नई दिल्ली। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC meeting) की द्विमासिक समीक्षा बैठक आज यानी सोमवार से शुरू हो गई है। नए वित्त वर्ष की इस बैठक में ब्याज दरों पर फैसला होगा।
बैठक से पहले लोन मंहगा होने की आशंका जताई जा रही है। एक्सपर्ट्स ऐसा अनुमान लगा रहे हैं कि RBI MPC की बैठक में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट्स यानी 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी करने का फैसला ले सकता है।
ऐसा अनुमान इसलिए लगाया जा रहा है क्योंकि दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने बीते महीने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी, जिसमें बैंक ऑफ इंग्लैंड, फेडरल रिजर्व और यूरोपियन सेंट्रल बैंक शामिल हैं। बता दें कि मंहगाई पर काबू पाने के लिए RBI ने मई 2022 से लगातार नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी का रुख अपनाया हुआ है।
RBI ने पिछले साल रीपो रेट 4 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी किया था। गत फरवरी में संपन्न पिछली एमपीसी बैठक में भी रेपो दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी।
एमपीसी की बैठक में मौद्रिक नीति से जुड़े तमाम घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय पहलुओं की व्यापक समीक्षा के बाद कोई फैसला लिया जाएगा। इस दौरान उच्च खुदरा मुद्रास्फीति की स्थिति और विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों- अमेरिकी फेडरल रिजर्व, यूरोपीय केंद्रीय बैंक एवं बैंक ऑफ इंग्लैंड के हालिया कदमों का भी गहन विश्लेषण किया जाएगा।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में 6.52 प्रतिशत और फरवरी में 6.44 प्रतिशत पर रही है। खुदरा मुद्रास्फीति का यह स्तर आरबीआई के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से अधिक है। बता दें कि केंद्र सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रहे।