जयपुर। राजस्थान और मध्य प्रदेश में पेट्रोल के भाव 100 रुपए प्रति लीटर के पास पहुंच गया है। ये दोनों ही राज्य पेट्रोल-डीजल पर टैक्स (वैट) वसूलने में अव्वल हैं। पेट्रोल-डीजल पर वैट से राजस्थान सरकार ने वर्ष 2019-20 में 13 हजार करोड़ रुपए कमाए हैं। राजस्थान में पेट्रोल पर 36% और मध्यप्रदेश में 33% वैट वसूला जा रहा है। इसी का नतीजा है कि यहां पेट्रोल अन्य राज्यों से ज्यादा महंगा है।
राज्यों को मिलने वाला वैट 5 साल में 43% बढ़ा
राज्यों को पेट्रोल-डीजल पर वैट लगाने से होने वाली कमाई 5 साल में 43% बढ़ी है। वित्त वर्ष 2014-15 में इससे होने वाली कमाई 1.37 लाख करोड़ थी जो 2019-20 में बढ़कर 2 लाख करोड़ पर पहुंच गई। कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बावजूद चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में वैट से 78 हजार करोड़ की कमाई हुई है।
केंद्र सरकार वसूलती है 33 रुपए एक्साइज ड्यूटी
पेट्रोल-डीजल का बेस प्राइज पर जो अभी 32 रुपए के करीब है, इस पर केंद्र सरकार 33 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। इसके बाद राज्य सरकारें इस पर अपने हिसाब से वैट और सेस वसूलती हैं, जिसके बाद इनका दाम बेस प्राइज से 3 गुना तक बढ़ गया है।
5 सालों में मोदी सरकार कमाई दोगुनी
पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर एक्साइज ड्यूटी लगाकर केंद्र सरकार ने 2019-20 में 3.34 लाख करोड़ रुपए कमाए। मई 2014 में पहली बार जब मोदी सरकार बनी थी तब 2014-15 में एक्साइज ड्यूटी से 1.72 लाख करोड़ कमाई हुई थी, यानी सिर्फ 5 सालों में ही ये दोगुनी हो गई।
राज्य के अलग-अलग शहरों में कीमत में अंतर क्यों?
जब पेट्रोल-डीजल किसी पेट्रोल पंप पर पहुंचता है तो वो पेट्रोल पंप किसी ऑयल डिपो से कितना दूर है, उसके हिसाब से उस पर किराया लगता है। इसके कारण शहर बदलने के साथ-साथ किराया बढ़ता-घटता है। जिससे अलग-अलग शहरों में भी कीमत में अंतर आ जाता है।
..