Thursday, December 25, 2025
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Mustard: सरसों का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के मुकाबले में घटकर 75.86 लाख हेक्टेयर

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नई दिल्ली। Mustard sowing area: खरीफ फसलों की कटाई-तैयारी में देर होने तथा तापमान ऊंचा रहने से अक्टूबर में अधिकांश रबी फसलों की बिजाई गत वर्ष से पीछे चल रही थी और कमोबेश नवम्बर के प्रथम सप्ताह तक यह सिलसिला बरकरार रहा।

उसके बाद बिजाई की गति काफी तेज हो गई और अब तिलहनों को छोड़कर अन्य अधिकांश रबी फसलों का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल से आगे निकल गया है। रबी फसलों की बिजाई दिसम्बर-जनवरी में भी जारी रहेगी।

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर रबी फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 428.80 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 412 लाख हेक्टेयर से करीब 17 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। इस वर्ष रबी फसलों का सामान्य औसत क्षेत्रफल 635.60 लाख हेक्टेयर आंका गया है। उम्मीद की जा रही है कि कुल रकबा इस स्तर तक पहुंच जाएगा।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि के दौरान गेहूं का उत्पादन क्षेत्र 188 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 200.40 लाख हेक्टेयर, दलहनों का बिजाई क्षेत्र 105 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 109 लाख हेक्टेयर, धान का क्षेत्रफल 9.16 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 9.75 लाख हेक्टेयर तथा श्री अन्न सहित मोटे अनाजों का रकबा 24.70 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 29.25 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया लेकिन तिलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र 84.90 लाख हेक्टेयर से घटकर 80.55 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।

इसके तहत खासकर सरसों- रेपसीड का बिजाई क्षेत्र 80.10 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 75.86 लाख हेक्टेयर रह गया जो सामान्य औसत क्षेत्रफल 79.16 लाख हेक्टेयर से भी पीछे है। पिछले साल सरसों के उत्पादन क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई थी।

दलहन फसलों में चना, मसूर एवं मटर की बिजाई में किसान अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं जिससे इसके क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। इसी तरह मोटे अनाजों के संवर्ग में ज्वार तथा मक्का की बिजाई गत वर्ष से अधिक क्षेत्रफल में हुई है। मक्का का रकबा काफी बढ़ने की उम्मीद है।

गेहूं का सामान्य औसत क्षेत्रफल इस बार 312.35 लाख हेक्टेयर आंका गया है जिसमें से अभी तक 200 लाख हेक्टेयर में बोआई संभव हो सकी है। पंजाब हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेहूं की बिजाई का आदर्श समय पहले ही बीत चुका है।

Parliament: क्या संसद में अब नहीं होगा हंगामा, कैसे माना आखिर विपक्ष, जानिए

नई दिल्ली। Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र का पहला हफ्ता हंगामे की भेंट चढ़ गया। हालांकि, सोमवार को कोई विधायी कार्य न होने के बाद आखिरकार सरकार को एक सफलता मिली है। सरकार और विपक्ष संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस पर चर्चा करने के लिए सहमत हो गए हैं। लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को और राज्यसभा में 16 और 17 दिसंबर को चर्चा होनी है।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने तारीखों की घोषणा की। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंगलवार से दोनों सदनों में सुचारू रूप से कामकाज शुरू हो जाएगा। स्पीकर ओम बिरला की तरफ से विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बुलाई गई बैठक में यह सहमति बनी। स्पीकर के साथ सभी दलों के नेताओं की बैठक हुई। पिछले कुछ दिनों से संसद में गतिरोध की स्थिति बनी हुई थी। सभी ने इस पर चिंता जताई।

आश्चर्यजनक था समझौता
सांसदों ने कहा कि हमने भी कहा कि सभी निर्वाचित प्रतिनिधि अपने विचार व्यक्त करने के लिए संसद में आते हैं और संसद का कई दिनों से ठीक से काम न करना ठीक नहीं है। रिजिजू ने कहाकि सभी ने इसे स्वीकार किया। सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए यह समझौता आश्चर्यजनक था, क्योंकि कांग्रेस का यह सख्त रुख था कि जब तक सरकार अमेरिका में अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर चर्चा करने के लिए सहमत नहीं होती, तब तक संसद को काम नहीं करने दिया जाएगा।

