जयपुर। राजस्थान माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2020 को राज्य विधानसभा ने बुधवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने सदन में विधेयक पेश किया। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि संसद द्वारा जीएसटी में किए गए संशोधन ही इस विधेयक के जरिये किए गए हैं। विशेष परिस्थितियों व तात्कालिक जरूरत के मद्देनजर गत 28 दिसम्बर को इस संबंध में अध्यादेश लाया गया था।
उन्होंने कहा कि इसमें किसी सेवा को जोड़ने व अपील का अधिकार जीएसटी परिषद् को ही है। राज्य सरकार केवल सुझाव दे सकती है। उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र सरकार हड़बड़ी में जीएसटी लागू नहीं करती तो इतनी गड़बड़ियां नहीं होती जिन्हें बार-बार ठीक करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पहले पेट्रोल-डीजल पर 3 से 4 रुपए उपकर लगता था जो 2014-15 में बढ़ाकर 14 से 15 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया। इस वित्त वर्ष में केन्द्र सरकार के कर संग्रह में लक्ष्य के मुकाबले ढाई लाख करोड़ रुपये की कमी आने वाली है।
धारीवाल ने बताया कि राज्य का केन्द्र सरकार के पास 2600 करोड़ रुपए जीएसटी मुआवजे व 4100 करोड़ रुपए सीएसटी का बकाया है। जीएसटी परिषद की 37वीं बैठक में पुरजोर तरीके से मांग उठाने पर केवल एक महीने का मुआवजा दिया गया। इससे पहले सदन ने विधयेक को जनमत जानने के लिए परिचालित करने के संशोधन प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।