Saturday, December 20, 2025
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OnePlus 13R फोन 12GB रैम, स्नैपड्रैगन 8 जेन 3 प्रोसेसर के साथ होगा लॉन्च

नई दिल्ली। वनप्लस (OnePlus) कम्पनी अपने नए फोन OnePlus 13R को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। यह फोन जनवरी 2025 में भारत में लॉन्च हो सकता है। फोन को लॉन्च होने में अभी कुछ दिन बचे हैं, इसी बीच माई स्मार्ट प्राइस ने इस डिवाइस को बेंचमार्किंग प्लैटफॉर्म गीकबेंच पर देख लिया है।

गीकबेंच लिस्टिंग के अनुसार फोन का मॉडल नंबर CPH2645 है। 91 मोबाइल्स इंडोनेशिया की रिपोर्ट के अनुसार यह फोन FCC पर भी लिस्ट हो गया है। इन लिस्टिंग में फोन के बारे में कुछ बड़ी जानकारियां सामने आई हैं।

स्पेसिफिकेशन
गीकबेंच लिस्टिंग की मानें, तो फोन में कंपनी प्रोसेसर के तौर पर स्नैपड्रैगन 8 जेन 3 ऑफर करने वाली है। यह फोन 12जीबी तक की रैम से लैस होगा। ओएस की बात करें, तो फोन ऐंड्रॉयड 15 पर बेस्ड OxygenOS 15 पर काम करेगा। फोन के दूसरे खास स्पेसिफिकेशन्स का खुलासा FCC लिस्टिंग में हुआ है। इसके अनुसार कंपनी का यह फोन 5860mAh की बैटरी से लैस होगा। यह बैटरी 80 वॉट की फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करेगी। कनेक्टिविटी के लिए फोन में आपको वाई-फाई 7, ब्लूटूथ 5.4 और एनएफसी जैसे ऑप्शन देखने को मिल सकते हैं।

रीब्रैंडेड वर्जन
पिछली लीक्स के अनुसार वनप्लस 13R स्मार्टफोन चीन में लॉन्च होने वाले वनप्लस Ace 5 का रीब्रैंडेड वर्जन हो सकता है। यह फोन अगले कुछ दिनों में चीन में चीन में लॉन्च हो सकता है। वनप्लस एस 5 के फीचर्स की बात करें, तो इसमें कंपनी 16जीबी तक की LPDDR5x रैम और 512जीबी तक का UFS 4.0 स्टोरेज दे सकती है। प्रोसेसर के तौर पर फोन में कंपनी स्नैपड्रैगन 8 जेन 3 दे सकती है। फोन में आपको BOE का 1.5K रेजॉलूशन वाला OLED डिस्प्ले दिया जा सकता है।

कैमरा सेटअप
फोटोग्राफी के लिए फोन में आपको एलईडी फ्लैश के साथ तीन कैमरे दे सकती है। इनमें 50 मेगापिक्सल के मेन लेंस के साथ एक 8 मेगापिक्सल और एक 2 मेगापिक्सल का कैमरा शामिल हो सकता है। वहीं, सेल्फी के लिए फोन में कंपनी 16 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दे सकती है। यह फोन 6300mAh या 6500mAh की बैटरी दे सकती है। यह बैटरी 100 वॉट की फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट कर सकती है। माना जा रहा है कि कंपनी वनप्लस 13R को मार्केट में थोड़ी छोटी बैटरी के साथ लॉन्च सकती है।

राजस्थान सरकार का 125 रुपए के बोनस के साथ 14 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य

जयपुर। Wheat MSP: राजस्थान सरकार ने 2025-26 के रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान किसानों से 14 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित करते हुए इसके लिए किसानों को 2425 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर 125 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा की है।

इस तरह राजस्थान के किसानों को अगले साल 2550 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अपना गेहूं बेचने का अवसर मिलेगा। 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में भी किसानों से 2400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा गया था जिसमें 2275 रुपए प्रति क्विंटल का एमएसपी तथा 125 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस शामिल था।

राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अनुसार राज्य में 10 मार्च 2025 से गेहूं की खरीद प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। विभाग का कहना है कि राजस्थान को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेवाई) के अंतर्गत प्रति माह 2.20 लाख टन तथा वार्षिक आधार पर 26 लाख टन गेहूं का आवंटन हो रहा है।

