भारत पर ट्रंप के एक और टैरिफ लगाने की खबर से शेयर बाजार में हड़कंप, भाव क्रैश

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Stock Market: सेंसेक्स 614 अंक लुढ़ककर 84488 पर और निफ़्टी 25800 से नीचे

नई दिल्ली Stock Market Opened: शेयर मार्केट में लगातार दूसरे दिन दलाल स्ट्रीट से रौनक गायब है। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 614 अंकों के नुकसान के साथ 84488 के लेवल पर आ गया है। जबकि, एनएसई का 50 शेयरों वाला बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 200 अंकों का गोता लगाकर 25760 के लेवल पर ट्रेड कर रहा है।

एशियाई बाजारों में गिरावट के बीच भारतीय शेयर बाजार के मंगलवार (9 दिसंबर) को लाल निशान में खुले। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत से आयात होने वाले चावल पर टैरिफ लगाने की बात कही है। इससे निवेशकों के सेंटीमेंट्स पर नेगेटिव असर पड़ा है। साथ ही अमेरिका के साथ ट्रेड डील की उम्मीदों को भी झटका लगा है।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 300 से ज्यादा अंक गिरकर 84,742 पर खुला। खुलते ही इसमें गिरावट देखने को मिली। सुबह 9:25 बजे यह 437.87 अंक या 0.51 फीसदी गिरकर 84,664 पर ट्रेड कर रहा था।

इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी गिरावट के साथ 25,867 अंक पर खुला। सुबह 9:25 बजे यह 134.75 अंक या 0.52 फीसदी गिरकर 25,825.80 पर कारोबार कर रहा था।

ग्लोबल मार्केट के संकेत
वॉल स्ट्रीट पर बिकवाली के चलते पूरे एशिया में बाजारों में गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन को H200 चिप की बिक्री को मंजूरी दिए जाने के बाद मेनलैंड चीन का CSI 300 इंडेक्स 0.11 प्रतिशत नीचे आया। जबकि हांगकांग का हैंग सेंग 0.41 प्रतिशत नीचे आया। इस सौदे में अमेरिकी सरकार के लिए एक बड़ी कटौती भी शामिल है। इस बीच, जापान का निक्केई 0.11 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया का KOSPI 0.39 प्रतिशत नीचे आया।

वहीं, अमेरिकी शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। डॉव जोन्स 0.45 प्रतिशत, एसएंडपी 500 0.35 प्रतिशत और नैस्डैक 0.14 प्रतिशत नीचे आ गए। निवेशक अब इस हफ्ते फेडरल रिकर्व की नीतिगत बैठक का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं और उम्मीद है कि अमेरिकी फेड बुधवार को अपने नीतिगत फैसले की घोषणा करेगा।

घरेलू मोर्चे पर चावल से जुड़े शेयरों फोकस में रहेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय चावल पर नए टैरिफ लगाने की संभावना का संकेत दिया है। इससे यह चिंता बढ़ गई है कि वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच ट्रेड डील अनसुलझी रह सकती है।