बैठक से बाहर रही टीएमसी
कांग्रेस के रुख को लेकर विपक्ष में संशय की स्थिति के बीच यह बदलाव आया है। तृणमूल कांग्रेस, जो आंदोलन से अलग हो गई थी, कांग्रेस की तरफ से सदन में समन्वय पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुई। टीएमसी सांसदों ने अडानी-केंद्रित दृष्टिकोण से दूर जाने का तर्क दिया था ताकि महंगाई जैसी जनता से जुड़ी चिंताओं पर बहस की जा सके। सोमवार को समाजवादी पार्टी ने भी संसद को चलने देने का तर्क दिया ताकि संभल मस्जिद में किए गए सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा पर चर्चा की जा सके।

नियम के तहत मिलेगा मौका
रिजिजू ने कहा कि स्पीकर ने बैठक में कहा कि अगर कोई मुद्दा उठाना चाहता है तो उसके लिए नियम है। उन्होंने कहा कि आप इसके लिए नोटिस दे सकते हैं लेकिन संसद में हंगामा करना ठीक नहीं है। सभी ने इसे स्वीकार कर लिया है। यह अच्छी बात है कि सभी ने स्वीकार कर लिया है कि मंगलवार से चर्चा होगी।

GST में तंबाकू उत्पादों एवं कोल्ड ड्रिंक पर 35% के नए टैक्स स्लैब का प्रस्ताव

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार तंबाकू, तंबाकू उत्पादों और कोल्ड ड्रिंक जैसे पीने वाले पदार्थों पर 35 प्रतिशत का एक नया जीएसटी स्लैब लगा सकती है। मंत्रियों के समूह (GoM) ने सोमवार को तंबाकू, तंबाकू उत्पादों और वातित पेय के लिए 35 प्रतिशत के नए स्लैब की सिफारिश की। फिलहाल इन उत्पादों पर 28 फीसदी टैक्स लगता है, जो जीएसटी की सबसे अधिक दर भी है।

घड़ियों-जूतों पर भी टैक्स बढ़ाने की सिफारिश
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में 21 दिसंबर को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में इस मामले पर चर्चा होने की उम्मीद है। जैसलमेर में होने वाली बैठक में कई अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसमें मंत्री समूह ने चमड़े के बैग, सौंदर्य प्रसाधन, घड़ियां और जूते जैसी कई लक्जरी वस्तुओं पर जीएसटी दर को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने की सिफारिश की है। .

पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य सेवा मंत्री गजेंद्र सिंह खिमसर और केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने सोमवार को नई दिल्ली में तीसरी और अंतिम जीओएम बैठक में भाग लिया।

रिपोर्ट्स के अनुसार, जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने पर जीओएम ने अपनी रिपोर्ट पूरी कर ली है। इसमें कपड़ा उद्योग पर विशेष ध्यान देने के साथ 148 वस्तुओं पर कर दरों में बड़े समायोजन का प्रस्ताव है। इन बदलावों से सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। जीएसटी परिषद की अगली बैठक में इसकी समीक्षा की जाएगी।

महंगे कपड़ो पर ज्यादा GST लगाने का प्रस्ताव
जीओएम ने एक संशोधित कर स्लैब संरचना का प्रस्ताव दिया है जो 1,500 रुपये तक की कपड़ा वस्तुओं के लिए 5 प्रतिशत जीएसटी बनाए रखता है। हालांकि, इसमें 1,500 रुपये से 10,000 रुपये के बीच कीमत वाले उत्पादों पर कर को 18 प्रतिशत तक बढ़ाने का सुझाव दिया गया है।

