नई दिल्ली। GDP Of India: खपत व्यय बढ़ने से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2024-25 (वित्त वर्ष 2025) में 6.6 प्रतिशत रहने की संभावना है। डेलॉयट इंडिया की ओर से शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में यह सामने आया है।
डेलॉयट इंडिया ने भारत की तिमाही आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2024 के लिए भी भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 7.6 से 7.8 प्रतिशत कर दिया है, जबकि जनवरी की रिपोर्ट में 6.9 से 7.2 प्रतिशत के बीच वृद्धि का अनुमान लगाया था।
परामर्श एजेंसी ने कहा है कि भारत में मध्य आय वर्ग के लोगों की संख्या में तेज वृद्धि से क्रय शक्ति बढ़ी है और इससे प्रीमियम लग्जरी उत्पादों व सेवाओं की मांग पैदा हुई है। महामारी के बाद उपभोक्ताओं के व्यय में उतार चढ़ाव रहा है, लेकिन खपत के तरीके में बदलाव साफ नजर आ रहा है। भारत में लग्जरी और महंगे उत्पादों व सेवाओं की मांग, बुनियादी जरूरत की चीजों की तुलना में बहुत तेजी से बढ़ रही है।
इसमें कहा गया है, ‘2030-31 तक भारत में हर दो परिवार में से एक परिवार मध्य से उच्च आय वर्ग की श्रेणी में आ जाएगा। अभी हर 4 परिवार में से एक परिवार इस श्रेणी में आता है। हमारा मानना है कि यह धारणा आगे चलकर और मजबूत होगी और इससे कुल मिलाकर निजी उपभोक्ता व्यय वृद्धि में तेजी आएगी।’
डेलॉयट इंडिया में अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार के मुताबिक वृद्धि के रफ्तार पकड़ने के साथ वास्तविक जीडीपी और कोविड के पहले की जीडीपी के बीच अंतर धीरे धीरे कम हो रहा है। मजूमदार ने कहा, ‘पिछले 2 साल से वृद्धि के मजबूत आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था को कोविड के पहले के स्तर में आने में मदद की है। बुनियादी ढांचे पर सरकार के व्यय में तेजी से निवेश को समर्थन मिला है। इससे भारत को वृद्धि की रफ्तार तेज रखने में मदद मिली है।’
बहरहाल परामर्श संस्था ने कहा है कि पूर्वानुमान की अवधि में मजबूत आर्थिक गतिविधियों के कारण महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के 4 प्रतिशत के लक्षित स्तर से ऊपर रहने की संभावना है। डेलॉयट ने दर में कटौती का समर्थन मिलने के कारण वित्त वर्ष 2026 में भारत की वृद्धि दर 6.75 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
मजूमदार ने कहा, ‘चुनाव के परिणाम को लेकर अनिश्चितता खत्म होने के बाद 2025 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में तुलनात्मक बदलाव आने की संभावना है। 2024 के बाद के महीनों में पश्चिम के केंद्रीय बैंक ब्याज दर में 2 कटौती कर सकते हैं। ऐसे में भारत में विदेशी पूंजी की आवक में सुधार और निर्यात में मजबूती आने की संभावना है।’
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब कुछ दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मजबूत घरेलू मांग और कामकाज करने वाली आबादी को देखते हुए वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत का वृद्धि अनुमान 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।
अप्रैल में विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की वृद्धि का अनुमान 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया था। बहरहाल डेलॉयट का वृद्धि अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान की तुलना में कम है। रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था में 7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है।