प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पर नवरात्र में कल से होगा ठाकुर जी का नव विलास मनोरथ
कोटा। पुष्टिमार्ग प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पर पितृ चतुर्दशी को अंतिम दिन ठाकुर जी के सांझी मनोरथ के दर्शन हुए। इस दौरान रसिकों ने फूलों व रंगों से मनमोहक सांझी बनाकर ठाकुरजी व राधे रानी को रिझाया।
मंदिर के सेवाधिकारी चेतन सेठ तथा मंत्री महेश मोनू व्यास ने बताया कि सांझी उत्सव का शुक्रवार को अंतिम दिन था। इस दौरान प्रभु के दर्शन करने के लिए भक्तों का जमावड़ा लगा।
मंदिर में ठाकुर जी के समक्ष शुक्रवार को एक क्विंटल फूलों से सांझी सजाई गई। जिसमें चंपा, चमेली, गैंदा, गुलाब, मोगरा समेत विभिन्न रंगों के फूलों से विविध रंग भरे गए। फूलों की महक और ठाकुर जी जयकारों से मंदिर परिसर गूंज रहा था। सांझी में गिरिराज प्रभु की तरहटी को सिद्ध किया गया था। ठाकुर जी का कमल और छापे वाली फूलों की डिजाइन अद्भुद लग रही थी।
उन्होंने बताया कि यह उत्सव श्रीप्रिया जी से संबंधित है। जिसमें सांझी के रूप में श्री राधेरानी संध्या देवी का पूजन करती हैं। वर्षाकाल में संध्या के समय आकाश में रंग बिरंगे बादल छाए रहते हैं, इसलिए सांझी भी अनेक रंगों से बनाई गई। इस सुंदर सांझी को देख श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।
प्रथम पीठ युवराज गोस्वामी मिलन कुमार बावा की आज्ञा से पाटनपोल स्थित मंदिर में पितृ पक्ष में मनोरथ उत्सव का भी चतुर्दशी के साथ समापन हो गया। उन्होंने बताया कि नवरात्र के दौरान श्री बड़े मथुराधीश प्रभु के नव विलास का मनोरथ किया जाएगा।