वहीं, 10,000 रुपये से अधिक कीमत वाले कपड़ों पर जीओएम ने जीएसटी स्लैब को 28 प्रतिशत तक बढ़ाने की सिफारिश की है। इन तरह के कपड़ों को लक्जरी सामानों के समान माना जाएगा। फिलहाल 1,000 रुपये तक की कीमत वाली कपड़ो पर 5 प्रतिशत और इससे अधिक कीमत वाली वस्तुओं पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है।

टैक्स का बोझ कम करने का प्रयास
आवश्यक वस्तुओं पर बोझ कम करने के प्रयास में जीओएम ने 10,000 रुपये से कम कीमत वाली साइकिलों पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है। इसके अलावा अभ्यास पुस्तकों (Pratice Books) और 20 लीटर से अधिक के पैकेज्ड पेयजल पर जीएसटी क्रमशः 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत से कम करके 5 प्रतिशत किया जाएगा।

वर्तमान में जीएसटी 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के स्लैब के साथ चार स्तरीय संरचना के तहत लगाया जाता है। आवश्यक वस्तुओं को या तो छूट दी गई है या सबसे निचले स्लैब पर कर लगाया गया है।

Stock Market: सेंसेक्स 281 अंक उछलकर 80529 पर खुला और निफ्टी 24200 के पार

नई दिल्ली। Stock Market Opened : ग्लोबल मार्केट से पॉजिटिव संकेतों के बीच मंगलवार (03 दिसंबर) को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत पॉजिटिव नोट के साथ हुई और दोनों प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त देखने को मिली।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 281 अंक के उछाल के साथ 80,529.20 अंक पर खुला। पिछले ट्रेडिंग सेशन में यह 80,248.08 पर बंद हुआ था।इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी-50 भी 91.45 अंक की तेजी के साथ 24,367.50 के लेवल पर खुला। पिछले सेशन में यह 24,276.05 पर क्लोज हुआ था।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटिजिस्ट वीके विजयकुमार के अनुसार, तंबाकू जैसे उत्पादों पर नए जीएसटी स्लैब की खबरें आईटीसी (ITC) जैसी कंपनियों के शेयरों पर असर डाल सकती हैं। वहीं, इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी दर में कटौती इंश्योरेंस सेक्टर की कंपनियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

उन्होंने कहा, ”बाजार जीडीपी ग्रोथ में सुस्ती पर नहीं बल्कि इसके प्रति संभावित नीतिगत रिस्पांस पर फोकस कर रहा है। कल बैंकिंग शेयरों में उछाल से संकेत मिलता है कि बाजार शुक्रवार को सीआरआर में कटौती की उम्मीद कर रहा है, जिससे बैंकों की प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ेगी।

वैश्विक बाजारों का हाल
एशिआई बाजार मंगलवार को पॉजिटिव शुरुआत के साथ खुले। वॉल स्ट्रीट पर एसएंडपी 500 और नैस्डैक ने नए रिकॉर्ड स्तर हासिल किए। जापान का निक्केई 1.1% चढ़ा, जबकि ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 0.69% और टॉपिक्स इंडेक्स 0.89% बढ़ा। इसी तरह, दक्षिण कोरिया का कोस्पी भी 1.11% की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है।

दक्षिण कोरिया में नवंबर की महंगाई दर सालाना आधार पर 1.5% रही, जो अक्टूबर की 1.3% दर से ज्यादा है, लेकिन रॉयटर्स द्वारा सर्वे किए गए अर्थशास्त्रियों के अनुमानित 1.7% से कम रही। इस बीच, व्यापारी आगामी आर्थिक रिपोर्ट्स और फेडरल रिजर्व अधिकारियों की टिप्पणियों पर नजर बनाए हुए हैं, जो ब्याज दरों की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आज अक्टूबर के US JOLTs जॉब ओपनिंग डेटा का विशेष रूप से इंतजार किया जा रहा है।

