सरकार की खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों पर लगाम कसने की तैयारी

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नई दिल्ली। खाने के तेल का भाव आसमान छू रहा है। ऐसे में कीमत पर लगाम कसने के लिए सरकार इसके आयात पर लगने वाले एग्री सेस को घटा सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार क्रूड पॉम ऑयल (ताड़ का तेल), सनफ्लावर (सूरजमुखी) और सोया ऑयल के आयात पर लगने वाले एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस को घटा सकती है। इससे कीमत में गिरावट आएगी और आम जनता को थोड़ी राहत मिलेगी। तेल का भाव इस समय पिछले पांच सालों के उच्चतम स्तर पर है।

एग्रीकल्चर इन्फ्रा को डेवलप करने के मकसद से सरकार ने बजट 2020 में एग्री सेस को शुरू किया था। इस समय पाम ऑयल पर यह 17.50 फीसदी और सूरजमुखी, सोयाबिन तेल पर 20 फीसदी है। भारत अपनी जरूरत का 60 फीसदी एडिबल ऑयल आयात करता है। हर साल करीब 75000 करोड़ रुपए एडिबल ऑयल इंपोर्ट किया जाता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक साल में खाने के तेल की कीमत में 55.55 फीसदी की तेजी आई है। फूड सेक्रेटरी सुधांशु पांडे ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार तेल की बढ़ती कीमत पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

खाद्य तेल 140 रुपए लीटर
सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक रिटेल में वनस्पति तेल की कीमत 140 रुपए के पार पहुंच गई है। पिछले साल मई के पहले सप्ताह में यह 90 रुपए के स्तर पर थी। पाम ऑयल की बात करें तो पिछले एक साल में इसमें 52 फीसदी की तेजी आई है। पिछले साल मई के पहले सप्ताह में इसका भाव 87 रुपए था जो बढ़कर 133 रुपए पर पहुंच गया। सायोबीन तेल में 50 फीसदी की तेजी आई है। यह 105 रुपए से 158 रुपए पर पहुंच गया है। मस्टर्ड ऑयल में 49 फीसदी की तेजी आई है और यह 110 रुपए के मुकाबले 164 रुपए के स्तर पर पहुंच चुका है।

सोयाबीन तेल में 37 फीसदी की तेजी
सोयाबीन तेल की रिटेल कीमत 37 फीसदी की तेजी के साथ 133 रुपए के स्तर पर पहुंच गई है। पिछले साल यह कीमत 87 रुपए थी। मूंगफली तेल में 38 फीसदी का उछाल आया है और यह 130 रुपए के मुकाबले 180 रुपए के स्तर पर पहुंच चुका है।