जयपुर। Rajcomp Fraud: राज्य सरकार की कंपनी RAJCOMP में किस तरह कंपनियों को ठेके देकर अपने रिश्तेदारों के जरिए रिश्वत ली गई इसका खुलासा किसी को भी चौंकाने के लिए काफी है।
पिछली कांग्रेस सरकार में योजना भवन में मिले कैश और सोने की सिल्लियों के तार राज्य सरकार के विभाग DOIT और इसके अंतर्गत आने वाली कंपनी RAJCOMP से जुड़े हैं । इसके बाद से ही लगातार यह कंपनी सुर्खियों में रही।
इस महकमें के बड़े अफसर प्राइवेट कंपनियों को ठेका देते और उनसे अपने रिश्तेदारों की फर्जी नियुक्तियां करवाकर उनके खातों में लाखों रुपये की रिश्वत लेते। ऐसा ही एक मामला DOIT में उपनिदेशक पद पर नियुक्त अधिकारी प्रद्युम्न दीक्षित का सामने आया है।
DOIT अपनी कंपनी RAJCOMP के जरिए केंद्र सरकार के उपक्रम NICSI से मैनपॉवर लेता है। इसके लिए स्वयं RAJCOMP बताता है कि मैनपावर किस कंपनी से लेनी है।प्रद्युमन दीक्षित DOIT के अंतर्गत आने वाले डेटा सेंटर में उपनिदेशक के पद पर कार्यरत है। वो राजकॉम्प के जरिए डेटा सेंटर का कार्य करवाते हैं।
दीक्षित ने एक प्राइवेट कंपनी AURIONPRO के साथ साठ-गांठ कर इस कंपनी को मैनपावर नियुक्त करने के मामले में एवं डेटा सेन्टर के अन्य कार्यों में अनुचित लाभ दिया गया। इसके बदले में अप्रैल 2019 से दीक्षित अपनी पत्नी पूनम को AURIONPRO फर्म के जरिए राजकॉम्प में ठेके पर लगाया। यही नहीं प्रद्युम्न ने खुद ही अपनी पत्नी की प्रोजेक्ट में उपस्थिति सत्यापित की।
RAJCOMP में पूनम को मैनपॉवर में रखने और उसकी परफॉरमेंस रिपोर्ट के सर्टिफिकेट और पूनम के पति प्रद्युमन दीक्षित ईमेल आईडी से पूनम की प्रोजेक्ट में उपस्थिति का वेरिफिकेशन
जानकार सूत्रों के मुताबिक इनकी पत्नी कभी कार्यालय नहीं गईं। वहीं, फर्म AURIONPRO अप्रैल 2019 से एक निश्चित राशि पूनम के अकाउन्ट में लगातार ट्रांसफर कर रही है। वर्तमान में लगभग 1 लाख 60 हजार रुपये प्रतिमाह AURIONPRO के जरिए पूनम के बैंक अकाउन्ट में ट्रान्सफर होते रहे। प्रद्युम्न ने अपनी पत्नी के जरिए कंपनी से अब तक करीब 50 लाख रुपये का बड़ा खेल किया है।
पब्लिक अगेंस्ट करप्शन के सचिव डॉ. टी.एन शर्मा(एडवोकेट) का कहना है कि यह काम पी.सी. एक्ट 1988 की धारा 13(1)(ए) के अंतर्गत criminal misconduct और धारा 409, 403 आईपीसी का अपराध कारित है।