अमेरिकी बाजारों में, एसएंडपी 500 ने 0.24% की बढ़त के साथ 6,047.15 पर बंद होकर नया रिकॉर्ड बनाया। नैस्डैक कंपोजिट भी 0.97% बढ़कर 19,403.95 पर बंद हुआ। हालांकि, डाउ जोन्स 0.29% गिरकर 44,782.00 पर बंद हुआ, जबकि सेशन के दौरान यह 45,000 अंक को पार कर गया था। एसएंडपी 500 और नैस्डैक दोनों ने इंट्राडे और क्लोजिंग स्तर पर नए रिकॉर्ड बनाए।

कल हरे निशान पर बंद हुआ था बाजार
भारतीय शेयर बाजार सोमवार को लगातार दूसरे दिन बढ़त के साथ बंद हुए। रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस और एचडीएफसी बैंक जैसे बड़े शेयरों में खरीदारी और अमेरिकी बाजारों की मजबूती से बाजार को सहारा मिला। सेंसेक्स शुरुआती गिरावट से उबरकर करीब 446 अंक चढ़ा और फिर से 80 हजार के पार पहुंच गया। निफ्टी 50 में भी अच्छी तेजी देखी गई।

30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 445.29 अंक या 0.56% बढ़कर 80,248.08 पर बंद हुआ। सुबह यह 493.84 अंक गिरकर 79,308.95 तक पहुंच गया था, लेकिन बाद में तेजी आई। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 80,337.82 के उच्च स्तर तक भी पहुंचा। निफ्टी 50 भी 144.95 अंक या 0.6% की बढ़त के साथ 24,276.05 पर बंद हुआ। दिनभर निफ्टी का कारोबार 24,008.65 से 24,301.70 के बीच हुआ।

हुवावे का सबसे जबर्दस्त फोल्डेबल फोन 12 दिसंबर को होगा लॉन्च, जानिए फीचर्स

नई दिल्ली। हुवावे कम्पनी ने अपने बुक-स्टाइल फोल्डेबल फोन Huawei Mate X6 को ग्लोबली लॉन्च करने की तैयारी में है। खुद कंपनी ने ग्लोबल लॉन्च इवेंट की तारीख की घोषणा कर दी है, जहां फोल्डेबल फोन को चीन के बाहर के बाजारों में पेश किया जाएगा।

कम्पनी ने इसे नवंबर में चीन में 7.93-इंच इनर डिस्प्ले और 6.45-इंच क्वाड-कर्व्ड OLED कवर स्क्रीन के साथ लॉन्च किया गया था। फोन के कलेक्टर एडिशन में सेकंड-जेनरेशन बेसाल्ट-टेम्पर्ड कुनलुन ग्लास प्रोटेक्शन है। इसमें लेटेस्ट इन-हाउस किरिन 9100 चिपसेट के साथ 66W वायर्ड और 50W वायरलेस फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 5110 एमएएच की बैटरी भी है।

हुवावे ने एक X पोस्ट में घोषणा की है कि 12 दिसंबर को दुबई में एक ग्लोबल लॉन्च इवेंट होगा। हालांकि कंपनी ने इवेंट में पेश किए जाने वाले प्रोडक्ट्स की पुष्टि नहीं की है, लेकिन पोस्ट में हैशटैग “#UnfoldtheClassic” शामिल है। इससे पता चलता है कि हाल ही में लॉन्च हुआ हुवावे मेट एक्स6 बुक-स्टाइल फोल्डेबल उस दिन चुनिंदा वैश्विक बाजारों में लॉन्च किया जाएगा।

स्पेसिफिकेशन
हुवावे मेट एक्स6 में 7.93-इंच (2440×2240 पिक्सेल) प्राइमरी OLED स्क्रीन और 6.45-इंच (1080×2440 पिक्सेल) क्वाड-कर्व्ड OLED कवर डिस्प्ले है, जिसमें 120 हर्ट्ज रिफ्रेश रेट, 1,440 हर्ट्ज हाई-फ्रीक्वेंसी PWM डिमिंग और कुनलुन ग्लास प्रोटेक्शन है। वहीं, कलेक्टर एडिशन में सेकंड-जेनरेशन बेसाल्ट-टेम्पर्ड कुनलुन ग्लास प्रोटेक्शन है। यह संभवतः किरिन 9100 चिपसेट से लैस है, जिसे 16GB तक रैम और 1TB तक ऑनबोर्ड स्टोरेज के साथ जोड़ा गया है। फोन हार्मोनीओएस 4.3 आउट-ऑफ-द-बॉक्स पर चलता है।

