कोटा। समता आंदोलन समिति की संभागीय कार्य समिति की विचार गोष्ठी नववर्ष पर चंबल रेस्टहाउस किशोरपुरा पर आयोजित की गई। बैठक में मुख्य वक्ता व प्रदेश अध्यक्ष पाराशर नारायण शर्मा ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि जातिवादी पोषक पार्टियों को राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में सरकार परिवर्तन कर जनता ने नकार दिया।
जनता चाहती है की जातिवादी व्यवस्थाओं की पोषक पार्टियां केवल वोट के लिए ही जातिगत आरक्षण का इस्तेमाल करती हैं। 1951 में 71 पिछड़ी जातियां आरक्षण के दायरे में थीं, दुर्भाग्य से 75 वर्ष बाद भी आज तक यह पिछड़ी जाति अगड़ी नहीं हुई। इस बात का प्रतीक है यह व्यवस्था ठीक नहीं थी। अब समय आ गया है इस व्यवस्था को समाप्त कर गरीब, पिछड़े वर्ग, को इसका लाभ दिया जाए।
गोष्ठी में संभागीय अध्यक्ष डॉक्टर अनिल शर्मा ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के अमीर लोग ही उस जाति के गरीब लोगों का हक मार कर आज तक इस दोष पूर्ण आरक्षण नीति का लाभ उठा रहे हैं। गरीब और दलित को इसका लाभ मिले, इसके लिए इन वर्गों में भी क्रीमीलेयर लागू होना आवश्यक है।
जिला अध्यक्ष गोपाल गर्ग ने कहा कि इस आंदोलन को आम जनता तक पहुंचाकर इसको सफल बनाया जा सकता है। इसकी रीति-नीति को महिलाओं, युवाओं तक पहुंचा कर जन आंदोलन चलाने की आवश्यकता है।
महामंत्री कमल सिंह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पदोन्नति में आरक्षण नहीं हो मामले में दिए गए निर्णय से आज सामान्य वर्ग को पदोन्नति में जबरदस्त लाभ हुआ है। कार्यक्रम के अंत में समता आंदोलन बंधुओ की जिज्ञासा को शांत करने के लिए प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम रखा गया। जिसमें पूछे गए प्रश्नों का बड़े सहज भाव से पाराशर नारायण ने उतर दिए।
यह थे प्रश्न
अनुसूचित जाति और जनजाति में क्रीमीलेयर लागू होना। सभी बेरोजगार के लिए समान परीक्षा शुल्क या शुल्क माफ हो। मध्य प्रदेश की तरह सभी मेघावी छात्रों को राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय या तकनीकी विश्वविद्यालय की तरह फीस व प्राइवेट महाविद्यालयों की फीस के अंतर की राशि सरकार भुगतान करे आदि बातों के जवाब दिये। संगठन को मजबूत करने के लिए आंदोलन द्वारा 6 सूत्री कार्यक्रम को आम जनता तक पहुंचाने का संकल्प सर्वसम्मति से उपस्थित समता बंधुओ द्वारा लिया गया। मंच संचालन महामंत्री रासबिहारी द्वारा किया गया।