कोटा। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) कोटा ने शुक्रवार को ACB टीम ने CMHO कार्यालय में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय (NHM) के लेखा प्रबंधक महेंद्र कुमार मालीवाल को 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों ट्रैप किया है। महेंद्र कुमार मालीवाल ने गाड़ियों के टेंडर के बिल पास करने के एवज में परिवादी से 1.30 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। सत्यापन के बाद एसीबी ने जाल बिछाकर कार्रवाई को अंजाम दिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय में बैठकर उसने रिश्वत ली। फिर रिश्वत की राशि को अपनी कार में रखा। इसी के बाद उसे दबोच लिया गया।
ACB कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्र सिंह ने बताया कि अविनाश ने शिकायत की थी। उसने बताया था कि यस ट्रेवल के नाम से उसकी फर्म है। CMHO कार्यालय में गाड़ियां उपलब्ध कराने का टेंडर साल 2019 में हुआ था। इसके बाद जनवरी 2021 में गाड़ियां उपलब्ध कराने का टेंडर उनकी फर्म के नाम हुआ। टेंडर के तहत 4 गाड़ियां सीएमएचओ कार्यालय में चल रही थीं। गाड़ियों के बिल भुगतान के एवज में CMHO डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर ने 7% कमीशन के रुपये मांगे। कमीशन के रुपये नहीं देने पर बिल का भुगतान रोकने व टेंडर कैंसिल करने की धमकी देते हैं।
CMHO उनके अधीनस्थ महेंद्र कुमार मालीवाल ( लेखा प्रबंधक) से बात करवा कर पैसों का लेनदेन करवाते हैं। इनके द्वारा पिछले 3 माह का भुगतान रोका गया था। तीनों बिल पास करने के लिए महेंद्र मालीवाल ने 1 लाख 30 हजार रिश्वत मांगे। रिक्वेस्ट करने पर महेंद्र मालीवाल ने बिल पास करवा दिए। खाते में पैसे आने के बाद से ही महेन्द मालीवाल रिश्वत की राशि लेने का दबाव बना रहा था। टेंडर कैंसिल करने की धमकी दे रहा था।
अविनाश ने चार-पांच दिन पहले ही महेंद्र को 50 हजार, फिर 30 हजार (कुल 80 हजार) की रिश्वत दी। बाकी रहे 50 हजार की रिश्वत की मांग कर रहा था। प्रत्येक 1 लाख के बिल पर 7% के हिसाब से कमीशन की मांग कर रहे हैं। ACB ने शिकायत का सत्यापन 15 अप्रैल को करवाया। 50 हजार की रिश्वत लेते महेंद्र को पकड़ा गया। महेंद्र ने पूछताछ में रिश्वत की राशि CMHO डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर के लिए लेना बताया। फिलहाल ACB की एक टीम महेन्द मालीवाल के घर के सर्च अभियान में जुटी है।