कैमरे की बात करें तो, हुवावे मेट एक्स6 में OIS सपोर्ट वाला 50-मेगापिक्सेल का प्राइमरी सेंसर, 40-मेगापिक्सेल का अल्ट्रा-वाइड-एंगल लेंस और पीछे की तरफ 48-मेगापिक्सेल का टेलीफोटो मैक्रो कैमरा है। फोन में दो 8-मेगापिक्सेल के सेल्फी कैमरा सेंसर भी हैं।

हुवावे मेट एक्स6 में 5110 एमएएच की बैटरी है, जबकि कलेक्टर एडिशन में 5200 एमएएच की सेल है। सभी वेरिएंट 66W वायर्ड, 50W वायरलेस और 7.5W वायरलेस रिवर्स चार्जिंग के सपोर्ट के साथ आते हैं। फोन को धूल और पानी से सुरक्षित रहने के लिए IPX8 रेटिंग मिली है।

अलग-अलग वेरिएंट की कीमत
चीन में हुवावे मेट एक्स6 के 12GB+256GB वेरिएंट की कीमत CNY 12,999 (लगभग 1,50,000 रुपये) से शुरू होती है, जबकि कलेक्टर एडिशन के 16GB+512GB वेरिएंट की कीमत CNY 14,999 (लगभग 1,75,000 रुपये) से शुरू होती है।

Contract farming: सरकार कांट्रैक्ट फार्मिंग के तहत एमएसपी पर खरीदेगी दलहन

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने पहली बार अपने स्तर से अनुबंधित खेती (Contract farming) का प्रयास आरंभ किया है जिसका उद्देश्य दलहनों का बिजाई क्षेत्र एवं उत्पादन बढ़ाना है।

इसके तहत शुरूआती चरण के दौरान बिहार, झारखंड, तमिलनाडु एवं गुजरात में किसानों को इस आश्वासन के साथ दलहनों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया है कि उसके उत्पादन का प्रत्येक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा।

पायलट प्रयास के तहत 15 हजार एकड़ जमीन में दलहनों की अनुबंधित खेती की जाएगी और फिर धीरे-धीरे कर्मिक रूप से उसका विस्तार किया जाएगा।

सरकार राज्यों में दलहन की खेती बढ़ाने हेतु नए-नए उपायों का सहारा ले रही है और खासकर गैर परम्परागत उत्पादक क्षेत्रों में किसानों को दलहनों का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित प्रोत्साहित कर रही है।

मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश एवं तेलंगाना ऐसे राज्य हैं जहां भारी मात्रा में दलहनों का उत्पादन होता है लेकिन दूसरी ओर पूर्वी भारत में इसकी खेती सीमित क्षेत्रफल में होती है जबकि वहां उत्पादन बढ़ाने की अच्छी गुंजाईश है।

बिहार, बंगाल, आसाम तथा झारखंड में दलहन की खेती के लिए मिटटी एवं जलवायु अनुकूल है। उड़ीसा में हाल के वर्षों में दलहनों की खेती के प्रति किसानों का उत्साह एवं आकर्षण कुछ बढ़ा है।

Sesame Seeds: तिल के भाव में जल्द ही और तेजी आने के आसार, जानिए क्यों

नई दिल्ली। Sesame Seeds Price: केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि खरीफ कालीन तिल का घरेलू उत्पादन पिछले साल के 3.95 लाख टन से 3 हजार टन सुधरकर इस वर्ष 3.98 लाख टन पर पहुंच सकता है।

मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक यद्यपि तिल का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के 12.24 लाख हेक्टेयर से 93 हजार हेक्टेयर घटकर इस बार 11.31 लाख हेक्टेयर पर अटक गया लेकिन औसत उपज दर में सुधार आने से कुल उत्पादन सुधरकर पिछले साल के लगभग बराबर पहुंच गया।

