नई दिल्ली। Stock Market This Week: आने वाले हफ्ते में भारतीय शेयर बाजार की चाल कई महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक घटनाओं से प्रभावित हो सकती है। विश्लेषकों का कहना है कि देश के PMI डेटा, अमेरिका के फेडरल रिजर्व की मीटिंग मिनट्स और भारत-यूएस ट्रेड डील की प्रगति मुख्य कारक होंगे। इसके साथ ही, विदेशी निवेशकों की ट्रेडिंग गतिविधि भी बाजार के रुझान को तय करने में अहम भूमिका निभा सकती है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के हेड ऑफ रिसर्च विनोद नायर के अनुसार, “आगे देखते हुए, बाजार की दिशा मुख्य आर्थिक संकेतकों जैसे भारत के PMI डेटा, अमेरिका में बेरोजगारी दावे (US jobless claims), FOMC मिनट्स और भारत-यूएस ट्रेड वार्ता की प्रगति पर निर्भर करेगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि निवेशकों को ऐसे सेक्टरों पर ध्यान देना चाहिए जिनकी नींव मजबूत हो, लाभ की स्पष्ट संभावना हो और जिनमें लंबी अवधि में विकास के मौके हों, ताकि पोर्टफोलियो को H2FY26 में संभावित अपग्रेड के लिए तैयार किया जा सके।
पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजारों में मजबूती देखी गई। बीएसई सेंसेक्स में 1,346.5 अंक यानी 1.62% की तेजी रही, जबकि एनएसई निफ्टी 417.75 अंक यानी 1.64% बढ़ा।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड ऑफ रिसर्च, सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि अमेरिकी सरकार की शटडाउन की समस्या खत्म होने और घरेलू आर्थिक हालात मजबूत होने के कारण बाजार मजबूत हुआ। इसके अलावा Q2 की कंपनियों की कमाई उम्मीद से बेहतर रही और महंगाई में भी नरमी आई।
सिद्धार्थ खेमका ने बताया कि पूंजी बाजार से जुड़े स्टॉक्स में भी सक्रियता रही, जो रिटेल निवेशकों की भागीदारी, SIP निवेश में बढ़ोतरी और हाल ही में और आने वाले IPOs के उत्साह से समर्थित है।
उन्होंने आगे कहा कि इस हफ्ते भी भारतीय शेयर बाजार में स्थिर बढ़ोतरी की संभावना है। इसका कारण मजबूत घरेलू आर्थिक संकेत, स्वस्थ कमाई और बिहार में एनडीए की जीत से राजनीतिक स्थिरता को मिलना है।
कमाई सीजन खत्म होने के बाद बाजार का ध्यान अब घरेलू आर्थिक संकेतों पर रहेगा। इसमें त्योहार और शादी के सीजन में मांग बढ़ने के शुरुआती संकेत, ब्याज दरों का रुख और वित्त वर्ष के दूसरे भाग में पूंजीगत खर्च बढ़ने की संभावनाएं शामिल हैं।
सिद्धार्थ खेमका ने यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार के खुलने और वैश्विक निवेश माहौल में सुधार के कारण बाजार को सहारा मिल रहा है। सेक्टोरली, IT, मेटल्स और कैपिटल मार्केट से जुड़े शेयरों पर नजर बनी रह सकती है, क्योंकि इनकी कमाई और नीतिगत माहौल अब सकारात्मक दिखाई दे रहा है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के एसवीपी रिसर्च, अजीत मिश्रा ने बताया कि इस हफ्ते शेयर बाजार में मजबूती देखने को मिली और हाल की कमजोरी के बाद बाजार हरे निशान पर बंद हुआ।
मिश्रा ने कहा कि निवेशकों का भरोसा बढ़ा है, क्योंकि अक्टूबर में रिटेल महंगाई दर (Retail Inflation) सिर्फ 0.25% रही, जो सितंबर में 1.44% थी। इसमें GST रेट में कटौती और खाने-पीने की चीजों की कीमतों में कमी का योगदान रहा।
उन्होंने आगे कहा कि अब जब कंपनी के तिमाही नतीजे (Earnings Season) सामने आ चुके हैं, ध्यान घरेलू आर्थिक संकेतकों पर रहेगा। इन में शामिल हैं: सर्विस सेक्टर का PMI, विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves), और इंफ्रास्ट्रक्चर उत्पादन डेटा।
मिश्रा ने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर बाजार की चाल अमेरिका के प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगी, खासकर हाल ही में हुई FOMC मीटिंग की मिनिट्स पर। इसके अलावा, AI से जुड़े शेयरों में जारी उतार-चढ़ाव भी निवेशकों की भावना पर असर डाल सकता है।

