जयपुर। राजस्थान में पारिवारिक विवाद के बकाया भरण-पोषण राशि देने से जुड़ा रोचक मामला सामने आया है। पत्नी को गुजारा भत्ता देने आदेश की पालना में आरोपी पति ने एडीजे कोर्ट क्रम-8 में 55 हजार रुपए के सिक्के पेश हुए। समयाभाव के कारण सिक्कों की गणना नहीं होने पर अदालत ने 26 जून को इनकी गिनती कराने के निर्देश दिए।
अदालत में आरोपी पति की इस हरकत को देखकर सभी लोग स्तब्ध हो गए थे। 7 कट्टों में भरकर सिक्के लाय। कोर्ट में सभी हैरान हो गए। पति की इस हरकत को पत्नी ने मानसिक प्रताड़ना बताया। पत्नी सीमा कुमावत के वकील रामप्रकाश कुमावत ने कहा कि यह मानवीयता नहीं है। ऐसा उन्हें प्रताड़ित करने के लिए किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि इस राशि को गिनने में 10 दिन लग जाएंगे। पति के वकील ने कहा कि वैध भारतीय मुद्रा है।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में अदालत ने पत्नी के प्रार्थना पत्र पर पति दशरथ को पांच हजार रुपए गुजारा भत्ता देने के आदेश दिए थे। दशरथ ने इस आदेश की पालना नहीं की और कई महीनों तक भरण-पोषण राशि जमा नहीं कराई। अदालत में इसकी जानकारी आने पर अभियुक्त के वारंट जारी किए गए थे। जिसकी पालना में हरमाड़ा थाना पुलिस ने पति दशरथ को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। फैमिली कोर्ट के पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर होने के चलते आरोपी पति को लिंक कोर्ट में पेश किया गया। जहां अदालत ने उसे जेल भेजने के आदेश दिए।
इस दौरान आरोपी की ओर से सात कट्टों में लाए 55 हजार रुपए के सिक्के अदालत में पेश किए। आरोपी की ओर से कहा गया कि एक और दो रुपए के यह सिक्के देश की मान्य मुद्रा हैं। ऐसे में इस राशि को स्वीकार किया जाए। वहीं पत्नी की ओर से कहा गया कि आरोपी ने उसे प्रताड़ित करने के लिए हर्जाना राशि सिक्कों के रूप में दी है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सिक्कों की गणना 26 जून को करने के आदेश देते हुए आरोपी पति को जमानत पर रिहा कर दिया है।