नई दिल्ली। श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 6 करोड़ से ज्यादा खाताधारकों को तीन महीने की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता के बराबर राशि अपने ईपीएफ खाते से निकालने की सुविधा दे दी है। सरकार ने कोरोनावायरस से मुकाबला के लिए किए लॉकडाउन को देखते हुए यह सुविधा दी है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने इसके लिए 28 मार्च 2020 को एक अधिसूचना जारी कर एंप्लाईज प्रोविडेंट फंड स्कीम 1952 में संशोधन किया है।
पैसे निकालने की शर्तें
- तीन महीने की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता से ज्यादा की निकासी नहीं हो सकेगी। या,
- ईपीएफ खाता में जमा राशि के अधिकतम 75 फीसदी तक ही निकासी हो सकेगी। साथ ही, इन दोनों में से जो कम होगा, उतनी राशि निकाली जा सकेगी।
- ताजा अधिसूचना में नॉन रिफंडेबल निकासी की सुविधा दी गई है।
- कोविद-19 को महामारी घोषित किया जा चुका है। इसलिए देशभर में इस्टैबलिशमेंट या फैक्ट्री के ऐसे कर्मचारी जो ईपीएफ स्कीम 1952 के सदस्य हैं, वे नॉन-रिफंडेबल निकासी का लाभ उठा सकते हैं।
ईपीएफ स्कीम में संशोधन
नियमों में संशोधन करने के लिए ईपीएफ स्कीम 1952 में अनुच्छेद 68एल में एक उप-अनुच्छेद (तीन) जोड़ा गया है। संशोधित एंप्लाईज प्रोविडेंट फंड (एमेंडमेंट) स्कीम 2020 शनिवार 28 मार्च से लागू है। अधिसूचना जारी करने के बाद ईपीएफओ ने अपने फील्ड अधिकारियों को यह निर्देश जारी किया है कि वे सदस्यों को आवेदनों को तेजी से निपटाएं, ताकि उन्हें मौजूदा स्थिति से निपटने में मदद मिले।