कोटा। को -ऑपरेटिव क्षेत्र के हाड़ौती के सबसे बड़े बैंक कोटा नागरिक सहकारी बैंक के मुनाफे में इस बार भारी गिरावट दर्ज हुई है। बैंक के मुनाफे में वर्ष 2018 -19 में 295.54 लाख रुपये कमी आई है। बैंक का ग्रॉस एनपीए भी इस बार बढ़कर 16.74 फीसदी और नेट एनपीए 9.74 फीसदी रहा। यह जानकारी बैंक की वर्ष 2018-19 की ऑडिट रिपोर्ट में दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार बैंक को वर्ष 2017 -18 में 781.88 लाख का शुद्ध प्रॉफिट बताया गया था। जो वर्ष 2018-19 में घटकर 486.34 लाख रुपये रह गया। आयकर से पूर्व 2017-18 में आय से लाभ का प्रतिशत 6.39 और 2018-19 में घटकर 3.88 प्रतिशत रहा। आयकर प्रावधान के बाद 2017-18 में 4.21 था, जो 2018-19 में घटकर 1.29 प्रतिशत रहा।
पद्मा शारदा एंड एसोसिएट ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में हिसाब-किताब में गड़बड़ी जैसे कई आक्षेप लगाए हैं। जिनके जवाब में बैंक प्रबंधन ने कई जगह पूर्ति अपेक्षित नहीं लिखा है।
आक्षेप इस प्रकार हैं :
-अवधि समाप्त मियादी अमानतों को पृथक से नहीं दिखाया जाता है। जो आरबीआई के प्रावधानों के विपरीत है।
_ऑडिट के दौरान यह पाया गया है कि मुख्यालय स्तर पर बनाये गए वसूली विभाग द्वारा एनपीए खातों का शाखाओं से चयन उचित प्रक्रिया से नहीं किया जाता है। जिससे वसूली की कार्रवाई नियत समय पर नहीं होती।
-ऋण आवेदन पत्रावलियों के साथ ऋण आवेदनकर्ता द्वारा दिए गए प्रपत्रों पर ग्राहकों के हस्ताक्षर लिए जाने चाहिए। जिससे कि बैंक में जमा किये गए उक्त प्रपत्रों के प्रति सबंधित ग्राहक की जिम्मेदारी का निर्धारण किया जा सके। कतिपय ऋण पत्रावलियों में इसकी पालना नहीं की गई है।