इसे देखते हुए राज्य में 14 लाख टन के नियत लक्ष्य के अनुरूप खरीद होने पर गेहूं के स्टॉक को राजस्थान में ही भंडारित करके उपयोग में लाया जा सकता है। यदि नियत लक्ष्य से अधिक मात्रा में गेहूं की खरीद होती है तो भारतीय खाद्य निगम राज्य की जरूरतों के अतिरिक्त गेहूं को अन्य राज्यों में वितरण के लिए भेज सकता है। भारतीय खाद्य निगम द्वारा राजस्थान में भारी मात्रा में गेहूं खरीदा जाता है और फिर इसमें से राज्य सरकार को आवश्यकता के अनुसार गेहूं का आवंटन किया जाता है।

राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव को भेजे एक पत्र में कहा है कि राजस्थान में 2025-26 के रबी मार्केटिंग सीजन केन्द्रीयकृत प्रणाली के तहत 2425 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं 125 रुपए प्रति क्विंटल के अतिरिक्त बोनस पर गेहूं की खरीद के लिए एफसीआई (राजस्थान) को खरीद प्रक्रिया में शामिल होने तथा खरीदे गए गेहूं को केन्द्रीय पूल में सम्मिलित करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

घटी कीमतों के बाद चावल के वैश्विक बाजार भाव में फिर से तेजी आने का अनुमान

नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चावल का भाव एक बार फिर तेज और मजबूत होने लगा है जबकि कुछ समय पूर्व इसमें 10-15 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई थी। पाकिस्तान फिलहाल चावल के वैश्विक निर्यात बाजार में भारत को मजबूत चुनौती पेश कर रहा है।

चावल निर्यातक संघ के अध्यक्ष का कहना है कि कीमतों में काफी नरमी के बाद चावल का दाम मजबूत होने लगा है क्योंकि एक तो रमजान का समय नजदीक आने लगा है और दूसरे घरेलू प्रभाग में धान की कटाई में देर हो गई है।

एक अन्य विश्लेषक के मुताबिक जब भारत में चावल के निर्यात की उदार नीति की घोषणा करते हुए शुल्क और प्रतिबंध को वापस लेने का निर्णय लिया गया तथा पाकिस्तान और थाईलैंड जैसे देशों ने अपने चावल के निर्यात ऑफर मूल्य में 10-15 प्रतिशत की कटौती कर दीं, लेकिन फिलीपींस एवं इंडोनेशिया जैसे देशों की बढ़ती मांग के कारण अब कीमतों में दोबारा सुधार आने लगा है। फिलीपींस के आयातक नई फसल के चावल की खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

थाई चावल निर्यातक संघ के अनुसार थाईलैंड के 5 प्रतिशत टूटे चावल सफेद चावल का निर्यात ऑफर मूल्य फिलहाल 516 डॉलर प्रति टन, वियतनामी चावल का 520-524 डॉलर प्रति टन, पाकिस्तानी चावल का 455-459 डॉलर प्रति टन और भारत के 5 प्रतिशत टूटे सफेद चावल का निर्यात ऑफर मूल्य 453-457 डॉलर प्रति टन चल रहा है। पिछले एक पखवाड़े के दौरान इसमें 10 डॉलर प्रति टन का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के एक अग्रणी निर्यातक के अनुसार धान की नई फसल से निर्मित चावल का फ्री ऑन बोर्ड निर्यात ऑफर मूल्य 460 डॉलर प्रति टन चल रहा है। भारतीय निर्यातकों के साथ समस्या यह है कि यहां परिवहन खर्च पाकिस्तान से ऊंचा बैठता है।

चीन से भारी मात्रा में चावल का निर्यात होने का प्रमुख कारण यही है कि वहां से परिवहन खर्च पाकिस्तान से भी नीचे है। उदाहरणस्वरूप पाकिस्तान के कराची बंदरगाह से मारीशस के पोर्ट लुई तक का किराया 45 डॉलर प्रति कंटेनर चल रहा है जबकि भारत के मूंदड़ा बंदरगाह से वहां तक की पहुंच का किराया 90 डॉलर प्रति कंटेनर बताया जा रहा है।

