नई दिल्ली। उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने एक ट्रैवल एजेंसी पर छापा मार कर लगभग 2.46 लाख रुपये कीमत के ई टिकट बरामद किए हैं। दिल्ली मंडल को 20 सितम्बर को सूचना मिली थी कि एक ट्रेवल एजेंसी बड़े पैमाने पर टिकटों की कालाबाजारी कर रही है।
ऐसे में दिल्ली मंडल ने आरपीएफ व आईआरसीटीसी के अधिकारियों की एक टीम का गठन किया और गांधी नगर स्थित अंकित टूर एंड ट्रेवेल्स नाम की कंपनी पर छापा मारा। इस छापा में इस एजेंसी से 94 ई टिकट बरामद हुए। इन टिकटों को अवैध तरीके से विभिन्न नामों से बुक किया था।
दिवाली और छठ पर मांग को देखते हुए की थी तैयारी
जांच में पाया गया कि इस एजेंसी ने मार्च 2018 से अब तक लगभग 30 लाख रुपये कीमत के टिकट बनाए हैं। इन टिकटों को 250 फर्जी यूजर आईटी की जरिए बनाया गया था। वर्तमान समय में ये सभी यूजर आईडी डी एक्टीवेट किए जा चुके हैं।
पूछताछ में एजेंसी के एजेंसी के मालिक ने बताया कि दिवाली, छठ पूजा और त्येाहारों के दौरान यात्रियों की मांग को ध्यान में रखते हुए इन टिकटों की बुकिंग की गई थी । ये सभी टिकट फर्जी आईडी के जरिए बुक किए गए थे। इस मामले में एजेंसी के मालिक अंकित को रेलवे एक्ट की धारा U/S 143 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं इस एजेंसी के लाइसेंस को भी रद्द कर दिया गया है।
रेल मंत्रालय ने भी जारी किए निर्देश
रेल मंत्रालय की ओर से विभिन्न स्टेशनों पर किए गए औचक निरीक्षण के बाद ये तथ्य सामने आए हैं कि स्टेशनों पर तैनात स्टॉफ नियमित तौर पर यात्रियों के टिकटों की जांच नहीं कर रहा है। वहीं नियमों के तहत कुछ टिकट जमा कर इस बात की भी जांच नहीं की जा रही है कि कहीं कोई टिकट फर्जी तो नहीं ।
ऐसे में रेल मंत्रालय की ओर से सभी जोन और मंडलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे टिकटों की जांच की व्यवस्था को सुनिश्चित करें कि टिकटों की जांच नियमों के तहत की जाए और सैंपल के तौर पर कुछ टिकट एकत्र कर उनकी जांच की जाए।
जांच में ये तथ्य आए सामने
रेलवे बोर्ड की विशेष टीम की ओर से की गई जांच में पाया गया कि एग्जिट गेट पर टिकट चेकिंग स्टाफ मौजूद नहीं रहता है, जिससे कि बाहर जाने वाले पैसेंजरों की न तो चेकिंग हो रही है और न ही टिकटों की जांच के लिए सैंपल के तौर पर टिकट एकत्र किए जा रहे हैं। नियमों के अनुसार रेलवे का कुछ टिकट चेकिंग स्टॉफ स्टाफ ट्रेनों में ड्यूटी करता है, वहां टिकटों की जांच करता है, जबकि कुछ स्टाफ स्टेशन पर ड्यूटी करता है, जो कि ज्यादातर स्टेशन के एग्जिट पर खड़े होते हैं औंर टिकटों की जांच करते हैं।