैं। वे नगद राशि के रूप में नेग लेते हैं। जिस पर ट्रांसजेंडर्स पर मनमानी के आरोप लगते हैं।

ऐसे में किन्नर समुदाय के उत्थान को लेकर कार्यरत कर्मयोगी सेवा संस्थान ने नए कोटा क्षेत्र किन्नर प्रमुख रीना दीदी से संपर्क कर इसका हल निकालते हुए नई पहल की गई है। उन्होंने बताया कि यदि परिजन मांगलिक कार्यों के अवसर पर स्वेच्छा से आमंत्रित करते हुए स्वेच्छा से दिया गया नेग स्वीकार करें। जिस पर रीना दीदी ने स्वीकार करते हुए सहमति प्रदान कर दी।

रीना दीदी ने बताया कि यही तो समस्या है कि कोई अपनी इच्छा से किन्नर समुदाय को बुलाता ही नहीं है। परिवार की जानकारी प्राप्त करके उन तक पहुंचना पड़ता है। उन्होंने कहा कि लोग सम्मान सहित बुलाएंगे तो समस्त ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए गौरव की बात होगी।

इसी के अंतर्गत शनिवार को पहली बार सामाजिक संस्था ह्यूमन हेल्प लाइन के वीरेंद्र जैन आदिनाथ के पुत्र चिरंजीव नमन जैन के विवाह समारोह में रीना दीदी किन्नर, काजल किन्नर समूह को अग्रिम रूप से पहल करते हुए बधाई के लिए मांगलिक कार्यक्रम में बुलाया। जहां सभी का सम्मान करते हुए भेंट स्वरूप उपहार राशि प्रदान की गई।

ह्यूमन हैल्पलाइन के अध्यक्ष मनोज जैन आदिनाथ द्वारा सभी परिजनों के साथ मिलकर किन्नर समूह का यथायोग्य सम्मान किया। जिससे किन्नर समुदाय बहुत ही खुश हुआ और उनके द्वारा दिए गए नजराने से संतुष्ट नजर आया। किन्नर रीना, काजल समेत एक दर्जन से अधिक ट्रांसजेंडर्स ने कहा कि ये पहला अवसर है जब हमें किसी परिवार ने निमंत्रण पत्र भेंट कर बुलावा भेजा। जिसका हम सम्मान करते हैं।

यदि समाज हमारा इसी तरह सहयोग करे तो हमे भी संबल मिलता रहेगा। किन्नर समूह ने वर वधू का आशीर्वाद प्रदान किया। कर्मयोगी सेवा संस्थान के संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी, अध्यक्ष अलका दुलारी जैन कर्मयोगी ने किन्नर समाज की इस पहल का स्वागत किया। अलका दुलारी ने कहा कि अन्य समूह को भी उसके लिए प्रेरित किया जाएगा। कोटा शहर में लगभग सात समूह कार्य कर रहे हैं।