नई दिल्ली। दाल कारोबारियों को अब मसूर दाल के स्टॉक की भी नियमित जानकारी देनी होगी। इसके तहत अगर घोषित सीमा से अधिक स्टॉक मिलता है, तो उसे जमाखोरी माना जाएगा और ऐसा करने वालों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। इससे पहले सरकार ने जून में अरहर और उड़द की दाल पर स्टॉक सीमा लगाने की घोषणा की थी।
दरअसल, तमाम कोशिशों के बावजूद मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण दालों की महंगाई केंद्र सरकार के नियंत्रण से बाहर जा रही है। खाद्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा, दालों का उत्पादन लगातार घट रहा है। बुवाई के रकबे में 11 लाख हेक्टेयर की कमी आई है, जिसे देखते हुए केंद्र ने तत्काल प्रभाव से दाल के कारोबारियों के लिए मसूर दाल के स्टॉक सीमा की प्रति सप्ताह जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है।
26 फीसदी बढ़ सकता है पाम तेल आयात
खपत में सुधार से 31 अक्तूबर को समाप्त होने वाले 2022-23 में देश का पाम तेल आयात 26 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकता है। डीलरों ने बताया कि प्रतिस्पर्धात्मक कीमतों से रिफाइनरी कंपनियों ने त्योहारों के लिए खरीदारी बढ़ा दी है।