मुंबई। वॉलेट भुगतान कंपनी पेटीएम के प्रमुख विजय शेखर शर्मा ने बताया कि कंपनी की जांच में 10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। इसके बाद कंपनी ने कई कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया और सैकड़ों विक्रेताओं को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है। दोषी कर्मचारियों ने विक्रेताओं के साथ मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया था।
विजय शेखर ने कहा कि दिवाली के बाद यह देखने में आया कि कुछ छोटे विक्रेताओं को बड़ी मात्रा में कैशबैक मिला है। इसके बाद ऑडिटर्स को मामले की जांच का निर्देश दिया गया। पेटीएम के परामर्शदाता फर्म ईवाई ने जांच में पाया कि कुछ जूनियर कर्मचारी छोटे विक्रेताओं के साथ मिलकर फर्जी ऑर्डर के जरिये कैशबैक इधर-उधर कर रहे हैं।
कुल मिलाकर यह रकम करीब 10 करोड़ रुपये रही और खुलासा होने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि कंपनी के प्लेटफॉर्म पर विक्रेताओं की संख्या में कमी आने के बावजूद हमारा प्रदर्शन बेहतर होगा। कैशबैक ऑफर का भविष्य नहीं होने के सवाल पर विजय शेखर ने कहा कि यह तब तक फायदे का सौदा नहीं है, जब तक उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ न जाए।
इसमें लाभ कमाने के लिए उपभोक्ताओं की संख्या मौजूदा 30 से बढ़ाकर 50 करोड़ जबकि विक्रेताओं की संख्या 1.20 करोड़ से बढ़ाकर चार करोड़ करनी होगी। हमने यह सुनिश्चित किया है कि हमारे प्लेटफार्म पर सिर्फ ब्रांड विक्रेता रहें।
उन्होंने कहा कि ऐसे कड़े कदमों से विक्रेताओं की संख्या तो कम हुई है, लेकिन इससे हमारे उपभोक्ताओं को बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र मिल सकेगा। खबरों में कहा गया है कि अलीबाबा समर्थित कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने तीसरे पक्ष के वेंडरों के साथ सांठगाठ कर फर्जी आर्डरों के जरिये कैशबैक को इधर-उधर किया।