फाग सत्संग-बिहारी जी के संग: ये मस्त महीना फागुन का, सिंगार बना हर आंगन का

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कोटा। ‘ये मस्त महीना फागुन का, सिंगार बना हर आंगन का, इस रंग का यारों क्या कहना…’, ‘होली खेलांगा आपां गिरधर गोपाल सूं…’, ‘होली खेलने आई रे, कारे कनुआ से कह दो…’, सरीखे भजनों की गूंज से ऐसा माहौल बना कि हर कोई थिरकने पर मजबूर हो गया। एक ओर भजनों की रस सरिता बह रही थी तो दूसरी ओर भगवान श्री बांकेबिहारी जी की मनोरम झांकी सजाई गई थी।

मौका था श्री गिरिराज मित्र मंडल की ओर से होली की पूर्व संध्या पर शनिवार को ऑनलाइन आयोजित फाग सत्संग- बिहारी जी के संग कार्यक्रम का। कोरोना को देखते हुए ऑनलाइन कार्यक्रम का प्रसारण यूट्यूब व फेसबुक पर लाइव किया गया था। जिसमें श्री गिरिराज मित्र मण्डल के गोविन्द माहेश्वरी ने …….‘, ‘म्हारा श्याम रंगीला जी, आओ ना फाग……‘, ‘मैं तुम संग होरी खेलूंगी…..‘ समेत एक से बढकर एक भजन प्रस्तुत किए।

गुलाबी सर्दी के बीच भजनों की प्रस्तुतियों की सरिता ऐसी बही कि घरों पर बैठकर भी शहरवासी आनंदित होकर नाचने लगे। होली के उल्लास के बीच भक्ति गीतों का दौर चलता रहा और शहरवासी आनंद में गोते लगाते रहे।