नई दिल्ली । हालांकि आमतौर पर जुलाई 2023 से ही देश से गैर बासमती सफेद चावल के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है मगर सरकार से सरकार स्तर पर मित्र देशों को इसका निर्यात किया जा सकता है। इस चैनल के माध्यम से भारत सरकार अब तक कई देशों को गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात का कोटा नियत कर चुका है।
इसी श्रृंखला की एक कड़ी के रूप में अब मारीशस को 14 हजार टन सफेद चावल के निर्यात की स्वीकृति दी गई है। ज्ञात हो कि मारीशस को हिन्द महासागर में बसा छोटा भारत (मिनी इंडिया) भी कहा जाता है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 6 मई को जारी एक अधिसूचना में कहा है कि मारीशस को इस 14 हजार टन सफेद (कच्चे) चावल का निर्यात राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) द्वारा किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि विभिन्न मित्र देशों की आंतरिक खाद्य सुरक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत सरकार समय-समय पर उसके लिए सफेद चावल का निर्यात कोटा निर्धारित करती रही है।
इसके तहत तंजानिया, जिबूती एवं गिनी बिसाऊ सहित कई अन्य अफ्रीकी देशों के लिए भी सफेद चावल का निर्यात कोटा निर्धारित हो चुका है। घरलू प्रभाग में आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने जुलाई 2023 में गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध तथा अगस्त 2023 में सेला चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगा दिया था।