नई दिल्ली। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के प्रधान आयुक्त (जीएसटी) योगेंद्र गर्ग ने गुरुवार को उद्योग मंडल ASSOCHAM के एक कार्यक्रम में कहा कि मौजूदा जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की प्रणाली को नई प्रणाली के प्रस्तावित फीचर्स को जोड़कर और बेहतर किया जा सकेगा। गर्ग ने कहा, ‘जीएसटी क्रियान्वयन समिति ने सिफारिश की है कि ई-बिल के लिए हम एक अक्टूबर की समयसीमा को क्रियान्वित कर सकते हैं।
शुरुआत में हम 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक के लिए ऐसा नहीं करने जा रहे हैं, जैसा हमने अधिसूचित किया था। हम जल्द एक अक्टूबर से इसे 500 करोड़ रुपये करने के लिए अधिसूचना जारी करेंगे। प्रणाली के स्थिर होने के बाद हम 100 करोड़ के कारोबार वाले लोगों के लिए तारीख की घोषणा करेंगे।
अगले सप्ताह तक नोटिफिकेशन
उन्होंने बताया कि कारोबार की इस नई सीमा के बारे में नोटिफिकेशन अगले सप्ताह तक जारी कर दी जाएगी। ई-इनवॉइस का उद्देश्य जाली बिलों के जरिये की जाने वाली जीएसटी की चोरी को रोकना है। इसमें कंपनियों के लिए रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया सुगम हो सकेगी क्योंकि बिल के आंकड़े पहले से केंद्रीयकृत पोर्टल में होंगे।
मार्च में जीएसटी की बैठक में लिया गया था फैसला
सरकार ने पिछले साल नवंबर में घोषणा की थी कि 100 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए एक अप्रैल से इलेक्ट्रॉनिक इनवॉइस अनिवार्य होगा। बाद में मार्च, 2020 में जीएसटी परिषद ने इसके क्रियान्वयन की तारीख को बढ़ाकर एक अक्टूबर कर दिया था।