नई दिल्ली। Relationships with friends: जर्नल ऑफ सोशल एंड पर्सनल रिलेशनशिप्स में प्रकाशित स्टडी के अनुसार लड़का और लड़की कभी सिर्फ दोस्त नहीं हो सकते। इस स्टडी में पुरुष को महिलाओं की तुलना में अपने अपोजिट जेंडर के साथ सिर्फ दोस्त बने रहने में अधिक परेशानियों का सामना करता पाया गया।
इसमें कोई दोराय नहीं कि प्यार की पहली सीढ़ी दोस्ती होती है। इसलिए कई सारे लोग अपने बेस्ट फ्रेंड या बचपन के दोस्त से शादी भी कर लेते हैं। यहां तक की फिल्मों में भी इस बात का जिक्र खूब होता है कि लड़का और लड़की सिर्फ एक अच्छे दोस्त नहीं रह सकते हैं।
ऐसे में भले ही आप लोगों की सोच को खराब बताकर अपोजिट जेंडर दोस्त के साथ अपनी फ्रेंडशिप को सबसे अलग बता दें, लेकिन इससे सच्चाई बदल नहीं जाती है। और वास्तव में यह सच्चाई क्या है, इसका पता आप इस स्टडी से लगा सकते हैं। जर्नल ऑफ सोशल एंड पर्सनल रिलेशनशिप्स में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, लड़का और लड़की दोस्त नहीं हो सकते हैं, इस दावे में कुछ सच्चाई हो सकती है।
भले ही आप सोच लें कि आप अपोजिट जेंडर के साथ सिर्फ दोस्त बनकर रह सकते हैं, लेकिन रोमांस की संभावना कुछ ही दूरी पर होती है। खासतौर पर यदि आप बेस्ट फ्रेंड हैं।इन परिणामों से पता चलता है कि लड़कियों की तुलना में लड़कों को अपने अपोजिट जेंडर फ्रेंड के साथ सिर्फ दोस्त बने रहने में ज्यादा कठिनाई होती है।
88 अंडर ग्रेजुएट लड़के और लड़कियों से अपोजिट सेक्स फ्रेंडशिप पर सवालों को पूछने के बाद शोधकर्ताओं ने जाना कि लड़के अपनी फीमेल फ्रेंड्स के साथ रोमांस के अवसर ज्यादा तलाश करते हैं। वहीं, ज्यादातर लड़कियां अपने मेल फ्रेंड्स के साथ रोमांस के बार में नहीं सोचती हैं।
249 वयस्कों (जिनमें से कई शादीशुदा थे) से अपोजिट जेंडर के साथ दोस्ती करने के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को लिस्ट करने के लिए कहा गया। जिसमें लोगों ने नकारात्मक पहलुओं में रोमांटिक अट्रैक्शन की संभावना सबसे ज्यादा बतायी। इस स्टडी में भी पुरुष को महिलाओं की तुलना में अपने अपोजिट जेंडर के साथ सिर्फ दोस्त बने रहने में अधिक परेशानियों का सामना करता पाया गया।