इसके अलावा पाकिस्तान मुद्रा की विनिमय दर भी भारत की तुलना में अमरीकी डॉलर के मुकाबले काफी नीचे है। लेकिन पाकिस्तान भारत के साथ केवल सीमित प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम है और बाद में भारतीय चावल का निर्यात प्रदर्शन बेहतर होता जाएगा।

सैमसंग का यह फोन 11 हजार रुपये सस्ते में खरीदें, फ्लिपकार्ट पर आज का ऑफर

नई दिल्ली। फ्लिपकार्ट की ब्लैक फ्राइडे सेल में भारी डिस्काउंट के साथ फोन खरीदने से चूक गए हैं, तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है। 29 नवंबर को खत्म होने वाली इस सेल को एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। ऐसे अगर आप नया फोन खरीदने की सोच रहे हैं, तो अब बिल्कुल देर न करें। वहीं, अगर आप सैमसंग के फैन हैं, तो इस सेल में आपके लिए एक जबर्दस्त डील मौजूद है। यह डील Samsung Galaxy Z Flip 6 (12जीबी+512जीबी) पर दी जा रही है।

डील में यह फ्लिप फोन 11 हजार रुपये के बैंक डिस्काउंट के साथ मिल रहा है। फोन खरीदने के लिए अगर आप फ्लिपकार्ट ऐक्सिस बैंक के कार्ड का इस्तेमाल करेंगे, तो आपको 5 पर्सेंट का कैशबैक मिलेगा। एक्सचेंज ऑफर में आप इस फोन की कीमत को 60,600 रुपये तक कम कर सकते हैं। ध्यान रहे कि एक्सचेंज ऑफर में मिलने वाला डिस्काउंट आपके पुराने फोन की कंडीशन, ब्रैंड और कंपनी की एक्सचेंज पॉलिसी पर निर्भर करेगा।

गैलेक्सी Z फ्लिप 6 के फीचर और स्पेसिफिकेशन
कंपनी इस फोन में 2640×1080 पिक्सल रेजॉलूशन के साथ 6.7 इंच का फुल एचडी+ डाइनैमिक AMOLED 2x इन्फिनिटी फ्लेक्स डिस्प्ले दे रही है। यह डिस्प्ले 120Hz के रिफ्रेश रेट को सपोर्ट करता है। फोन में कंपनी 720×748 पिक्सल रेजॉलूशन के साथ 3.4 इंच का सुपर एमोलेड कवर डिस्प्ले ऑफर कर रही है। फोन 12जीबी तक की रैम और 512जीबी तक के इंटरनल स्टोरेज ऑप्शन में आता है। प्रोसेसर के तौर पर फोन में आपको स्नैपड्रैगन 8 जेन 3 देखने को मिलेगा।

फोटोग्राफी के लिए फोन में कंपनी 50 मेगापिक्सल का वाइड ऐंगल कैमरा दे रही है। इसके अलावा फोन में आपको एक 12 मेगापिक्सल का एक अल्ट्रावाएड ऐंगल कैमरा मिलेगा। सेल्फी के लिए फोन में आपको 10 मेगापिक्सल का कैमरा देखने को मिलेगा। फोन में ऑफर की जाने वाली बैटरी 4000mAh की है। यह बैटरी 25 वॉट की चार्जिंग को सपोर्ट करती है। बायोमेट्रिक सिक्योरिटी के लिए फोन में आपको साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट सेंसर देखने को मिलेगा।

EPFO 3.0: ईपीएफओ में जमा राशि अब पीएफधारक एटीएम से निकाल सकेंगे

नई दिल्ली। रिटायरमेंट के बाद उनकी इनकम जारी रहे इसके लिए कर्मचारियों के पास ऑप्शन होता है कि वह जॉब के साथ ईपीएफओ (EPFO) में निवेश करें। ईपीएफओ में निवेश राशि में से एक हिस्सा रिटायरमेंट के बाद पेंशन को तौर पर मिलता है। अब ईपीएफओ के नियमों में बदलाव किया जा सकता है। यह बदलाव हो जाने के बाद से निवेशकों को काफी लाभ होगा।

