नई दिल्ली। घरेलू और वैश्विक मोर्चे पर घटनाक्रमों से चिंतित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भारतीय शेयर बाजारों (Indian Stock Market) में बिकवाली का सिलसिला जारी है। एफपीआई ने इस महीने अब तक भारतीय बाजारों से 14,000 करोड़ रुपये की निकासी की है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल एफपीआई अब तक भारतीय शेयर बाजारों से 1.81 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि आगे भी एफपीआई की बिकवाली (FPI Withdrawal) जारी रहेगी। हालांकि, लघु और मध्यम अवधि में बिकवाली कुछ घट सकती है। समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बांड बाजार से 600 करोड़ रुपये निकाले हैं।
इन बाजारों से भी एफपीआई ने की निकासी
भारत के अलावा एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में ताइवान, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड और फिलिपीन जैसे उभरते बाजारों से भी निकासी की है। नायर ने कहा, ‘‘इसकी वजह यह है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती, सख्त मौद्रिक रुख, आपूर्ति पक्ष की दिक्कतों और ऊंची मुद्रास्फीति (Inflation) को बाजार पहले ही ‘स्वीकार’ कर चुका है। केंद्रीय बैंकों द्वारा दीर्घावधि में आक्रामक मौद्रिक रुख तभी जारी रहेगा, जबकि मुद्रास्फीति ऊंची हो।’’
अक्टूबर 2021 से जारी है एफपीआई की निकासी
आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने एक से 10 जून के दौरान भारतीय शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 13,888 करोड़ रुपये की निकासी की है। उनकी बिकवाली का सिलसिला अक्टूबर, 2021 से जारी है। नायर ने कहा कि फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के आक्रामक रुख की वजह से फिलहाल एफपीआई की बिकवाली जारी है।