नई दिल्ली। निर्भया केस में दोषियों की फांसी टालने की याचिका पर ट्रायल कोर्ट अब से कुछ देर बाद सुनवाई करेगा। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने दोषी अक्षय सिंह और पवन गुप्ता की याचिकाएं खारिज कर दी थीं। अदालत के आदेश जारी करते ही पवन के वकील एपी सिंह ने कहा कि उसके पक्षकार ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की है।
इसलिए, उसकी फांसी पर रोक लगाई जानी चाहिए। इस पर अतिरिक्त सेशन जज जस्टिस धर्मेंद्र राणा ने सिंह से लंच के बाद अपनी दलीलें पेश करने को कहा। दोषियों के वकील सिंह ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पवन की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होते ही दया याचिका दाखिल कर दी गई थी।
निर्भया के चार दोषियों में से केवल पवन के पास दया याचिका का इकलौता कानूनी विकल्प शेष था। बाकी तीन दोषी विनय शर्मा, मुकेश सिंह और अक्षय ठाकुर पहले ही सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पवन की नाबालिग होने की याचिका और इस पर उसकी रिव्यू पिटीशन खारिज कर दी थी।
लेकिन, दोषी अक्षय ने याचिका में पटियाला हाउस कोर्ट से कहा था कि उसने नई दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी है और इस पर अब तक फैसला नहीं हुआ। वकील के मुताबिक, पिछली दया याचिका में पूरे तथ्य नहीं थे, इसलिए खारिज हो गई थी। जब तक दया याचिका पर फैसला नहीं होता है। 3 मार्च को होने वाली फांसी को टाल दिया जाए। इस मामले में तिहाड़ जेल प्रशासन कानूनी सलाह ले रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने पवन की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्भया के चार दोषियों में शामिल पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी थी। पवन ने फांसी को उम्रकैद में बदलने की गुहार लगाई थी। इस पर जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने कहा कि सजा पर पुनर्विचार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। उधर, पटियाला हाउस कोर्ट ने भी 3 मार्च को फांसी पर रोक लगाने के लिए दायर दोषी अक्षय सिंह की याचिका ठुकरा दी। कोर्ट ने अभी 17 फरवरी को जारी किए अपने तीसरे डेथ वॉरंट पर रोक नहीं लगाई है। हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि चारों दोषियों को कल सुबह 6 बजे फंदे पर लटकाया जाएगा या नहीं।
फांसी की तारीख 3 मार्च
पटियाला हाउस कोर्ट चारों दोषियों के तीन बार डेथ वॉरंट जारी कर चुका है। लेकिन उनके द्वारा कानूनी विकल्प इस्तेमाल करने से फांसी 2 बार टल गई थी। अब फांसी की नई तारीख 3 मार्च है, लेकिन दोषियों के वकील एपी सिंह ने दावा किया है- लिखकर रख लो इस तारीख को फांसी नहीं होगी, क्योंकि लूट का एक मामला दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है।