कोरोना महामारी के बावजूद कृषि उत्पादों के निर्यात में वृद्धि

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    नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बावजूद पिछले वित्त वर्ष में कृषि उत्पादों के निर्यात के आंकड़े उत्साहजनक रहे। बुधवार को कृषि मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 के 11 महीनों (अप्रैल से फरवरी) के दौरान 2.74 लाख करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का निर्यात किया गया। यह सालभर पहले की इसी अवधि के 2.31 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 16.88 फीसद ज्यादा रहा।

    मंत्रालय के मुताबिक, इसी अवधि में कृषि एवं संबंधित वस्तुओं का आयात भी तीन फीसद बढ़ा। अप्रैल से फरवरी के बीच आयात 1,37,014 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,41,034 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कोरोना के बावजूद कृषि कारोबार में व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में रहा। व्यापार सरप्लस 93,907.76 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,32,579.69 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। मंत्रालय ने कहा, ‘भारत पिछले कई वर्षो से कृषि कारोबार में ट्रेड सरप्लस की स्थिति में है। महामारी के इस संकट काल में भी भारत ने यह सुनिश्चित किया कि दुनिया में सप्लाई चेन बाधित न हो।’

    कृषि उत्पादों में गेहूं के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दिखी। गेहूं का निर्यात सालभर पहले के 425 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,283 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान सरकारी एजेंसी नैफेड ने कुछ देशों को उनकी विशेष मांग के आधार पर भी गेहूं का निर्यात किया। सरकारों के बीच बनी सहमति के आधार पर अफगानिस्तान को 50 हजार और लेबनान को 40 हजार टन गेहूं भेजा गया।

    गैर बासमती चावल का निर्यात 13,030 करोड़ रुपये बढ़कर 30,277 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चावल का आयात बढ़ने में कई कारकों का अहम योगदान देखने को मिला। भारत ने ब्राजील, चिली और प्यूर्टो रिको जैसे कई नए बाजारों में पकड़ बनाई है। सोयामील का निर्यात 3,087 करोड़ रुपये से बढ़कर 7,224 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। मसालों, कच्चे कपास, ताजा एवं प्रोसेस्ड सब्जियों के निर्यात में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। पूरे वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कुल कृषि निर्यात 2.52 लाख करोड़ रुपये और आयात 1.47 लाख करोड़ रुपये रहा था।