उद्योग-व्यापार विश्लेषकों के अनुसार बिजाई क्षेत्र में गिरावट के साथ-साथ कुछ क्षेत्रों में बाढ़-वर्षा के प्रकोप से भी फसल को नुकसान हुआ है जिससे तिल का उत्पादन सरकारी अनुमान से कम होने की संभावना है।

मंडियों में माल की कमजोर आवक से भी उत्पादन घटने का संकेत मिलता है। कम आवक एवं अच्छी मांग के कारण हाल के दिनों के दौरान तिल के दाम में 700/800 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा दर्ज किया गया जबकि आगे इसमें 500/700 रुपए प्रति क्विंटल की और तेजी आने की उम्मीद की जा रही है।

घरेलू प्रभाग में तिल का कारोबार सामान्य रहने की संभावना है इसलिए आगामी समय में इसका भाव मुख्यत: निर्यात मांग पर निर्भर रहेगा। केन्द्र सरकार ने तिल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 7.30 प्रतिशत बढ़ाकर 9267 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जबकि छतरपुर में इसका भाव 11000/11100 रुपए प्रति क्विंटल और ग्वालियर में 12000/12100 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।

निर्यात मांग संतोषजनक है। उम्मीद की जा रही है कि मकर संक्रांति की मांग से तिल में कुछ तेजी आ सकती है और उसके बाद बाजार काफी हद तक शांत हो सकता है। तिल की खेती खरीफ सीजन के साथ-साथ रबी तथा विस्तारित रबी (जायद) सीजन के दौरान भी होता है।

कम्यूटेड पेंशन की वसूली याचिका में राज्य सरकार को हाई कोर्ट का नोटिस

कोटा। Pension recovery petition: कम्यूटेड पेंशन की वसूली संबंधी याचिका में उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार को नोटिस जारी किए गए।

राजस्थान पुलिस सेवानिवृत्त कार्मिक कल्याण संस्थान द्वारा कम्यूटेड पेंशन की वसूली सीमा 14 वर्ष के स्थान केवल मात्र 10 वर्ष 8 माह तक सीमित किए जाने संबंधी याचिका उच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई हेतु स्वीकार की जाकर राज्य सरकार को नोटिस प्रेषित कर 15 दिवस की अवधि में पक्ष प्रस्तुत करने बाबत निर्देश प्रदान किए गए हैं।

इस आशय की सूचना देते हुए कोटा जिला संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश प्रसाद मीणा ने बताया कि संगठन द्वारा न्यायालय से अधिक वसूली के संबंध में स्थगन आदेश भी प्राप्त किए जाने है। इस न्यायालयीन कार्यवाही का आशाजनक निर्णय होने की स्थिति में प्रदेश के सभी पात्र पेंशनर्स लाभान्वित होंगे। इसी क्रम में प्रदेश कार्यालय से विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा रही है।

कोटा में गैर औद्योगिक प्रदूषण 98 प्रतिशत, चंबल संसद ने संगोष्ठी में जताई चिंता

कोटा। Pollution in Kota: अंतर्राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर आयोजित एक संगोष्ठी में राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी अमित सोनी ने बताया कि कोटा में औद्योगिक प्रदूषण मात्र 2 प्रतिशत है। अन्य प्रकार के जल और वायु प्रदूषण 98 प्रतिशत है।

चम्बल नदी में आधा सीवरेज वाटर बिना शोधित किए हुए सीधा बहाया जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा है कि चम्बल शुद्ध रहे। उन्होंने नदी प्रदूषण पर बाबूलाल जाजू की एनजीटी में चल रही याचिका के बारे में कहा कि कोटा में चल रहे सीवरेज सुधार के बाद चम्बल में प्रदूषण का स्तर कम हो जाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर सोमवार को चम्बल संसद एवं कोटा एनवायरमेंटल सैनिटेशन सोसायटी के पदाधिकारी एवं मंडल के अधिकारियों के बीच आयोजित एक संगोष्ठी में पर्यावरणविदों ने शहर में बढ़ रहे प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की। कचरे में आग लगाने एवं डंपिंग यार्ड में निरंतर आग लगे पराली जलाने के अलावा चम्बल में खतरनाक स्थिति तक प्रदूषण फैलने से रोकने के उपायों पर सकारात्मक सुझाव नियंत्रण मंडल को दिए।