जी हां, सरकार ईपीएफओ 3.0 (EPFO 3.0) लाने की योजना बना रही है। इसके लागू होने के बाद से ईपीएफओ के नियमों में काफी बदलाव हो जाएगा। इन बदलाव के बाद निवेशकों को प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) से निकासी और निवेश करने में और सुविधा मिल जाएगी।

क्या है ईपीएफओ 3.0
सरकार ने हाल ही में पैन 2.0 प्रोजेक्ट (Pan 2.0 Project) का एलान किया था। अब माना जा रहा है कि सरकार ईपीएफओ 3.0 प्रोजेक्ट की घोषणा कर सकती है। इस प्रोजेक्ट में ईपीएफओ को और सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार कई नियमों को बदल सकती है। इन नियमों के बदल जाने के बाद निवेशकों की कई परेशानी दूर हो जाएगी। इसका मतलब है कि ईपीएफओ 3.0 से निवेशकों को कई तरह से लाभ मिलेगा।

योगदान राशि में होगी बढ़ोतरी
वर्तमान में कर्मचारी ईपीएफ (EPF) में केवल अपनी सैलरी 12 फीसदी हिस्सा ही निवेश कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्टे्स के अनुसार अगर ईपीएफओ 3.0 प्रोजेक्ट लागू होता है तो कर्मचारी अपने योगदान हिस्सेदारी को बढ़ा भी सकता है। इसका मतलब है कि वह 12 फीसदी से ज्यादा का निवेश भी कर सकते हैं।
कई कर्मचारी ईपीएफओ 12 फीसदी से ज्यादा का निवेश करना चाहते थे, पर एक लिमिट होने के कारण वह ऐसा नहीं कर पाते थे। हालांकि, ईपीएफओ 3.0 आने के बाद वह अपने अनुसार निवेश कर सकते हैं।

एटीएम से निकाल सकेंगे पैसे
कर्मचारी ने बताया कि उन्हें प्रोविडेंट फंड से आंशिक निकासी करने में दिक्कत होती है। ऐसे में इस परेशानी को दूर करने के लिए ईपीएफओ 3.0 लागू होने के बाद कर्मचारी एटीएम के जरिये प्रोविडेंट फंड से पैसे निकाल सकते हैं। यह नियम लागू होने के बाद पीएफ अकाउंट (PF Account) से पैसे निकालने में आसानी हो जाएगी। माना जा रहा है कि यह नियम मई-जून 2025 से लागू हो सकता है।

LPG सिलेंडर से लेकर क्रेडिट कार्ड तक के नियम कल से बदल जायेंगे

नई दिल्ली। Rules changing from 1st december: दिसंबर का महीना कल यानी रविवार से शुरू हो रहा है। साल का आखिरी महीना अपने साथ कई बदलाव ला रहा है। 1 दिसंबर 2024 से फाइनेंस से जुड़े कई नियमों में बदलाव होने जा रहा है जिनका सीधा संबंध आपकी जेब से है। ईपीएफओ के कर्मचारियों के लिए यूएएन एक्टिवेट करने का आज आखिरी दिन है। EPFO की सुविधाओं का फायदा उठाने के लिए यह काम करना जरूरी है। क्या-क्या बदलाव हो रहे हैं 1 दिसंबर से जानिए-

गैस सिलेंडर की कीमत
ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेंडर की कीमत में बदलाव करती हैं। ऐसे में 1 दिसंबर को इसमें कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है। 1 नवंबर को 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम में बढ़ोतरी हुई थी। हालांकि घरों में यूज होने वाले 14 किलो के घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत पिछले कई महीनों से नहीं बदली है। इसके साथ ही विमानों में इस्तेमाल होने वाले ATF की कीमत में भी बदलाव हो सकता है। इसका असर हवाई किराये पर पड़ सकता है।

SBI क्रेडिट कार्ड
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के क्रेडिट कार्ड से जुड़ा नियम भी 1 दिसंबर से बदलने जा रहा है। अगर आप अपने घरेलू खर्च के अलावा डिजिटल गेमिंग प्लेटफॉर्म/मर्चेंट से जुड़े ट्रांजैक्शन के लिए SBI के क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो 1 दिसंबर से आपको इस पर रिवॉर्ड पॉइंट्स मिलने बंद हो जाएंगे। एसबीआई कार्ड की वेबसाइट में यह जानकारी दी गई है।

