नई दिल्ली।चालू सीजन के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में ईसबगोल की बिजाई अधिक क्षेत्रफल पर की गई थी लेकिन गुजरात में बिजाई गत वर्ष की तुलना में कम रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में ईसबगोल की बिजाई लगभग 3 लाख हेक्टेयर पर की गई जबकि गत वर्ष बिजाई 2.80 लाख हेक्टेयर पर की गई थी। गुजरात में बिजाई लगभग 17 से 18 हजार हेक्टेयर पर की गई है, जबकि गत वर्ष बिजाई 22 से 23 हेक्टेयर पर हुई थी।
मध्य प्रदेश में भी बिजाई का क्षेत्रफल गत वर्ष की तुलना में अधिक रहा है। कुल मिलाकर चालू सीजन के लिए उत्पादक केन्द्रों पर ईसबगोल की बिजाई लगभग 3.50 लाख हेक्टेयर पर की गई है जबकि गत वर्ष बिजाई 3.20 लाख हेक्टेयर पर हुई थी बिजाई के पश्चात मौसम भी फसल के अनुकूल रहा जिस कारण से प्रति हेक्टेयर उत्पादकता भी गत वर्ष की तुलना में अधिक रहेगी।
अधिक बिजाई एवं प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ने के कारण संभावना व्यक्त की जा रही है कि चालू सीजन के दौरान देश में ईसबगोल की पैदावार 39/40 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 75 किलो) की रहेगी गत वर्ष उत्पादन 27/28 लाख बोरी का रहा था।
गुजरात की ऊंझा मंडी में नए ईसबगोल की आवक शुरू हो गई और नए मालों के भाव 140/170 रुपए बोले जा रहे हैं। मध्य प्रदेश की मंडियों में भी छिटपुट आवक शुरू हो गई जबकि राजस्थान की मंडियों में आवक होली के पश्चात शुरू हो जाएगी।
कीमतों में मंदा
उल्लेखनीय है गत वर्ष पैदावार घटने एवं निर्यातक मांग अच्छी होने के कारण जुलाई 2023 में उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर ईसबगोल के भाव 253/270 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गए थे। जोकि वर्तमान में घटकर 150/185 रुपए पर आ गए हैं और अभी भी धारणा मंदे की है क्योंकि प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में आवक आगामी माह में बढ़नी शुरू होगी। सूत्रों का मानना है कि वर्तमान कीमतों में अभी 15 से 20 रुपए प्रति किलो का मंदा और आना चाहिए।