नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। जीएसटी लागू होने के बाद एक औसत भारतीय परिवार को रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाले सामानों की खरीदारी पर हर महीने 320 रुपये की बचत हो रही है। वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने कंज्यूमर एक्सपेंडिचर डेटा के विश्लेषण का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है।
सूत्र ने बताया कि सामान्य इस्तेमाल की वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में कटौती के कारण उपभोक्ताओं को यह बचत हो रही है। जीएसटी लागू होने से पहले और उसके बाद परिवारों के खर्च के विश्लेषण से पता चलता है कि खाद्य और पेय पदार्थों के साथ ही रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाली वस्तुओं जैसे हेयर ऑइल टूथपेस्ट, साबुन, वाशिंग पाउडर तथा फुटवियर सहित 83 वस्तुओं पर टैक्स रेट में कमी आई है।
एक्सपेंडिचर अनालिसिस का संदर्भ देते हुए सूत्र ने कहा कि अगर कोई परिवार 10 वस्तुओं-अनाज, खाद्य तेल, चीनी, चॉकलेट, नमकीन और मिठाई, कॉस्मेटिक्स और टॉयलेट्रीज, वाशिंग पाउडर, टाइल्स, फर्नीचर और कॉइर प्रॉडक्ट्स एवं घरों में इस्तेमाल में आने वाली कई अन्य वस्तुओं पर हर महीने 8,400 रुपये खर्च करता है, तो उस परिवार को हर महीने 320 रुपये की बचत होगी।
नियमित इस्तेमाल में आने वाली इन वस्तुओं पर 8,400 रुपये के मासिक खर्च पर जीएसटी के तहत 510 रुपये का टैक्स लगता है। जबकि जीएसटी लागू होने से पहले इस पर 830 रुपये का कर लगता था। इस तरह 320 रुपये की बचत होती है।
सूत्र ने कहा कि गेहूं और चावल को जीएसटी के तहत टैक्स से छूट दी गई है, जबकि पहले इन पर 2.50-2.75 फीसदी का टैक्स लगता था। उसी तरह, मिल्क पाउडर पर टैक्स को पहले के छह फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दिया गया।
उसी तरह, सुगर कॉन्फेक्शनरी पर जीएसटी के तहत 18 फीसदी का टैक्स लगाया गया है, जबकि पहले की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में इस पर 21 फीसदी का टैक्स लगता था। साथ ही, वॉशिंग पाउडर पर टैक्स को घटाकर फीसदी किया गया, जो पहले 28 फीसदी था।