नई दिल्ली। इस साल सात कंपनियों के प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए 36 गुना से लेकर 165.6 गुना तक की बोली मिली। मजबूत कारोबारी बुनियाद और विशिष्ट कारोबारी क्षेत्र के कारण इन कंपनियों को इतनी शानदार बोली मिली। इनमें से कुछ कंपनियों की तो अपने कारोबारी क्षेत्र में मोनोपॉली है।
माइक्रोफाइनेंस कंपनी उज्जीवन फाइनेंशियल सर्विसेज की सहायक इकाई उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक इस साल का सबसे सफल आईपीओ रहा। इस आईपीओ को इस साल सर्वाधिक 165.6 गुना बोली मिली। यही नहीं इस आईपीओ को जनवरी 2018 के बाद सबसे अधिक बोली मिली है। यह आईपीओ 750 करोड़ रुपए का था। जबकि इश्यू में 76,000 करोड़ रुपए के शेयरों के लिए बोली मिली।
IRCTC रहा दूसरा सबसे सफल आईपीओ
दूसरा सबसे सफल आईपीओ इंडियन रेलवेज कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) का रहा। यह आईपीओ अक्टूबर में आया था और इसके लिए 112 गुना बोली मिली। अन्य आईपीओ में सीएसबी बैंक के लिए 87 गुना, एफल (इंडिया) के लिए 86.5 गुना, पॉलीकैब इंडिया के लिए 52 गुना, नियोजेन केमिकल्स के लिए 41.2 गुना और इंडियामार्ट इंटरमेश के लिए 36.2 गुना बोली मिली।
इस साल आए आईपीओ की एक खास बात यह भी रही कि इनमें कंपनी के कारोबारी विस्तार के लिए कम पैसे जुटाए गए और शेयरधारकों के शेयरों के शेयरों की बिक्री अधिक हुई। हालांकि सीएसबी बैंक, आईआरसीटीसी, स्टर्लिंग एंड विल्सन सोलर, स्पंदना स्फूर्ति फाइनेंशियल, एफल इंडिया, नियोजेन केमिकल्स, पॉलीकैब और चैलेट होटल्स जैसे सभी आईपीओ में नए शेयर और ऑफर फॉर सेल दोनों ही शामिल थे। यानी इन कंपनियों के शेयरधारकों ने जहां अपने शेयर बेचे, वहीं कंपनी के कारोबारी विस्तार के लिए भी पैसे जुटाए गए।