जयपुर /कोटा। लहसुन के समर्थन मूल्य घोषित करने के बाद भी किसानों का गुस्सा कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। भारतीय किसान संघ की ओर से राजस्थान के कोटा समेत सातों संभाग मुख्यालयों के धरना कार्यक्रमों में खासी संख्या में किसानों पहुंचे। सभी प्रकार का लहसुन खरीदने एवं अन्य मांगों को लेकर गुरुवार से संभागीय आयुक्त कार्यालय पर महापड़ाव डाल दिया है।
किसान यूनियन ने भी अपनी मांगों के चलते धरना गुरुवार को भी जारी रखा और अर्द्धनग्न प्रदर्शन करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली का पुतला फूंका और लहसुन की होली जलाई। भामाशाहमंडी में दूसरे दिन राजफैड ने कांटे पर खरीद की, लेकिन केवल 134 कट्टे की खरीदे गए। अधिकारियों का कहना है कि किसान ही सरकारी खरीद पर लहसुन बेचने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं।
भारतीय किसान संघ ने मानव विकास भवन से रैली निकालकर संभागीय कार्यालय पहुंचे और यहां पर महापड़ाव शुरू कर दिया। इसमें 19 तक कार्यक्रम तय कर दिए हैं। किसान नेता प्रदेश सह महामंत्री जगदीश शर्मा ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे अनिश्चितकाल के लिए महापड़ाव जारी रखेंगे।
राज्य की बहरी सरकार को जगाने के लिए कई जगह पड़ाव डालने पड़ रहे हैं। सीएम घोषणा पत्र के वादे ही भूल गई है। संयोजक शंकरलाल नागर, प्रांत अध्यक्ष मोहन लाल नागर सह संयोजक रघुनाथ सिंह ने भी महापड़ाव को संबोधित किया। शाम 4 बजे किसानों ने संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। महापड़ाव रात में भी जारी था। यहां रात तक काफी किसान जमे हुए थे।
शुक्रवार को झालावाड़ के किसान महापड़ाव में शामिल होंगे। पहले दिन अमर लाल गहलोत, हेमराज यदुवंशी, अमृत छजावा, प्रेमशंकर धाकड़, महिला प्रमुख भारती धाकड़ ने भी संबोधित किया। जिला मंत्री देवीशंकर गुर्जर ने बताया कि महापड़ाव में रोज एक जिले के किसान शामिल होंगे।
मंत्री ने फोन करके कहा-मामला क्यों बढ़ा रहे हो
किसान नेता शंकरलाल ने बताया कि मंत्री बाबूलाल वर्मा उन्हें फोन करके आंदोलन को लेकर बात की और कहा कि इतना बढ़ा क्यों कर रहे हो, इससे क्या होगा। इसके अलावा सीआईडी से भी कई फोन आए।
किसान हितैषी होने का कर रहे दिखावा
भाजपाकिसान नेता गिर्राज गौतम ने कांग्रेस पार्टी अन्य विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि जिन राजनैतिक दलों का आजादी के बाद से 70 वर्षों तक किसानों का शोषण किया, वह आज किसान हितैषी होने का दिखावा कर रहे हैं।
बेटा अपने पिता को सांत्वना देता रहा
भामाशाहमंडी में कांटे पर लहसुन बेचने आए सुल्तानपुर के किसान ओम प्रकाश का लहसुन कैंसिल कर दिया गया तो वह रुआंसे होकर ढेर पर बैठ गए। ऐसे में बेटा अपने पिता को सांत्वना देता रहा। किसान ने बताया कि उन्होंने 20 बीघा में फसल की थी, लागत भी नहीं निकल पाया। अब लहसुन की फसल नहीं करेंगे।