नई दिल्ली। Stock Market Closed: वैश्विक बाजारों से मिलेजुले रुख के बीच भारतीय शेयर बाजार गुरुवार (11 सितंबर) को बढ़त के साथ बंद हुए। बैंकिंग और ऑयल एंड गैस से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में तेजी से बाजार को सहारा मिला। साथ ही अमेरिका और भारत के बीच व्यापार को लेकर एक बार फिर बातचीत का सिलसिला शुरू होने से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 200 से ज्यादा अंक गिरकर 81,217.30 पर खुला। खुलते ही यह बढ़त में आ गया। दिन के दौरान इस इंडेक्स ने 81,642.22 के हाई और 81,216.91 के लो रेंज में कारोबार किया। अंत में यह इंडेक्स 123.58 अंक यानी 0.15% की बढ़त लेकर 81,548.73 अंक पर बंद हुआ।
इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी50 (Nifty-50) भी गिरावट लेकर 24,945 पर ओपन हुआ। हालांकि, खुलते ही यह हरे निशान में आ गया। कारोबार के दौरान इस इंडेक्स ने 25,037.30 के हाई और 24,940.15 के लो रेंज में ट्रेड किया। अंत में निफ्टी50 32.40 अंक यानी 0.13% बढ़कर 25,005.50 अंक पर बंद हुआ।
टॉप गेनर्स और लूजर्स
सेंसेक्स की कंपनियों में एनटीपीसी, एक्सिस बैंक, इटरनल, पावर ग्रिड और भारती एयरटेल मुख्य रूप से लाभ में रहे। ये स्टॉक्स 1.60% तक चढ़े। वहीं, इंफोसिस, टाइटन कंपनी, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचयूएल और बीईएल मुख्य रूप से नुकसान में रहे। ये स्टॉक्स 1.35% तक गिरे।
व्यापक बाजारों में, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स क्रमशः 0.12% और 0.03% की बढ़त के साथ बंद हुए। निफ्टी ऑयल एंड गैस और मीडिया इंडेक्स सेक्टोरल बढ़त हासिल करने वाले टॉप इंडेक्स रहे, जो 1% से ज्यादा की बढ़त के साथ बंद हुए। इसके अलावा, एनएसई पर सभी बैंकिंग से जुड़े इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। इसके विपरीत, निफ्टी आईटी, ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडेक्स नुकसान में रहे, जो 0.50% तक टूटकर बंद हुए।
निफ्टी 25,000 के पार निकला
जियोजित इन्वेंस्टमेंट के हेड ऑफ रिसर्च विनोद नायर ने कहा, “निफ्टी50 इंडेक्स 25,000 के अहम स्तर से ऊपर बंद हुआ है। अमेरिका द्वारा भारत पर अचानक 50% टैरिफ लगाने से यह बेंचमार्क इंडेक्स पहले 24,400 तक गिर गया था। हालांकि इसके बाद से इंडेक्स लगातार रिकवर कर रहा है। इस वापसी के पीछे कई कारण हैं—जैसे कि घरेलू अर्थव्यवस्था पर सीमित असर की उम्मीद, अमेरिकी लॉन्ग टर्म पॉलिसियों पर भारत सरकार की मजबूत रणनीतिक प्रतिक्रिया और जीएसटी जैसे बड़े घरेलू सुधारों की घोषणा, जो व्यापार से जुड़े असर को कम करने में मददगार हैं। हाल ही में अमेरिका की ओर से भारत के साथ व्यापार वार्ता दोबारा शुरू करने के सकारात्मक संकेत मिले हैं, जिसने इंडेक्स को नए दायरे में पहुंचने का रास्ता और साफ कर दिया है। यह वही स्तर है जिसकी बाजार को लंबे समय से उम्मीद थी।”

