कांग्रेस ने कहा, भाजपा नेताओं से सांठगांठ की कराई जाएगी जांच
-कृष्ण बलदेव हाडा-
Rajendra Singh Gudha in trouble: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार से बर्खास्त किए गए मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा चौतरफा संकट में घिर गए हैं और अब उन्होंने एक बार फिर से अपनी पैतृक पार्टी बहुजन समाज पार्टी की ओर रुख करने का संकेत दिया था, लेकिन अपने लिए वहां भी फ़ाटक बंद पाया।
अब कांग्रेस में उन्हें वापसी की कतई भी उम्मीद नहीं है, क्योंकि पिछले करीब साढे चार सालों से अशोक गहलोत के धुर विरोधी नेता सचिन पायलट की लगातार वकालत करते-करते यह बात राजेंद्र गुढ़ा को अच्छे से समझ में आ गई होगी कि अब एक बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उन्हें अपने मंत्रिमंडल से फ़ाटक बाहर किए जाने के बाद न केवल मंत्रिमंडल में उनके लिए जगह बची है और अब कांग्रेस पार्टी के टिकट पर भी उनकी कोई दावेदारी बाकी नहीं रह गई है। क्योंकि जब गहलोत हाकिम को नहीं अपना पाए तो फ़िर चौबदार की क्या बिसात?
वैसे भी इस बात की इस बार संभावना थी कि उनके बगावती तेवर को देखते हुए कांग्रेस पार्टी उन्हें शायद ही उनके मौजूदा विधानसभा सीट से पार्टी के प्रत्याशी के रूप में टिकट देगी। क्योंकि इससे वहां के स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं में व्यापक रूप से असंतोष फैलने की आशंका जताई जा रही है। उल्लेखनीय की राजेंद्र सिंह गुढ़ा झुंझनू जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से दो बार के विधायक हैं।
पिछला चुनाव राजेंद्र सिंह गुढ़ा बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीते थे, लेकिन बाद में जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अल्पमत में थे तो वे अपने अन्य साथी विधायकों के साथ बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे और सरकार को समर्थन दिया था, जिनके समर्थन की वजह से ही अशोक गहलोत अपनी सरकार बना पाने में कामयाब रहे थे।
ऊंची-ऊंची हांकने के लिए पहले ही बड़बोले नेता का खिताब अर्जित कर चुके राजेंद्र सिंह गुढ़ा सरकार से फ़ाटक बाहर किए जाने के बाद उनकी पैतृक पार्टी बहुजन समाज पार्टी ने अपना फाटक भी उनके लिए बंद कर दिया और यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी इस बार राजेंद्र सिंह गुढ़ा को टिकट नहीं देगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राजेंद्र सिंह गुढ़ा भाजपा में जाने से स्पष्ट शब्दों में इंकार कर रहे हैं। इसलिए अब केवल निर्दलीय रहकर चुनाव लड़ना ही तीसरी बार उनके लिए विधानसभा में पहुंचने की कोशिश का अंतिम रास्ता बचा है। क्योंकि कांग्रेस तो यह कह रही है कि इस बात का पता लगाया जाएगा कि कहीं पिछले अरसे के राजनीतिक घटनाक्रम में भाजपा के नेताओं के साथ राजेंद्र सिंह गुढ़ा की कहीं कोई गूढ़ सांठगांठ तो नहीं रही है?
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी हरजिंदर सिंह रंधावा ने शनिवार को जयपुर में पत्रकारों से यह कहा भी कि इस बात का पता लगाया जाएगा कि राजेंद्र सिंह गुढ़ा की भाजपा नेताओं से कहां तक सांठगांठ थी? श्री रंधावा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पार्टी स्तर पर इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा की भाजपा के नेताओं से कोई खास साठगाठ तो नहीं है।
क्योंकि विधानसभा में मणिपुर के मसले पर राजेंद्र सिंह गुढ़ा का बर्ताव किसी प्रतिपक्ष के नेता से कम नहीं था। वह वही भाषा बोल रहे थे जो भाजपा के नेता बोलते हैं। श्री रंधावा के इस बयान ने राजेंद्र सिंह गुढ़ा के भविष्य में कांग्रेस में बने रहने की कोशिश पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
कांग्रेस तो खासतौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो पहले से ही राज्य सरकार को गिराने की पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की कोशिशों के पीछे भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह सहित राजस्थान के राजेंद्र सिंह राठौड़, गजेंद्र सिंह शेखावत जैसे नेताओं की सांठगांठ होने का आरोप लगाते रहे है।