नई दिल्ली। Groundnut Future Trade: नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) पर आज मूंगफली वायदा कारोबार की शुरुआत हुई। मूंगफली का वायदा कारोबार करीब 13 साल के बाद शुरू हुआ है। मूं
गफली वायदा कॉन्ट्रैक्ट जुलाई से सितंबर 2023 तक के तीन महीने की ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होगा। पिछली बार NCDEX ने मूंगफली वायदा 2006 में शुरू किया था, जो दिसंबर 2009 में बंद हो गया था।
NCDEX पर मूंगफली का जुलाई कॉन्ट्रैक्ट शुरुआत के पहले दिन 6,859 रुपये के भाव पर खुला। लास्ट ट्रेडिंग प्राइस यानी एलटीपी 7075 रुपये थी। इसने 7,122 रुपये के भाव पर दिन का उच्च स्तर और 6,859 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया।
मूंगफली के वायदा भाव अभी हाजिर भाव की तुलना में कम है। हाजिर बाजार में पेराई गुणवत्ता वाली मूंगफली 7,600 से 7,800 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट व जिंस विशेषज्ञ अनुज गुप्ता कहते है कि मूंगफली का उत्पादन कम है।
इसलिए अन्य तिलहनों की कीमतों में भारी गिरावट की तुलना मूंगफली के दाम बहुत कम घटे हैं। हाल में मूंगफली उत्पादक प्रमुख राज्य गुजरात व राजस्थान में भारी बारिश से खरीफ सीजन में मूंगफली की बोआई प्रभावित हो सकती है। ऐसे में आगे मूंगफली की वायदा कीमतों में तेजी आ सकती है। मूंगफली के वायदा भाव बढ़कर 7,500 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर सकते हैं।
कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल ने कहा कि मूंगफली के वायदा भाव अभी हाजिर से भाव की तुलना में 600 से 800 रुपये कम हैं। ऐसे में कम उत्पादन व बोआई प्रभावित होने के बीच मूंगफली के वायदा भाव मौजूदा स्तर से कम से कम 500 रुपये क्विंटल बढ़ने की संभावना है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022-23 के रबी सीजन में करीब 11 लाख टन मूंगफली का उत्पादन होने का अनुमान है। जो पिछले रबी सीजन के उत्पादन करीब 17 लाख टन से काफी कम है।
चालू खरीफ सीजन में 16 जनवरी कोे समाप्त सप्ताह तक 3.51 लाख हेक्टेयर में मूंगफली की बोआई हो चुकी हैं, जो पिछली समान अवधि में 3.20 लाख हैक्टेयर में हुई बोआई से करीब 10 फीसदी ज्यादा है। हालांकि बीते कुछ दिनों में उत्पादक इलाकों में हुई बारिश से अब बोआई पिछडने की आशंका है।