मंडल के अधिकारियों ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए किया जा रहे उपायों एवं राष्ट्रीय हरित न्यायालय में चंबल को लेकर चल रहे विवाद पर ताजा रिपोर्ट की भी जानकारी दी। कोटा में पौधारोपण की स्थिति बिगड़ने पर भी पर्यावरण प्रेमियों ने चिंता जताई और कहा कि शहर में पौधारोपण की स्थिति नगण्य होती जा रही है।

चंबल संसद के संयोजक बृजेश विजयवर्गीय ने बताया कि संसद के संरक्षक यज्ञदत्त हाडा, सचिव डॉक्टर विनीत महोबिया, मनोज यादव एवं मनीषा कंवर ने पर्यावरण संबंधी सुझावों पर चर्चा में भाग लिया।

स्मृति वन, लवकुश वाटिका की उपेक्षा पर चिंता जताई
स्मृति वन सलाहकार समिति अनंतपुरा ने लवकुश वाटिका एवं स्मृति वन की उपेक्षा पर गहरी चिंता जताते हुए वन विभाग के उच्च अधिकारियों से अनुरोध किया है कि इस पर तत्काल ध्यान दिया जाए। अंतर्राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर स्मृति वन का अवलोकन करते हुए चंबल संसद के अध्यक्ष के बी नंदवाना, संरक्षक जीडी पटेल, समिति अध्यक्ष बृजेश विजयवर्गीय ने बताया कि स्मृति वन एवं लवकुश वाटिका की हालत ठीक नहीं है। पेड़ पौधों को भी नुकसान हुआ है।

रेडक्रॉस राज्य प्रबंधन की बैठक में ओपीडी और मेडिकल शॉप शुरू करने का प्रस्ताव

जयपुर/कोटा। Red Cross State Management Meeting: रेडक्रॉस राजस्थान राज्य शाखा की प्रबंधन समिति की बैठक स्टेट चेयरमैन राजेश कृष्ण बिरला की अध्यक्षता में जयपुर रेडक्रॉस भवन में आयोजित हुई।

स्टेट सेक्रट्री जगदीश जिंदल ने बताया कि बैठक में प्रदेशभर के सभी संचालक मंडलों ने भाग लिया और रेडक्रॉस की विभिन्न सेवाओं को और प्रभावी बनाने पर चर्चा की।बैठक ने रेडक्रॉस की सेवाओं को और सशक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।

नई पहल और योजनाएं
बिरला ने बताया कि बैठक में जयपुर स्थित रेडक्रॉस कार्यालय में डायग्नोस्टिक सेंटर, ओपीडी और मेडिकल शॉप शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया। यह सुविधा आम जनता को किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की जाएगी।

कंबल निधि का शुभारंभ
राजेश कृष्ण बिरला ने कहा कि राज्यभर के अस्पतालों में मरीजों के साथ आने वाले अटेंडेंट्स को सर्दियों में रात में होने वाली परेशानियों को देखते हुए, रेडक्रॉस ने कंबल निधि की शुरुआत करने का निर्णय लिया। इस योजना के तहत, जरूरतमंदों को सर्दियों में कंबल उपलब्ध कराए जाएंगे। इस पहल को पूरे राजस्थान में रेडक्रॉस के माध्यम से लागू किया जाएगा।

समर्पित सेवा का संकल्प
बैठक में चेयरमैन बिरला ने कहा, “रेडक्रॉस का उद्देश्य हमेशा जरूरतमंदों की सेवा करना रहा है। नई योजनाएं हमारे सेवा कार्यों को और मजबूत बनाएंगी।” उन्होंने सभी संचालक मंडलों से इन कार्यों को तेजी से क्रियान्वित करने की अपील की।