OTP के लिए करना होगा इंतजार
TRAI की ओर से कमर्शल मेसेज और ओटीपी से संबंधित ट्रेसेबिलिटी नियम लागू करने का जो फैसला लिया गया है, पहले टेलीकॉम कंपनियों को इसे 31 अक्टूबर तक लागू करना था, लेकिन तमाम कंपनियों की मांग के बाद इसकी डेडलाइन बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई थी। ट्राई के इस नियम को टेलीकॉम कंपनियां 1 दिसंबर से लागू कर सकती हैं। इस रूल चेंज का मकसद ये है कि टेलीकॉम कंपनियों द्वारा भेजे गए सभी मेसेज ट्रैसेबल होंगे, जिससे फिशिंग और स्पैम के मामलों पर रोक लगाई जा सके। नए नियमों के चलते, ग्राहकों को ओटीपी डिलीवरी में देरी का सामना करना पड़ सकता है।

17 दिन बंद रहेंगे बैंक
आरबीआई ने दिसंबर के लिए बैंक छुट्टियों की लिस्ट जारी कर दी है। केंद्रीय बैंक के मुताबिक दिसंबर में कुल 17 दिन बैंकों में छुट्टी रहेगी। इस दौरान RBI की बैंक हॉलिडे लिस्ट पर गौर करें तो विभिन्न राज्यों में अलग-अलग पर्व और आयोजनों के आधार पर ये बैंक हॉलिडे तय किए गए हैं। इनमें दूसरे और चौथे शनिवार के साथ ही रविवार के साप्ताहिक अवकाश भी शामिल हैं। आप रिजर्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर ये बैंक हॉलिडे लिस्ट देख सकते हैं।

UAN एक्टिवेट नहीं किया तो
भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कंपनियों को अपने नए कर्मचारियों के आधार से जुड़े UAN को एक्टिवेट करने की आखिरी तारीख 30 नवंबर तय की है। UAN एक्टिवेट करना बहुत जरूरी है, ताकि आपको EPFO की सुविधाओं जैसे PF, पेंशन, बीमा और सबसे अहम, रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ELI) का फायदा मिल सके। इसके लिए अपना आधार कार्ड अपने बैंक अकाउंट से लिंक कराना होगा। ये काम आज जरूर कर लें, नहीं तो ये स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा।

Forex Reserve: लगातार 8वें सप्ताह घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

नई दिल्ली। Foreign Exchange Reserve: लगातार 8वें सप्ताह घटा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, उधर पाक का बढ़ता ही जा रहा है! भारतीय शेयर बाजारों (Share Market) में इन दिनों भारी उठापटक देखने को मिल रही है। किसी किसी दिन बाजार में बड़ी गिरावट भी दिख रही है।

इसकी वजह विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकालना है। तभी तो बीते 22 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान भी भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में $1.3 billion की तेज गिरावट हुई है। यह लगातार आठवां सप्ताह है, जबकि अपना भंडार घटा है।

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) से जारी आंकड़ों के मुताबिक 22 नवंबर 2024 को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में $1.310 billion की गिरावट हुई है। इसी के साथ अपना विदेशी मुद्रा भंडार अब घट कर $656.582 billion रह गया है। यह पांच महीने का न्यूनतम स्तर है। इससे एक सप्ताह पहले यानी 15 नवंबर को समाप्त सप्ताह में यह 17.76 अरब डॉलर घटा था। इसी साल 27 सितंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान अपना विदेशी मुद्रा भंडार $704.885 billion पर था। यह अब तक का सर्वकालिक उच्चतम स्तर है।

फॉरेन करेंसी एसेट्स में भी कमी
रिजर्व बैंक की तरफ से जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार आलोच्य सप्ताह के दौरान भारत की विदेशी मुद्रा आस्तियां (Foreign Currency Asset) भी घटी हैं। 22 नवंबर 2024 को समाप्त सप्ताह के दौरान अपने Foreign Currency Assets (FCAs) में $3.043 Billion की कमी हुई है। अब अपना एफसीए भंडार घट कर USD 566.791 Billion रह गया है। उल्लेखनीय है कि कुल विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा आस्तियां या फॉरेन करेंसी असेट (FCA) एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्राओं में आई घट-बढ़ के प्रभावों को भी शामिल किया जाता है।

