नई दिल्ली। Stock Market Updates, : वैश्विक बाजारों में तेजी के बीच भारतीय शेयर बाजार गुरुवार 20 नवंबर को बढ़त में खुले। सकारात्मक आय अनुमान और विदेशी निवेश में फिर से आई तेजी से बाजार के सेंटीमेंट्स पर पॉजिटिव असर देखने को मिल रहा है।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) मजबूती के साथ 85,470 अंक पर खुला। सुबह 9:34 बजे यह 161.02 अंक या 0.19 फीसदी फिसलकर 85,347.49 पर था। सेंसेक्स की 18 कंपनियों के शेयर हरे जबकि 12 कंपनियों के शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी मजबूती के साथ 26,132 अंक पर खुला। सुबह 9:35 बजे यह 55.40 अंक या 0.21 फीसदी चढ़कर 26,107 पर कारोबार कर रहा था।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स में मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, ”बाजार में तेजी बनी रहने की संभावना है। इसके पीछे कई सकारात्मक कारण हैं। साल की शुरुआत में स्थिति ऐसी थी कि मैक्रो मजबूत थे, लेकिन माइक्रो कमजोर थे। अब यह बदल रहा है। अब मैक्रो भी मजबूत हैं और माइक्रो भी सुधर रहे हैं। वैश्विक बड़े बैंक भी भारत को अब बेहतर नजर से देख रहे हैं।
वे भारत को मजबूत अर्थव्यवस्था और बढ़ती कॉरपोरेट कमाई के कारण उचित मूल्य वाला और निवेश योग्य बाजार मानते हैं। एआई ट्रेड के कमजोर होने से भी भारत को फायदा हो रहा है। इसे ‘एंटी-एआई ट्रेड’ कहा जा सकता है। एफआईआई ने कल कैश मार्केट में खरीदारी की। इससे साफ है कि भारत के प्रति उनकी धारणा सुधर रही है।”
उन्होंने कहा, ”बाजार में यह रुझान बड़े शेयरों की ओर बढ़ती पसंद के रूप में दिख सकता है। लार्जकैप शेयर स्मॉल-कैप की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। स्मॉल-कैप शेयरों का वैल्यूएशन अभी भी ऊंचा है, इसलिए उन्हें सही ठहराना मुश्किल है। बैंक निफ्टी में हाल की बढ़त के बावजूद आगे और बढ़ने की संभावना है। इसके मूलभूत कारक मजबूत हैं। इसके मूल्यांकन भी इस बढ़त को समर्थन देते हैं।”
ग्लोबल मार्केट के संकेत
एशियाई बाजारों में तेजी देखने को मिल रही है। जापान का निक्केई 3.62 प्रतिशत, मैनलैंड चीन का सीएसआई 300 0.47 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 0.65 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2.5 प्रतिशत बढ़ा। अमेरिकी शेयर बाजार भी बढ़त के साथ बंद हुए। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.10 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। जबकि एसएंडपी 500 बुधवार को 0.38 प्रतिशत और नैस्डैक कंपोजिट 0.59 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ।
मैक्रो मोर्चे पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अक्टूबर की बैठक के विवरण से पता चला कि अधिकारी इस बात पर बंटे हुए थे कि श्रम बाजार में मंदी या मुद्रास्फीति में स्थिरता, अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा जोखिम है।

