नई दिल्ली। अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई पर राहत मिली है। खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर 4.7 प्रतिशत रही जबकि मार्च में यह 5.66 प्रतिशत थी। अप्रैल के महंगाई आंकड़े 18 महीने के निचले स्तर पर हैं।
वहीं, लगातार दूसरा महीना है जब खुदरा महंगाई के आंकड़े रिजर्व बैंक की लिमिट 2-6 प्रतिशत के दायरे में है।बता दें कि आखिरी बार अक्टूबर 2021 में महंगाई इस स्तर के आसपास रही थी। उस समय खुदरा महंगाई 4.48 प्रतिशत थी।
क्या कहते हैं आंकड़े: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर अप्रैल में 3.84 प्रतिशत रही जो मार्च में 4.79 प्रतिशत थी। एक साल पहले अप्रैल महीने में 8.31 प्रतिशत थी। अनाज, दूध और फल आदि की कीमतें बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में 5.7 प्रतिशत से बढ़कर इस साल फरवरी में 6.4 प्रतिशत पर आ गयी थी।
औद्योगिक उत्पादन में गिरावट: वहीं, औद्योगिक उत्पादन के भी आंकड़े आ गए हैं। मार्च में यह 1.1 प्रतिशत की दर से बढ़ा है जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 2.2 प्रतिशत था। मतलब यह हुआ कि औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन 0.5 प्रतिशत ही बढ़ा। इसके अलावा माइनिंग उत्पादन 6.8 प्रतिशत बढ़ा जबकि बिजली उत्पादन में 1.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। समूचे वित्त वर्ष 2022-23 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 5.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह 11.4 प्रतिशत बढ़ा था।