सरकार वनस्पति तेल आयात का 1.75 लाख करोड़ किसानों को दे
नई दिल्ली। Farmers Protest:किसान आंदोलन के बीच केंद्र ने रविवार को हुई चौथे दौर की बातचीत में कुछ फसलों पर MSP देने का प्रस्ताव दिया। सरकार चार फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई थी। केंद्र सरकार की ओर से धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्का और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया गया, लेकिन इसके लिए किसानों को NCCF, NAFED और CCI से पांच साल का करार करने की बात कही गई थी।
रविवार को हुई इस बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा था कि वे सभी संगठनों से विमर्श करके इस मुद्दे पर अपना फैसला सुनाएंगे। अब किसानों ने केंद्र के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। किसान संगठनों ने सोमवार देर शाम शंभू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र के प्रस्ताव को खारिज करते हुए अपनी आगे की रणनीति बताई।
किसानों का कहना है कि केंद्र के प्रस्ताव में कुछ दम नहीं है। इस प्रस्ताव से किसानों का कोई फायदा नहीं होगा। इसके साथ ही किसानों ने सरकार को मंगलवार तक का अल्टीमेटम दिया है। किसानों ने कहा है कि वे 21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे।
किसानों को फायदा नहीं
शंभू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान नेताओं ने कहा की सरकार के प्रस्ताव में किसानों को फायदा नहीं है आगे उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री का कहना है कि सरकार MSP की गारंटी अगर देती है, तो केंद्र का डेढ़ लाख करोड़ रुपये खर्च होगा। लेकिन संस्था के अनुसार, अगर सरकार सभी फसलों पर MSP देती है तो इसमें एक लाख 75 हजार करोड़ रुपये में काम चल सकता है। अगर सरकार इतना पैसा लगा रही है, तो सभी फसलों पर MSP देनी चाहिए।
सरकार की मंशा पर सवाल: किसानों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। साथ ही किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने केंद्र के प्रस्ताव को लेकर कहा, हमारी सरकार बाहर से 1.75 लाख करोड़ रुपये का वनस्पति तेल मंगाती है।
अगर यही रुपया देश के किसानों को MSP देने के लिए खर्च करे, तो इससे काम बन जाएगा। किसान केंद्र के द्वारा सिर्फ कुछ फसलों पर MSP देने के पक्ष में नहीं हैं। किसानों का कहना है सिर्फ नाम मात्र की फसलों पर एमएसपी के लिए सरकार मानी है वो भी कई शर्तों के साथ, इससे किसानों का कोई फायदा नहीं है। किसानों ने एक बार अपनी मांग स्पष्ट करते हुए कहा है कि सरकार 23 फसलों पर MSP की घोषणा करे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने सरकार के प्रस्ताव को ठीक से समझा। हमें सभी फसलों पर MSP गारंटी चाहिए। अब सरकार को बताना है कि वो कर्ज माफी के मामले में क्या फैसला कर रही है। दूसरा – उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री बैठक के समय के 3-4 घंटे बाद आते हैं। जिससे ये जाहिर होता है कि सरकार किसानों को लेकर सीरियस नहीं है।
कल करेंगे दिल्ली कूच
आगे की रणनीति बताते हुए किसानों ने कहा कि अब 21 फरवरी को दोपहर 11 बजे किसान दिल्ली कूच करेंगे। बैरिकेडिंग को लेकर किसान बोले कि हम भी इसी देश के नागरिक हैं, हमें शांति से आंदोलन करने दिया जाए। किसान नेताओं ने किसानों से शांति से आंदोलन करने की अपील की है। वहीं सरकार से किसान नेताओं ने कहा है कि हमारी मांगों को मानें या फिर शांति से आंदोलन से करने दें।