नई दिल्ली। ‘निर्भया’ गैंगरेप और हत्या मामले के चार दोषियों ने फांसी रोके जाने के लिए एक बार फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाया है। राष्ट्रपति के पास दया याचिका लंबित होने और कानूनी उपचार बचे होने को आधार बनाते हुए अदालत में गुरुवार को अर्जी दायर की, जिस पर तिहाड़ जेल प्रशासन को आज अपना जवाब देना है।
बाकी हैं कानूनी रास्ते
अडिशनल सेशन जज अजय कुमार जैन ने दोषियों की अर्जी पर तिहाड़ जेल प्रशासन को नोटिस जारी किया। ऐडवोकेट एपी सिंह के जरिए दया याचिका में 1 फरवरी को उनकी फांसी पर रोक की मांग की गई है। अदालत ने तिहाड़ जेल सुपरिंटेंडेंट से शुक्रवार को सुबह 10 बजे तक इसका जवाब दाखिल करने को कहा है। गुरुवार को इस पर सुनवाई के दौरान दोषियों के वकील ने अदालत में कहा कि फांसी को अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया जाना चाहिए, क्योंकि कुछ दोषियों के पास कानूनी उपचार अभी बाकी हैं।
अभियोजन ने बताया मजाक
अभियोजन पक्ष ने कहा कि याचिका न्याय का मजाक है और यह फांसी को टालने की महज एक तरकीब के सिवा कुछ नहीं है। इस गैंगरेप के मामले में मौत की सजा पाए चार दोषियों में से तीन- विनय, अक्षय और पवन की ओर ओर से यह अर्जी दायर की गई, जिनका प्रतिनिधित्व सिंह कर रहे हैं जबकि, मुकेश नाम के चौथे दोषी की फांसी की सजा तय हो चुकी है। इससे बचने का अब कोई विकल्प उसके पास नहीं बचा है।
जेल पहुंचे जल्लाद पवन
एक दोषी विनय ने निचली अदालत का रुख किया और फांसी को इस आधार पर अनिश्चितकाल के लिए टालने की मांग की है कि कुछ दोषी अपने पास मौजूद सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं। इस पर कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है। इस बीच निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए मेरठ जेल से पवन जल्लाद गुरुवार को तिहाड़ जेल पहुंच चुके हैं।