गोल्ड रिजर्व बढ़ गया
बीते सप्ताह देश का गोल्ड रिजर्व या स्वर्ण भंडार बढ़ गया है। रिजर्व बैंक के मुताबिक 22 नवंबर 2024 को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के स्वर्ण भंडार (Gold reserves) में $1.828 Billion की बढ़ोतरी हुई है। इसी के साथ अब अपना सोने का भंडार बढ़ कर USD 67.573 Billion का हो गया है।

एसडीआर में गिरावट
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, बीते सप्ताह भारत के स्पेशल ड्रॉइंग राइट या विशेष आहरण अधिकार (SDR) में कमी हुई है। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एसडीआर में 79 Million डॉलर की कमी हुई है। अब यह घट कर 17.985 बिलियन डॉलर का रह गया है। इसी सप्ताह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास रखे हुए देश के रिजर्व मुद्रा भंडार में में भी कमी हुई है। इस सप्ताह इसमें $15 Million की कमी हुई है। अब यह घट कर $ 4.232 Billion का रह गया है।

सिंगापुर और हांगकांग में भारतीय मसालों पर प्रतिबंध नहीं: केंद्रीय मंत्री जाधव

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नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि वाणिज्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग जैसे देशों ने भारतीय मसालों पर प्रतिबंध नहीं लगाया है।

जाधव ने सदन में एक लिखित उत्तर में बताया कि हालांकि, भारत से निर्यात किए गए मसालों के बैचों को पहले हांगकांग और सिंगापुर में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की ओर से स्वीकार्य सीमा से अधिक एथिलीन ऑक्साइड (ईटीओ) की मौजूदगी के कारण वापस मंगा लिया गया था।

वाणिज्य मंत्रालय के मसाला बोर्ड ने इस मामले में कदम उठाए हैं। इनमें निर्यात किए जाने वाले मसालों की अनिवार्य शिपमेंट-पूर्व जांच और सभी स्तरों पर संभावित मिलावट को रोकने के लिए निर्यातकों की ओर से पालन किए जाने वाले व्यापक दिशानिर्देश जारी करना शामिल है।

आयातक देश की अलग-अलग ईटीओ सीमाओं को पूरा करने के लिए कच्चे माल की खरीद, प्रसंस्करण, पैकिंग, भंडारण, परिवहन आदि से जुड़े विभिन्न कदम भी उठाए गए हैं। इसके अलावा, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) देश भर में उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

जाधव के अनुसार, एफएसएसएआई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों व अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के जरिए मसालों सहित विभिन्न खाद्य उत्पादों की नियमित निगरानी, निरीक्षण और सैंपल कलेक्शन करता है, ताकि खाद्य सुरक्षा और मानक (एफएसएस) अधिनियम, 2006 और उसके तहत बनाए गए विनियमों के तहत निर्धारित गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

मंत्री ने कहा कि जरूरी आवश्यकताओं पालन न करने की स्थिति में, एफएसएस अधिनियम, 2006 के तहत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार दोषी खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू की जाती है।

पाम तेल की कीमतें बढ़ने से नहाने के साबुन की कीमतों में उछाल, चाय भी महंगी

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नई दिल्ली। घरेलू सामान बनाने वाली बड़ी कंपनियां एचयूएल (HUL) और विप्रो (Wipro) ने पाम ऑयल की बढ़ती कीमतों के चलते साबुन के दामों में 7-8% का इजाफा किया है। पाम ऑयल, साबुन बनाने का एक अहम कच्चा माल है, और इसकी कीमतों में उछाल का असर अब सीधे ग्राहकों की जेब पर पड़ रहा है।

सिर्फ साबुन ही नहीं, HUL और टाटा कंज्यूमर जैसी कंपनियों ने हाल ही में चाय की कीमतों में भी इजाफा किया है। इसकी वजह है अनियमित मौसम, जिसने चाय उत्पादन पर बुरा असर डाला है।

पाम ऑयल और चाय दोनों ही रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हैं, और इनकी कीमतों में बढ़ोतरी से लोगों का बजट गड़बड़ा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे माल की लागत में इजाफे के कारण कंपनियां कीमतें बढ़ाने को मजबूर हुई हैं।

