नई दिल्ली। Stock Market Opened: दिवाली के बाद भी शेयर मार्केट में लगातार तीसरे दिन तेजी जारी है। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 727 अंकों की बंपर उछाल के साथ आज 85154 पर खुला। जबकि, एनएसई के 50 स्टॉक्स वाले बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी ने 188 अंक ऊपर 26057 के लेवल से गुरुवार के कारोबार की शुरुआत की।
टॉप गेनर्स और टॉप लूजर्स
- बीएसई में इन्फोसिस, एचसीएलटेक और टेक महिंद्रा प्रमुख बढ़त दर्ज करने वाले शेयर रहे। वहीं बजाज फिनसर्व, मारुति और पावर ग्रिड सबसे अधिक कमजोर रहे।
- एनएसई में भी इन्फोसिस, एचसीएलटेक और टेक महिंद्रा शीर्ष लाभ में रहे। इंडिगो, आइचर मोटर्स और सन फार्मा लाइफ सबसे अधिक नुकसान में रहे।
- ब्रॉडर मार्केट में भी तेजी देखी गई। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 0.33 प्रतिशत बढ़ा, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.44 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ।
- सेक्टर्स की बात करें तो निफ्टी आईटी इंडेक्स सबसे अधिक बढ़त के साथ 1.84 प्रतिशत ऊपर गया। वहीं निफ्टी रियल्टी सबसे कमजोर रहा और 0.08 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की।
गोलबल मार्केट के संकेत
- एशियन मार्केट
अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर के बीच वॉल स्ट्रीट पर रातभर में गिरावट के बाद एशियाई बाजारों में गुरुवार को गिरावट दर्ज की गई। जापान के निक्केई 225 इंडेक्स में 1.28 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि टॉपिक्स 0.71 प्रतिशत गिर गया। दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 0.54 प्रतिशत गिर गया, जबकि कोस्डैक 1 प्रतिशत खो गया। हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स फ्यूचर्स ने कम खुलने का संकेत दिया। - गिफ्ट निफ्टी टुडे
गिफ्ट निफ्टी 26,281 लेवल के आसपास कारोबार कर रहा था, जो निफ्टी फ्यूचर्स के पिछले बंद भाव से लगभग 374 अंक का प्रीमियम था। यह भारतीय शेयर बाजार सूचकांकों के लिए एक बड़े गैप-अप स्टार्ट का संकेत देता है। - वॉल स्ट्रीट
अमेरिकी शेयर बाजार बुधवार को मिश्रित आय के बाद गिरावट के बाद बंद हुआ। डॉऊ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 334.33 अंक या 0.71 प्रतिशत गिरकर 46,590.41 पर आ गया, जबकि एसएंडपी 500 35.95 अंक या 0.53 प्रतिशत गिरकर 6,699.40 पर आ गया। नैस्डैक कंपोजिट 213.27 अंक या 0.93 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,740.40 पर बंद हुआ। - भारत-अमेरिका ट्रेड डील
भारत और अमेरिका एक ट्रेड डील के करीब पहुंच रहे हैं, जो भारतीय निर्यात के लिए मौजूदा टैरिफ को 50 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत – 16 प्रतिशत कर सकता है, मिंट ने इस मामले की जानकारी रखने वाले तीन लोगों के हवाले से बताया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊर्जा और कृषि बातचीत की मेज पर प्रमुख कार्ड के रूप में उभर रहे हैं, ऐसे में भारत धीरे-धीरे रूसी तेल के आयात को कम करने पर सहमत हो सकता है।

