जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) की सूची में जुड़े अपात्र लोगों के नाम हटाकर वास्तविक रूप से हकदार लोगों के नाम इस सूची में जोड़े जाएं। शहरी क्षेत्रों में विशेषकर जयपुर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े लोगों की संख्या काफी कम है, अतः पात्र लोगों के नाम शहरी क्षेत्रों में सर्वे कर जोड़े जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को शुद्ध खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो, इसके लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग मिलकर मिलावटखोरों एवं कालाबाजारी करने वालों पर शिकंजा कसे। उचित मूल्य दुकानों की पर्याप्त मॉनिटरिंग और समय-समय पर निरीक्षण की पुख्ता व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए, ताकि पात्र व्यक्तियों को राशन मिल सके और इसकी कालाबाजारी नहीं हो। उन्होंने पोस मशीनों के अपग्रेडेशन पर भी जोर दिया ताकि नेटवर्क नहीं मिलने और बायोमैट्रिक सत्यापन में अधिक समय लगने की समस्या हल हो सके।
गहलोत ने कोविड-19 महामारी के संक्रमण के दौरान खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के नवाचारों और उचित मूल्य दुकानदारों के माध्यम से घर-घर राशन सामग्री वितरण के कार्य की सराहना की। उन्होंने राशन वितरण व्यवस्था सुदृढ़ बनाने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजने के निर्देश दिए।
ई-तुलेमान पोर्टल से बढ़ेगी निगरानी
बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने बाट एवं नाप तौल विभाग को भी सुदृढ़ बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ई-तुलेमान पोर्टल बनाया गया है ताकि कम नाप-तौल करने वालों का आकस्मिक निरीक्षण कर उन पर कार्रवाई की जा सके। उन्होंने राशन कार्ड में दर्ज प्रत्येक लाभार्थी का नाम आधार कार्ड से सत्यापित करने का सुझाव दिया।