कोटा। एचबीपीटी कपास, बीटी बैंगन और जीएम सरसों के बीज के नाम पर किसानों के साथ धोखाधड़ी हो रही है। इन बीजों के नाम पर मुनाफाखोर कंपनियों का दबदबा बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण से अन्नदाता किसान की आत्महत्या में वृद्धि हुई है। जबकि जीएम फसल में कोई अधिक उपजाऊ वाला जीन नहीं डाला गया है।
इस मामले की शिकायत भारतीय किसान संघ कोटा संभाग की ओर से देशव्यापी अभियान के तहत गुरूवार को सभी तहसील मुख्यालयों पर प्रधानमंत्री, कृषि मंत्री, पर्यावरण मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर की। ज्ञापन में बताया कि बीज के मूल स्वरूप की ताकत व किसानों के रखरखाव के कारण से फसल की उपज मिल पा रही है। एचडीबीटी कपास, बीटी बैंगन, जीएम सरसों को अभी तक अनुमति प्राप्त नहीं है।
यह तीनों बीज अपने प्रस्तुतकर्ताओं के पास सुरक्षित मौजूद है। यह बीज किस प्रकार उनके यहां से किसानों तक पहुंचा यह बड़ा और मुख्य प्रश्न है। इन बीजों की बिक्री कानूनन अपराध है। इन बीजों की अवैधानिक विक्रय करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।
ज्ञापन में कहा गया कि सहकारी ऋण वितरण किसान की स्वीकृत साख के अनुसार वितरित किया जाए। जिन किसानों को अभी तक सहकारी ऋण का लाभ नहीं मिला, उनको भी नई पत्रावली स्वीकृत कर उपलब्ध कराया जाए।
भारतीय किसान संघ के संभागीय मीडिया प्रभारी आशीष मेहता ने बताया कि कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड की सभी तहसीलों में एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर बीटी बीज बेचने पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है। कोटा महानगर और लाड़पुरा तहसील की ओर से जिला कलैक्ट्रेट पहुंचकर एडीएम आरडी मीणा को ज्ञापन सौंपा गया।
वहीं कोटा जिले में दीगोद, पीपल्दा, रामगंजमंडी और सांगोद में भी ज्ञापन दिए गए। इसके अलावा बारां जिले में अन्ता, अटरू, बारां नगर, छबड़ा, छीपाबड़ौद, किशनगंज, मांगरोल और शाहाबाद में एसडीएम और तहसीलदार को ज्ञापन दिए गए। झालावाड़ में भी अकलेरा, गंगधार, झालरापाटन, खानपुर, मनोहरथाना, पचपहाड़ और पिड़ावा तथा बूंदी जिले में नगर, हिण्डोली, इन्द्रगढ, केशवरायपाटन, नैनवां में ज्ञापन देकर अपनी मांग रखी।