अतिवृष्टि से बर्बाद किसानों को कोई पूछने वाला नहीं, अब होगा आंदोलन

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कोटा। सरकार ने मान लिया है कि अतिवृष्टि से केवल शहरों में नुकसान हुआ है। इसलिए कोई नाव में बैठकर तो कोई वायुयान में बैठकर केवल शहरों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन गांवों में खराब हुई फसलों की चिन्ता करने वाला कोई नहीं है। किसानों की सोयाबीन समेत सम्पूर्ण खरीफ की फसल खत्म हो चुकी है। दूसरी ओर, किसानों ने बीमा राशि का प्रीमियम वसुलने के बावजूद बीमा कवर देने के कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं।

किसानों की यह पीड़ा भारतीय किसान संघ के काशीपुरी धर्मशाला में आयोजित दो दिवसीय अभ्यास वर्ग के समापन के दौरान छलक पड़ी। भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रान्त के मंत्री जगदीश शर्मा कलमण्डा ने फसलों के अतिवृष्टि से खराबे को लेकर जनप्रतिनिधियों की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि बार बार चेताने, धरने और प्रदर्शन के बावजूद राज्य सरकार किसानों की इस विकट समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।

राज्य और केन्द्र की सरकार तथा बामी कंपनियां किसानों के साथ छलावा कर रही हैं, लेकिन किसान अपनी किस्मत पर रो रहा है। भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय मंत्री बृजकिशोर सिंह ने कहा कि कोटा देश का पहला जिला है जहां भारतीय किसान संघ की स्थापना हुई थी। उन्होंने कार्यकर्ताओं को आव्हान करते हुए कहा कि राजनैतिक व्यक्ति किसी का नहीं होता, हमारा किसान जागृत होगा उससे ही हमारे संगठन की पहचान होगी।

अभ्यास वर्ग में श्रीकृष्ण मुरारी, प्रदेश संगठन मंत्री राजवीर सिंह, प्रान्तीय संगठन मंत्री परमानन्द, सम्भागीय अध्यक्ष घनश्याम मीणा, प्रान्तीय मंत्री जगदीश शर्मा कलमण्डा, जिलाध्यक्ष गिरिराज प्रसाद चौधरी , उपाध्यक्ष देवी शकंर गुर्जर, जिला प्रचार प्रमुख रूप नारायण यादव एवं जिला सहमंत्री लालचन्द शर्मा समेत सभी जिला एवं तहसील कार्यकारिणी के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

4 अक्टूबर को करेंगे विशाल प्रदर्शन
भारतीय किसान संघ के संभागीय प्रवक्ता आशीष मेहता ने बताया कि 4 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे कोटा कलेक्ट्रेट पर विशाल धरना एवं प्रदर्शन रखा गया है। जिसमें किसानों की ओर से अपनी विभिन्न मांगें जिला प्रशासन के सामने रखी जाएंगी। उन्होंने बताया कि सरकार, जनप्रतिनिधि और प्रशासन ने किसानों के खराबे को लेकर आंख्ने मूंद ली हैं। जिसको लेकर प्रशासन को अंतिम चेतावनी दी जाएगी। इसके बाद अनिश्चितकालीन महापड़ाव किया जाएगा।