सितंबर तिमाही की आय घोषणाओं के दौरान, कई सूचीबद्ध कंपनियों ने संकेत दिए थे कि वे इस तिमाही में साबुन की कीमतें बढ़ा सकती हैं। कंपनियां अपनी मार्जिन को सुरक्षित रखने के लिए यह कदम उठा रही हैं, क्योंकि पाम ऑयल, कॉफी और कोको जैसे कच्चे माल की कीमतों में उछाल देखने को मिला है।

साबुन निर्माण में उपयोग होने वाले पाम ऑयल डेरिवेटिव्स की कीमतों में इस साल की शुरुआत से 30% से ज्यादा का इज़ाफा हुआ है। इस महंगाई का असर सीधे ग्राहकों की जेब पर पड़ रहा है।

विप्रो कंज्यूमर केयर के सीईओ नीरज खत्री ने पीटीआई को बताया, “कीमतों में तेज़ी के चलते इंडस्ट्री के सभी बड़े ब्रांड्स ने लगभग 7-8% की मूल्य वृद्धि की है ताकि लागत का कुछ हिस्सा कवर किया जा सके। हमने भी बाज़ार के इस ट्रेंड को ध्यान में रखते हुए कीमतों में संशोधन किया है।”

गौरतलब है कि विप्रो कंज्यूमर केयर, जो अज़ीम प्रेमजी के नेतृत्व वाली विप्रो एंटरप्राइजेज का हिस्सा है, अपने लोकप्रिय साबुन ब्रांड्स संतूर और चंद्रिका के लिए जानी जाती है। हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने अपने कुछ प्रोडक्ट्स की कीमतों में इजाफा किया है। कंपनी ने चाय और स्किन क्लींजिंग प्रोडक्ट्स, जिनमें उसके मशहूर साबुन ब्रांड्स जैसे डव, लक्‍स, लाइफबॉय, लिरिल, पियर्स और रेक्सोना शामिल हैं, के दाम बढ़ाए हैं

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “कुल मिलाकर कमोडिटी की स्थिति स्थिर है, लेकिन चाय और क्रूड पाम ऑयल में महंगाई देखी जा रही है। इसी कारण हमने चाय और स्किन क्लींजिंग कैटेगरी में चुनिंदा कीमतों में बढ़ोतरी की है। हालांकि, हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि कीमत और वैल्यू के बीच संतुलन बना रहे।”

पाम ऑयल की कीमतें सितंबर मध्य से अब तक लगभग 35-40 प्रतिशत बढ़ चुकी हैं। इसका कारण इंपोर्ट ड्यूटी में इजाफा और अंतरराष्ट्रीय बाजार में दामों में बढ़ोतरी है। इंडोनेशिया और मलेशिया से आयात होने वाला पाम ऑयल फिलहाल करीब ₹1,370 प्रति 10 किलो के स्तर पर पहुंच गया है।इस बढ़ोतरी का सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ सकता है, खासकर रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले साबुन और चाय के दामों में।

HUL ने अपने साबुन और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है। लक्स साबुन (5 साबुन के पैक) की कीमत अब ₹155 हो गई है, जो पहले ₹145 थी। वहीं, लाइफबॉय (5 साबुन के पैक) की कीमत ₹155 से बढ़कर ₹165 हो गई है। पियर्स साबुन (4 साबुन के पैक) अब ₹149 से बढ़कर ₹162 में मिल रहा है। एक डिस्ट्रीब्यूटर के अनुसार, HUL के अन्य पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स के दाम भी बढ़ाए गए हैं।

अन्य कंपनियां भी बढ़ा सकती हैं दाम
Nuvama Institutional Equities के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (रिसर्च) अबनीश रॉय ने कहा कि HUL के बाद अन्य FMCG कंपनियां भी कीमतों में इजाफा कर सकती हैं। उन्होंने कहा, “FMCG सेक्टर में आमतौर पर मार्केट लीडर के फैसले का अनुसरण किया जाता है। धीरे-धीरे सभी कंपनियां दाम बढ़ाएंगी।”

