क्या जिले के डीएम को इंटरनेट बंद करने का अधिकार है, जानिए नियम

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नई दिल्ली। सरकार कितने दिनों तक इंटरनेट जैसी बुनियादी सुविधाओं को बंद रख सकती है। क्या आपको पता है इंटनरेट बंद करने के नियम, नहीं ना। तो आज हम आपको बता रहे हैं।

केंद्र और राज्य दोनों सरकारें साल 2017 के नियम “द टेम्परेरी सस्पेन्शन ऑफ लेलेकोम सर्विसेज” के अंतर्गत इंटरनेट बंद कर सकती है। इसके डीएम को कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोजीजर सीआरपीसी के सेक्शन 1973 की 144 के अंतर्गत इंटरनेट सेवा बंद करने का अधिकार है।

सरकार द इंडियन टेलिग्राम एक्ट 1885 सेक्शन 5(2) के तहत भी इंटरनेट बंद कर सकती है। इसमें देश की एकता और अखंडता के साथ पब्लिक इमर्जेंसी के मद्देनजर इंटरनेट पर बैन लगाया जा सकता है।

इंटरनेट बंद करने का नियम
साल 2017 से पहले तक इंटरनेट को बंद करने का पूरा अधिकार जिले के डीएम के पास भी होता था। लेकिन साल 2017 में इसमें संशोधन किया गया है। ऐसे में अब इंटरनेट को बंद करने के लिए केंद्र सरकार या फिर केंद्रीय गृह सचिव की इजाजत लेनी होती है। इसके बाद ही इंटरनेट को बंद किया जा सकता है। यह परमिशन पब्लिक इमर्जेंसी या फिर सेफ्टी को देखने हुए दिया जाता है।

कितनी बार बंद हुआ इंटरनेट
इंटरनेट शटडाउन की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में करीब 58 बार इंटरनेट पर बंद किया जा चुका है। जबकि साल 2022 में 77 बार इंटरनेट बंद हुआ था। साल 2021 में यह आंकड़ा 101 और साल 2020 में 132 हुआ करता था। जबकि साल 2019 में 109 बार इंटरनेट पर पहरा हुआ। वही साल 2017 में 79, साल 2016 में 31 बार और साल 2015 में 14 बार, साल 2014 में 6 बार, साल 2013 में 5 बार और साल 2012 में 3 बार इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा था।

सबसे ज्यादा कहां बंद हुआ इंटरनेट
सबसे ज्यादा 422 बार जम्मू और कश्मीर में इंटरनेट बंद रहा था। जबकि राजस्थान में 98 बार इंटरनेट बंद हुआ था। वही उत्तर प्रदेश में 32 बार इंटरनेट ठप हुआ है।