नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में इस हफ्ते ट्रेडिंग गतिविधियां महंगाई के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों में ट्रेंड और विदेशी फंड की खरीद बिक्री पर निर्भर करेंगी। इसके साथ ही अडानी मामले में हो रही डेवलपमेंट का भी असर बाजार में देखने को मिल सकता है। ऐसा जानकारों का कहना है।
स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड पर भी बाजार की चाल निर्भर करेगी। वहीं, एफपीआई की बिकवाली भी जनवरी के मुकाबले कम हुई है।
इस हफ्ते अमेरिका और भारत दोनों के महंगाई के आंकड़े सामने आएंगे। शेड्यूल के मुताबिक, भारत में मंगलवार को खुदरा महंगाई का डाटा जारी होना है। खुदरा महंगाई दर दिसंबर में 5.72 प्रतिशत पर आ गई है, जोकि आरबीआई की ओर से तय किए गए महंगाई दर की ऊपरी रेंज से 6 प्रतिशत नीचे है। पिछले हफ्ते आरबीआई द्वारा महंगाई को काबू करने के लिए रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया गया है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विजेस के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए निवेशकों को उन कंपनियों पर फोकस करना चाहिए, जहां वैल्यू गैप अप हो। अगले हफ्ते अडानी एंटरप्राइजेज, ग्रासिम, आयशर मोटर्स, सेल और कई अन्य कंपनियों को नतीजे अगले हफ्ते आएंगे। पिछसे हफ्ते सेंसेक्स 159.18 अंक गिरकर 0.26 प्रतिशत गिरकर 60,682 अंक पर बंद हुआ था।