कोटा। भारतीय किसान संघ का राज्य सरकार की किसान विरोधी नीतियों के विरूद्ध प्रदेशव्यापी आन्दोलन सोमवार से शुरू होगा। जिसके तहत प्रदेश के सभी जिला केंद्रों पर प्रदर्शन किए जाएंगे। संभागीय मीडिया प्रभारी आशीष मेहता ने बताया कि कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ में हजारों किसानों के द्वारा कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर ज्ञापन देंगे।
कोटा जिला अध्यक्ष गिरीराज चौधरी तथा जिला प्रचार प्रमुख रूपनारायण यादव ने बताया कि सोमवार को प्रातः 11.30 बजे विभिन्न तहसीलों से कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय पर पहुंचेंगे। जहां प्रदर्शन करने के बाद धरना आयोति किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन में जुटने वाले किसानों के कारण से किसी भी प्रकार से कानून व्यवस्था बिगड़ने सहित अन्य परिस्थिति के लिए राज्य प्रशासन व सरकार ही जिम्मेदार होगी।
किसानों की ये हैं 21 सूत्रीय प्रमुख मांगे
- आगामी 6 माह के किसानों के कृषि व घरेलु विद्युत बिल माफ किए जाएं।
- पूर्व में जारी योजना अनुसार कृषि विद्युत बिलों में दिया जाने वाला 833 रुपये प्रतिमाह का बकाया विद्युत अनुदान एक मुश्त विद्युत बिलों में समायोजित किया जाए।
- किसानों की कोई निश्चित मासिक आय न होने व विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण समय पर बिल भुगतान नही कर पाने पर 2017 से पेलेन्टी माफी योजना चल रही थी जिसे अप्रैल 2019 में खत्म कर दिया गया, जिसे वापसः शुरू किया कर विद्युत बिलों में लगने वाला एलपीएस खत्म किया जाए।
- खरीफ सीजन की फसल आने 31 अक्टूबर तक पूर्व बकाया बिलों की वसूली बंद कर कृषि कनेक्शन काटने पर रोक लगाई जाए व जले हुए ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए बकाया भुगतान की शर्त हटाई जाए।
- विभिन्न तत्काल प्राथमिकता वाले कृषि विद्युत कनेक्शनों के आवेदनों के मांग पत्र जारी करने पर लगाई रोक हटाई जाए।
- गत दो बजट में सामान्य श्रेणी कनेक्शनों की कटऑफ दिनांक नही बढ़ी है। ऐसे में, वर्षों से कृषि कनेक्शन का इंतजार कर रहे किसानों को राहत देने व प्रवासी नागरिकों को रोजगार की आवश्यकता के मध्यनजर मार्च 2012 से लंबित सामान्य श्रेणी के कृषि कनेक्शनों के मांग पत्र जारी कर कृषि कनेक्शन दिए जाएं।
- विभिन्न पुनर्भुगतान योजनाओं में किसानों का डिस्काॅमो में बकाया ब्याज सहित विद्युत बिलों में समायोजित किया जाए।
- एक वर्ष पुरानी ऑडिट की राशि विद्युत बिल में नहीं जोड़ी जाए।
- कृषि विद्युत कनेक्शनों के लिए फ्लेट रेट व मीटर श्रेणी को स्वैच्छिक किया जाए।
- कृषि विद्युत नीति 2017 में कृषि कनेक्शन के स्वीकृत भार में एक से अधिक पम्प चलाने पर मांग पत्र राशि जमा करने के किए गए प्रावधान को खत्म कर पहले की तरह निशुल्क किया जाए।
- सिंगल फेज कृषि कनेक्शन जारी किए जाएं।
- घरेलू विद्युत सतर्कता जांच के एसेसमेंट में जुर्माना व दायित्व राशि की गणना स्वीकृत भार के बजाय कनेकक्टेड भार को आधार मान कर ही की जाए।
- डार्क जोन नोटिफाइड क्षेत्र में केंद्रीय भूजल प्राधिकरण के 16 नवम्बर 2015 की गाइडलाइन पर जारी स्पष्टीकरण के आधार पर डिस्काॅम को कृषि सिंचाई के लिए भूजल उपयोग छूट के निर्देश दिए जाएं।
- हाइटेंशन विद्युत लाइनों के नीचे आई जमीन पर फसल उगाने से वंचित रहने पर हुई आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिए प्रतिवर्ष निश्चित मुआवजा राशि का भुगतान किसानों को किया जाए।
- पंजीकृत सभी किसानों से चना की फसल खरीद की जाए।
- प्रदेश में 1.22 करोड़ मिट्रिक टन गेंहू उत्पादन के मुकाबले 20 लाख टन गेंहू खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया था। जिससे शेष फसल किसानों को समर्थन मूल्य से कम दामों पर बेचनी पड़ी। ऐसे में, खरीद लक्ष्य बढ़ाकर पर्याप्त खरीद की जाए।
- ब्याज मुक्त सहकारी ऋण वितरण में लगाई विभिन्न शर्तो को हटाकर कर साख सीमा के बराबर सभी किसानों को ब्याज मुक्त ऋण दिया जाए।
- टिड्डी नियंत्रण के लिए किसानों को छिड़काव केमिकल व डीजल खर्च उपलब्ध करवा प्रभावी नियंत्रण के प्रयास किए जाएं।
- टिड्डी से हुए फसल खराबे का मुआवजा दिलाया जाए।
- फसल बीमा की विसंगतियों को दूर कर फसल खराबे का बीमा क्लेम दिलाना सुनिश्चित किया जाए।
- स्वीकृत व प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं को शीघ्र पूरा किया जाए।