चाय के दाम में 25-30% बढ़ोतरी
Tata Consumer Products Ltd (TCPL) के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO सुनील डिसूजा ने हाल ही में PTI को दिए इंटरव्यू में बताया कि कंपनी ने टी सेगमेंट में 25-30% तक दाम बढ़ाए हैं। हालांकि, यह बढ़ोतरी चरणबद्ध तरीके से की गई है ताकि उपभोक्ताओं पर एक बार में ज्यादा बोझ न पड़े।

वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में GDP वृद्धि दर 5.4 फीसदी रही, 7 तिमाही में सबसे कम

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में देश की आ​र्थिक वृद्धि दर में अनुमान से ज्यादा कमी आई है। दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5.4 फीसदी रही जो सात तिमा​ही में सबसे कम है। इस आंकड़े ने विश्लेषकों को भी हैरान कर दिया क्योंकि वे वृद्धि दर 6.5 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान लगा रहे थे।

औद्योगिक उत्पादन में नरमी और निवेश मांग कम रहने से वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ी है। इससे पूरे वित्त के लिए वृद्धि दर अनुमान घटाने की आशंका बढ़ गई है। एजेंसियों ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 7 फीसदी जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है। इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा फरवरी में दर में कटौती किए जाने की संभावना भी बढ़ गई है।

राष्ट्रीय सां​ख्यिकी कार्यालय द्वारा आज जारी आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) 5.6 फीसदी रहा क्योंकि शुद्ध कर संग्रह की वृद्धि सात तिमाही में सबसे कम 2.7 फीसदी रही। जीडीपी और जीवीए में अंतर शुद्ध कर होता है।

क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि ऊंची ब्याज दरें और राजकोषीय घाटे को कम करने पर जोर दिए जाने से चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘ग्रामीण मांग से खपत में सुधार होने की उम्मीद है। खरीफ की अच्छी पैदावार और त्योहारी मौसत से दूसरी छमाही में मांग बढ़ने की उम्मीद है। मगर शहरी इलाकों में खास तौर पर ऋण वृद्धि में नरमी बनी रह सकती है।’

नॉमिनल जीडीपी वृद्धि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 8 फीसदी और पहली छमाही में 8.9 फीसदी रही। ईवाई इंडिया में मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा, ‘अगर यह रुझान बना रहा तो सरकार की सकल कर राजस्व वृद्धि पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है।’

वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही के दौरान जीडीपी में 6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जो पिछले वित्त वर्ष की समान अव​धि में 8.2 फीसदी थी।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में जीडीपी वृद्धि अच्छी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘त्योहरी खर्च और शादी विवाह के कारण खपत मांग में सुधार हो रहा है। सरकार भी अपना खर्च बढ़ाएगी। हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025 में वृद्धि दर औसतन 6.6 से 6.8 फीसदी रह सकती है।’

सितंबर तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर महज 2.2 फीसदी रही और बिजली क्षेत्र 3.3 फीसदी बढ़ा। श्रम आधारित निर्माण क्षेत्र में 7.7 फीसदी वृद्धि देखी गई जबकि पिछली तिमाही में यह क्षेत्र 10.5 फीसदी बढ़ा था।

सेवा क्षेत्र में भी थोड़ी नरमी आई। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 7.1 फीसदी रही जो पिछली तिमाही में 7.2 फीसदी बढ़ा था।

कृ​षि क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहा और यह 3.5 फीसदी बढ़ा। पिछली तिमाही में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 2 फीसदी थी। मगर खनन क्षेत्र में गिरावट दर्ज की गई।
निजी अंतिम खपत व्यय कम होकर

6 फीसदी रही और सरकार का खर्च भी घटकर 4.4 फीसदी रहा। सकल ​स्थिर पूंजी निर्माण की वृद्धि घटकर 5.4 फीसदी रही जो जून तिमाही में 7.5 फीसदी थी।

इंडिया रेटिंग्स रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र कुमार पंत ने कहा कि खपत और निवेश मांग अभी भी सरकार पर निर्भर है। सरकार राजकोषीय घाटा कम करने पर जोर दे रही है ऐसे में वृद्धि का परिदृश्य बहुत अच्छा नहीं दिखता।

वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात की वृद्धि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कम होकर 2.8 फीसदी रही। सितंबर तिमाही में शुद्ध निर्यात पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 40.5 फीसदी कम रही।