नई दिल्ली।बिजली बिल, पानी बिल, फोन बिल, गैस बिल और न जाने क्या-क्या बिल? हम इनसे छुटकारा चाहते हैं, लेकिन इन सबसे एक साथ छुटकारा संभव नहीं है। हां, बिजली बिन से मुक्ति पाने का एक आसान सा उपाय जरूर है। दरअसल, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में लगातार आ रही नई तकनीक ने यह संभव बनाया है। अगर आपकी अपनी छत है तो आप इस तकनीक की मदद से अपना बिजली बिल जीरो कर सकते हैं।
सौर ऊर्जा से आज लाखों घर रोशन हो रहे हैं। यह पर्यावरण अनुकूल होने के साथ बेहद किफायती भी है। इसकी मदद से आप अपना बिजली बिल कम-से- कम 90 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। हम दिल्ली में एक परिवार के उदाहरण से इसे समझ सकते हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में 900 वर्ग फीट के 2 बीएचके (दो कमरों का घर) में रहने वाला चार सदस्यों का परिवार रूफटॉफ सोलर-पावर सिस्टम से फायदा उठा सकता है। रेफ्रिजरेट, वॉशिंग मशीन, हॉट-वॉटर गीजर, टीवी सेट, दो एसी, पांच-छह ट्यूबलाइट और रसोई घर के कुछ इलेक्ट्रिकल अप्लायंस चलाने के लिए यह सिस्टम काफी है। कुल मिलाकर 20-25 अप्लायंस को बड़े आराम से इसकी मदद से चलाया जा सकता है।
अगर इन पर होने वाली बिजली खपत को जोड़ लिया जाए तो यह रोजाना करीब 31.07 kWh यूनिट बैठती है। यानी महीने में बिजली का खर्च 932 यूनिट बैठेगा। दिल्ली में हर महीने 200 यूनिट से कम बिजली का इस्तेमाल करने वाले घर से 3 रुपये प्रति kWh से बिल वसूला जाता है। 200 से 400 के बीच यूनिटों का इस्तेमाल करने पर 4.50 रुपये प्रति kWh के हिसाब से बिल आता है।
401 यूनिट से 800 यूनिट तक बिजली की दर प्रति यूनिट 6.50 रुपये रहती है। 800 से ज्यादा पर 1,200 से कम पर यही दर 7 रुपये यूनिट होती है। 1,200 यूनिट से अधिक की खपत पर 8 रुपये यूनिट के हिसाब से बिजली का बिल वसूला जाता है। दिल्ली में बिजली की दरों के अनुसार, हमने जिस परिवार का उदाहरण लिया है, उसका मासिक बिल करीब 6,500 रुपये आएगा.
सोलर पावर सिस्टम मैन्यूफैक्चरिंग करने वाली प्रमुख कंपनी ZunRoof के सीईओ एवं संस्थापक प्रणेश चौधरी कहते हैं कि सोलर पावर के विकल्प को अपनाकर बिजली के बिल को 92 फीसदी तक घटाया जा सकता है।
ल्यूमिनस पावर टेक्नॉलजीज में मार्केटिंग के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट सचिन भल्ला कहते हैं, ‘जिस परिवार का बिजली का बिल 6,000 रुपये से अधिक है, उसे 5KW का ऑन-ग्रिड रूफटॉप सोलर सिस्टम लेना होगा। यह छत की 500 वर्ग फुट जगह को घेरेगा।’
कहां से खरीदें?
आज कई कंपनियां रूफटॉप सोलर पावर सिस्टम बेच रही हैं। ये सिस्टम 25 साल की परफॉर्मेंस गारंटी के साथ आते हैं। इन्हें बेचने वाली कुछ प्रमुख कंपनियों में Luminos, ZunRoof और TATA Power Solar शामिल हैं। भल्ला कहते हैं कि सोलर पावर सिस्टम लंबी अवधि का निवेश है। इसकी लागत कुछ साल में ही निकल आती है।
कितना आएगा खर्च?
10kW सिस्टम पर आपको करीब 10 लाख रुपये का खर्च आएग। तीन से पांच साल में बैटरी बदलवाने का खर्च इसमें अलग है। यह करीब 1-2 लाख रुपये बैठेगा। यह बात ऑफ ग्रिड सिस्टम के लिए है। ऑफ ग्रिड का मतलब है कि आपको रेग्युलर पावर सप्लाई से कोई लेना देना नहीं होगा।
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जहां तक ऑन-ग्रिड सिस्टम का सवाल है तो यह अधिक किफायती विकल्प है। इसे इलेक्ट्रिसिटी की मेन सप्लाई लाइन के साथ जोड़ सकते हैं। सरकारी सब्सिडी के साथ ऑन-ग्रिड सिस्टम पर करीब 2-3 लाख रुपये का खर्च आएगा।
दिल्ली में हाल तक यह यह प्रति kW 15,000 रुपये बैठता था। इस सिस्टम में किसी स्टोरेज की जरूरत नहीं पड़ती है, इसलिए शुरुआती लागत कम बैठती है। ग्रिड के साथ जुड़े रहने के कारण इसमें रखरखाव का खर्च भी नहीं आता है।